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'सो जा बेटा गब्बर आ जाएगा' की तर्ज पर अपने विधायकों को डरा रही गहलोत सरकार : राठौड़

राजस्थान में विधायकों की फोन टैपिंग (Phone Tapping Case) का 'जिन्न' एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है. पायलट कैंप के विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने एक बार फिर फोन टैपिंग का बयान देकर राजनीतिक गलियारों में सरगर्मियां तेज कर दी है. वेद प्रकाश सोलंकी के बयान के बाद में बीजेपी को एक बार फिर बैठे बिठाए सत्तापक्ष (Gehlot Government) को घेरने का मुद्दा मिल गया है. यही वजह है कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से लेकर उपनेता प्रतिपक्ष ने फोन टैपिंग को लेकर गहलोत सरकार हमलावर हो गए हैं.

rajendra rathore bjp
राजेंद्र राठौड़ का गहलोत सरकार पर हमला
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Published : Jun 12, 2021, 9:35 PM IST

जयपुर. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस की अंदरूनी कलह एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है. अब कांग्रेस के पास छुपाने को कुछ नहीं बचा है. कांग्रेस के विधायक ही अपने फोन टैपिंग को लेकर अंदेशा जता रहे हैं. सतीश पूनिया ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि आज फिर से कांग्रेस के एक विधायक (Ved Prakash Solanki) कह रहे हैं कि 'कई विधायक कहते हैं कि उनके फोन टैप हो रहे हैं, जासूसी हो रही है'. कांग्रेस बताए कि ये विधायक कौन हैं ? 'सो जा बेटा गब्बर आ जाएगा' की तर्ज पर कांग्रेस अपने ही विधायकों को डरा रही है. कांग्रेस बताए गब्बर कब आएगा ?

वहीं, विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी का गहलोत सरकार पर अपने साथी कांग्रेस विधायकों के फोन टैपिंग, जासूसी कराने तथा उनकी सिफारिश पर लगे अफसर-कर्मचारियों को एसीबी से ट्रैप करवाने की धमकियां जैसे गंभीर आरोप लगाना यह सिद्ध करता है कि अंतर्कलह से जूझती कांग्रेस सरकार में उन्हीं के विधायक किस मनोस्थिति और पीड़ा से गुजर रहे हैं. यह बखूबी बयां हो रहा है.

पढ़ें : रनवे से फिर फिसला पायलट का 'प्लेन'...सोलंकी का सरकार पर आरोप...विधायकों की हो रही फोन टैपिंग

राठौड़ ने कहा कि निजता का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत दिए गए जीने के अधिकार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हिस्सा है, लेकिन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस सरकार संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है. गहलोत सरकार के खिलाफ विरोध के स्वर मुखर करने वाले अपने ही विधायकों के फोन टैपिंग व जासूसी के आरोपों से स्पष्ट होता है कि कांग्रेस विधायक सत्ता के दुरुपयोग से आतंकित होकर भय के वातावरण में जीने को मजबूर हैं.

राठौड़ ने कहा कि विगत वर्ष जुलाई माह के बाद अब एक बार फिर अंतर्द्वंद्व से घिरी कांग्रेस सरकार जनप्रतिनिधियों की आवाज कुचलने के लिए अवैधानिक ढंग से फोन टैपिंग का बेजा इस्तेमाल कर रही है. फोन टैपिंग में महारथ हासिल कर चुकी कांग्रेस सरकार अपने ही विधायकों पर जुल्म ढा रही है, जिस वजह से कई विधायक स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और कांग्रेस रूपी डूबते जहाज से बचकर बाहर निकलना चाहते हैं.

राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के कई विधायकों का दबी जुबां में फोन टैपिंग की बात को स्वीकार करना इस बात पर मुहर लगाता है कि कांग्रेस सरकार में आंतरिक कलह चरम पर है जो कभी भी ज्वालामुखी बनकर फूट सकता है. राठौड़ ने जनप्रतिनिधियों के फोन टैपिंग प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच और भयक्रांत कांग्रेस विधायकों को विशेष सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग की है.

जयपुर. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस की अंदरूनी कलह एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है. अब कांग्रेस के पास छुपाने को कुछ नहीं बचा है. कांग्रेस के विधायक ही अपने फोन टैपिंग को लेकर अंदेशा जता रहे हैं. सतीश पूनिया ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि आज फिर से कांग्रेस के एक विधायक (Ved Prakash Solanki) कह रहे हैं कि 'कई विधायक कहते हैं कि उनके फोन टैप हो रहे हैं, जासूसी हो रही है'. कांग्रेस बताए कि ये विधायक कौन हैं ? 'सो जा बेटा गब्बर आ जाएगा' की तर्ज पर कांग्रेस अपने ही विधायकों को डरा रही है. कांग्रेस बताए गब्बर कब आएगा ?

वहीं, विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी का गहलोत सरकार पर अपने साथी कांग्रेस विधायकों के फोन टैपिंग, जासूसी कराने तथा उनकी सिफारिश पर लगे अफसर-कर्मचारियों को एसीबी से ट्रैप करवाने की धमकियां जैसे गंभीर आरोप लगाना यह सिद्ध करता है कि अंतर्कलह से जूझती कांग्रेस सरकार में उन्हीं के विधायक किस मनोस्थिति और पीड़ा से गुजर रहे हैं. यह बखूबी बयां हो रहा है.

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राठौड़ ने कहा कि निजता का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत दिए गए जीने के अधिकार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हिस्सा है, लेकिन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस सरकार संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है. गहलोत सरकार के खिलाफ विरोध के स्वर मुखर करने वाले अपने ही विधायकों के फोन टैपिंग व जासूसी के आरोपों से स्पष्ट होता है कि कांग्रेस विधायक सत्ता के दुरुपयोग से आतंकित होकर भय के वातावरण में जीने को मजबूर हैं.

राठौड़ ने कहा कि विगत वर्ष जुलाई माह के बाद अब एक बार फिर अंतर्द्वंद्व से घिरी कांग्रेस सरकार जनप्रतिनिधियों की आवाज कुचलने के लिए अवैधानिक ढंग से फोन टैपिंग का बेजा इस्तेमाल कर रही है. फोन टैपिंग में महारथ हासिल कर चुकी कांग्रेस सरकार अपने ही विधायकों पर जुल्म ढा रही है, जिस वजह से कई विधायक स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और कांग्रेस रूपी डूबते जहाज से बचकर बाहर निकलना चाहते हैं.

राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के कई विधायकों का दबी जुबां में फोन टैपिंग की बात को स्वीकार करना इस बात पर मुहर लगाता है कि कांग्रेस सरकार में आंतरिक कलह चरम पर है जो कभी भी ज्वालामुखी बनकर फूट सकता है. राठौड़ ने जनप्रतिनिधियों के फोन टैपिंग प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच और भयक्रांत कांग्रेस विधायकों को विशेष सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग की है.

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