जयपुर. विधानसभा में शुक्रवार को अनुदान मांगों पर बहस में शामिल होते हुए निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. जिसको लेकर सदन में जबरदस्त हंगामा हो गया. संयम लोढ़ा ने कहा कि पिछली सरकार ने जल स्वावलंबन के नाम पर बड़ा भ्रष्टाचार किया है. इस पर बीजेपी विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया और निर्दलीय विधायक को ज्यादा समय देने का आरोप लगाते हुए उन्हें बैठाने की मांग करने लगे. हंगामे के समय सीट पर सभापति के तौर पर डॉक्टर जितेंद्र बैठे थे. लेकिन जैसे ही हंगामा ज्यादा हुआ तो चेयर पर राजेंद्र पारीक आ गए. लेकिन जब राजेंद्र पारीक से भी हंगामा नहीं संभला तो स्पीकर सीपी जोशी को आसन पर आना पड़ा.
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि सबके लिए समय निर्धारित होने के बाद भी निर्दलीय विधायक को तय समय से भी ज्यादा बोलने दिया जा रहा है. ताकि वह बीजेपी को गालियां दे सके. हम गालियां सुनने के लिए सदन में नहीं आए हैं. इस दौरान संयम लोढ़ा ने कहा कि माधुर आयोग का गठन भाजपा सरकार में हुए भ्रष्टाचार के चलते हुआ था. इस पर गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि माथुर आयोग का गठन हुआ था. लेकिन उसमें निकलकर क्या आया. इस पर लोढ़ा ने कहा कि आयोग का चेयरमैन मुझे बना दो तो सब पता चल जाएगा. इस पर सदन में हंगामा और ज्यादा बढ़ गया और प्रयासों के बाद भी जब सदन ऑर्डर में नहीं आ सका तो स्पीकर ने आधे घंटे के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.
आधे घंटे के बाद जब सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई तो बीजेपी विधायकों ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया. भाजपा विधायकों ने कहा कि निर्दलीय विधायक को अतिरिक्त समय दिया जाता है और वह बीजेपी विधायकों को गालियां देते हैं. तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके बाद भाजपा विधायक वेल में जाकर बैठ गए. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि मैं यह पूरा मामला दिखा दूंगा. लेकिन उसके बाद भी भाजपा विधायक नहीं माने और वेल में धरने पर बैठ गए. स्पीकर ने इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष से बात की तो उन्होंने कहा कि यह बर्दाश्त की सीमा के बाहर है. स्पीकर को हमारे खिलाफ जो कार्रवाई करनी है वह करें. लेकिन हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे.