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वार्डों में जनसंख्या और वोटर संख्या को लेकर लॉटरी के दौरान भाजपा विधायकों का हंगामा, बताया कांग्रेस की साजिश - भाजपा विधायकों का आरोप

किसी वार्ड में जनसंख्या से ज्यादा वोटर और किसी वार्ड में 24 फीसदी वोटर होने को लेकर भाजपा पार्षदों ने वार्डों की लॉटरी के दौरान सवाल उठाते हुए हंगामा किया. उन्होंने इसे अधिकारियों और कांग्रेस की मिलीभगत बताते हुए फर्जीवाड़े का आरोप लगाया. वहीं, कांग्रेस ने भी पलटवार किया.

jaipur news, जयपुर में कांग्रेस पर साजिश का आरोप
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Published : Sep 18, 2019, 5:45 PM IST

जयपुर. नगर निगम के 150 वार्डों को लेकर निकाली जाने वाली लॉटरी प्रक्रिया की शुरुआत हंगामे के साथ हुई. यहां भाजपा विधायक कालीचरण सराफ, अशोक लाहोटी, नरपत सिंह राजवी और शहर अध्यक्ष मोहनलाल गुप्ता ने एसटी/एससी के चुने गए 25 वार्डों को लेकर सवाल खड़े किए.

लॉटरी प्रक्रिया के दौरान जयपुर में हंगामा

उन्होंने साबित किया कि सांगानेर, मालवीय नगर और कई विधानसभा क्षेत्र में जनसंख्या और वोटर संख्या में भारी विसंगति है. उन्होंने बताया कि वार्ड 64 की जनसंख्या 19 हजार 864 बताई गई है. जबकि वार्ड में मतदाता महज 4 हजार 931 है. जो कि वार्ड जनसंख्या का 24 फीसदी है. वहीं, वार्ड 56 की जनसंख्या 24 हजार बताई गई है, जबकि मतदाता 27 हजार 861 हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि निगम की ओर से कांग्रेस के इशारों पर वार्डों का परिसीमन किया गया है. उन्होंने इसे कांग्रेस और अधिकारियों की मिलीभगत से सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा करार दिया. साथ ही दावा किया कि भले ही कांग्रेस की सुविधा के अनुसार वार्ड बनाए गए हैं, लेकिन जनता लोकसभा चुनाव की तरह निकाय चुनाव में भी कांग्रेस का सूपड़ा साफ करेगी.

पढ़ें : गृहमंत्री अमित शाह ने लिखी सीएम गहलोत को चिट्ठी, केंद्रीय कानूनों में हो रहे संशोधन पर मांगे सुझाव

वहीं, कांग्रेस ने इसे बीजेपी लीडर्स के कमजोर मानसिकता का परिचय बताया. कांग्रेस ने कहा कि भाजपा के कद्दावरों को इलेक्शन की प्रक्रिया के बारे में भी पता नहीं है. आज सिर्फ लॉटरी का काम होना था, जब ऑब्जेक्शन के लिए समय दिया गया था तब ईबी जनसंख्या को लेकर आपत्ति नहीं जताई गई. उन्होंने कहा कि भाजपा महज देश में जाति, धर्म और संप्रदाय की बात करती है, जिसका बहुत जल्द अंत होने वाला है.

उधर, बीजेपी विधायकों के आरोप को जिला कलेक्टर ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जनसंख्या ईबी के आधार पर एससी/एसटी के वार्डों को रिजर्व किया गया है. उन्होंने ईबी को सही ठहराते हुए कहा कि इसकी जांच स्टैटिकल डिपार्टमेंट और निगम के अधिकारियों से कराई गई है. उन्होंने कहा कि ईबी की स्टेज पर यदि किसी को कोई समस्या थी तो जब समय दिया गया था तब तक ही वो सुसंगत थी.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पद तो मिला, लेकिन कुर्सी अब तक क्यों है खाली...?

जिला कलेक्टर ने कहा कि नियमों के तहत ही आज लॉटरी निकाली गई है. हालांकि, बीजेपी विधायकों की आपत्ति के बावजूद यहां लॉटरी प्रक्रिया पूरी की गई. लेकिन वार्डों में जनसंख्या और वोटर संख्या को लेकर सामने आई इन विसंगतियों ने कई सवाल जरूर खड़े किए हैं.

जयपुर. नगर निगम के 150 वार्डों को लेकर निकाली जाने वाली लॉटरी प्रक्रिया की शुरुआत हंगामे के साथ हुई. यहां भाजपा विधायक कालीचरण सराफ, अशोक लाहोटी, नरपत सिंह राजवी और शहर अध्यक्ष मोहनलाल गुप्ता ने एसटी/एससी के चुने गए 25 वार्डों को लेकर सवाल खड़े किए.

लॉटरी प्रक्रिया के दौरान जयपुर में हंगामा

उन्होंने साबित किया कि सांगानेर, मालवीय नगर और कई विधानसभा क्षेत्र में जनसंख्या और वोटर संख्या में भारी विसंगति है. उन्होंने बताया कि वार्ड 64 की जनसंख्या 19 हजार 864 बताई गई है. जबकि वार्ड में मतदाता महज 4 हजार 931 है. जो कि वार्ड जनसंख्या का 24 फीसदी है. वहीं, वार्ड 56 की जनसंख्या 24 हजार बताई गई है, जबकि मतदाता 27 हजार 861 हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि निगम की ओर से कांग्रेस के इशारों पर वार्डों का परिसीमन किया गया है. उन्होंने इसे कांग्रेस और अधिकारियों की मिलीभगत से सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा करार दिया. साथ ही दावा किया कि भले ही कांग्रेस की सुविधा के अनुसार वार्ड बनाए गए हैं, लेकिन जनता लोकसभा चुनाव की तरह निकाय चुनाव में भी कांग्रेस का सूपड़ा साफ करेगी.

पढ़ें : गृहमंत्री अमित शाह ने लिखी सीएम गहलोत को चिट्ठी, केंद्रीय कानूनों में हो रहे संशोधन पर मांगे सुझाव

वहीं, कांग्रेस ने इसे बीजेपी लीडर्स के कमजोर मानसिकता का परिचय बताया. कांग्रेस ने कहा कि भाजपा के कद्दावरों को इलेक्शन की प्रक्रिया के बारे में भी पता नहीं है. आज सिर्फ लॉटरी का काम होना था, जब ऑब्जेक्शन के लिए समय दिया गया था तब ईबी जनसंख्या को लेकर आपत्ति नहीं जताई गई. उन्होंने कहा कि भाजपा महज देश में जाति, धर्म और संप्रदाय की बात करती है, जिसका बहुत जल्द अंत होने वाला है.

उधर, बीजेपी विधायकों के आरोप को जिला कलेक्टर ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जनसंख्या ईबी के आधार पर एससी/एसटी के वार्डों को रिजर्व किया गया है. उन्होंने ईबी को सही ठहराते हुए कहा कि इसकी जांच स्टैटिकल डिपार्टमेंट और निगम के अधिकारियों से कराई गई है. उन्होंने कहा कि ईबी की स्टेज पर यदि किसी को कोई समस्या थी तो जब समय दिया गया था तब तक ही वो सुसंगत थी.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पद तो मिला, लेकिन कुर्सी अब तक क्यों है खाली...?

जिला कलेक्टर ने कहा कि नियमों के तहत ही आज लॉटरी निकाली गई है. हालांकि, बीजेपी विधायकों की आपत्ति के बावजूद यहां लॉटरी प्रक्रिया पूरी की गई. लेकिन वार्डों में जनसंख्या और वोटर संख्या को लेकर सामने आई इन विसंगतियों ने कई सवाल जरूर खड़े किए हैं.

Intro:जयपुर - किसी वार्ड में जनसंख्या से ज्यादा वोटर और किसी वार्ड में 24 फ़ीसदी वोटर होने को लेकर, बीजेपी पार्षदों ने वार्डों की लॉटरी के दौरान सवाल उठाते हुए हंगामा किया। उन्होंने इसे अधिकारियों और कांग्रेस की मिलीभगत बताते हुए फर्जीवाड़े का आरोप लगाया। वहीं कांग्रेस ने इस पर पलटवार करते हुए बीजेपी की कमजोर मानसिकता करार दिया। इन सबके बीच जिला कलेक्टर ने दावा करते हुए ईबी का मिलान करने और इसमें किसी भी तरह की विसंगति नहीं पाए जाने के बात कही।


Body:नगर निगम के 150 वार्डों को लेकर निकाली जाने वाली लॉटरी प्रक्रिया की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। यहां बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ, अशोक लाहोटी, नरपत सिंह राजवी और शहर अध्यक्ष मोहनलाल गुप्ता ने एसटी/एससी के चुने गए 25 वार्डों को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने साबित किया कि सांगानेर, मालवीय नगर और कई विधानसभा क्षेत्र में जनसंख्या और वोटर संख्या में भारी विसंगति है। उन्होंने बताया कि वार्ड 64 की जनसंख्या 19 हज़ार 864 बताई गई है। जबकि वार्ड में मतदाता महज 4 हज़ार 931 है। जोकि वार्ड जनसंख्या का 24 फ़ीसदी है। वहीं वार्ड 56 की जनसंख्या 24 हज़ार बताई गई है। जबकि मतदाता 27 हज़ार 861 हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि निगम की ओर से कांग्रेस के इशारों पर वार्डों का परिसीमन किया गया है। उन्होंने इसे कांग्रेस और अधिकारियों की मिलीभगत से सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा करार दिया। साथ ही दावा किया कि भले ही कांग्रेस की सुविधा के अनुसार वार्ड बनाए गए हैं। लेकिन जनता लोकसभा चुनाव की तरह निकाय चुनाव में भी कांग्रेस का सूपड़ा साफ करेगी।
बाईट - कालीचरण सराफ, विधायक बीजेपी

वहीं कांग्रेस ने इसे बीजेपी लीडर्स के कमजोर मानसिकता का परिचय बताया। कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी के कद्दावरों को इलेक्शन की प्रक्रिया के बारे में भी नहीं पता। आज सिर्फ लॉटरी का काम होना था। जब ऑब्जेक्शन के लिए समय दिया गया था तब ईबी जनसंख्या को लेकर आपत्ति जताई नहीं गई। उन्होंने कहा कि बीजेपी महज देश में जाति, धर्म और संप्रदाय की बात करती है। जिसका बहुत जल्द अंत होने वाला है।
बाईट - अमीन कागज़ी, विधायक कांग्रेस

उधर, बीजेपी विधायकों के आरोप को जिला कलेक्टर ने सिरे से खारिज करते हुए कहा की जनसंख्या ईबी के आधार पर एससी/एसटी के वार्डों को रिज़र्व किया गया है. उन्होंने ईबी को सही ठहराते हुए कहा कि इसकी जांच स्टैटिकल डिपार्टमेंट और निगम के अधिकारियों से कराई गई है। उन्होंने कहा कि ईबी की स्टेज पर यदि किसी को कोई समस्या थी, तो जब समय दिया गया था तब तक ही वो सुसंगत थी। नियमों के तहत ही आज लॉटरी निकाली गई है।
बाईट - जगरूप सिंह यादव, जिला कलेक्टर


Conclusion:
हालांकि बीजेपी विधायकों की आपत्ति के बावजूद यहां लॉटरी प्रक्रिया पूरी की गई। लेकिन वार्डों में जनसंख्या और वोटर संख्या को लेकर सामने आई इन विसंगतियों ने कई सवाल जरूर खड़े किए हैं।
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