जयपुर. पिछले कई दिनों से जयपुर के शहीद स्मारक पर चल रहे आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम का धरना (rti activist ends strike in jaipur) शुक्रवार देर रात को समझौते के बाद समाप्त हो गया. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायकों के दखल के बाद अमराराम ने अपना धरना समाप्त किया है. पिछले तीन दिनों से राष्ट्रीय लोकतांतिक पार्टी से भोपालगढ़ विधायक पुखराज गर्ग, खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल और मेड़ता विधायक इंदिरा देवी बावरी मौजूद थे. गुरुवार शाम को सांसद हनुमान बेनीवाल भी पहुंचे और अमराराम से बातचीत की थी.
मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद शुक्रवार देर रात को एक आईपीएस अधिकारी और अतिरिक्त जिला कलेक्टर पहुंचे. उन्होंने पूर्व में दी गई 2 लाख की आर्थिक सहायता को बढ़ाकर पांच लाख कर दिया. वहीं अमराराम को संविदा पर नौकरी देने की सकारात्मक बात कही गई है. जोधपुर स्थित मथुरादास माथुर अस्पताल तथा जयपुर स्थित सवाई मानसिंह अस्पताल में सरकार के स्तर पर होने वाले हर संभव इलाज में मदद करने का आश्वासन दिया. आर एल पी ने भी पीड़ित अमराराम को पांच लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. गौरतलब है की गुरुवार देर शाम में सीएम ने मामले की जांच एसओजी से करवाने की घोषणा कर दी थी. जिसके बाद धरना समाप्त हुआ.
क्या था पूरा मामला: बता दें कि बाड़मेर जिले के आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम पर पिछले 21 दिसंबर को कुछ लोगों ने जानलेवा हमला कर दिया था. हमलावरों ने अमराराम को अमानवीय यातनाएं दी थी. इसके साथ ही दोनों पैर और एक हाथ तोड़ दिया था. यहां तक की पैरों में कील तक ठोक दी गई थी. अमराराम ने ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार और अवैध शराब बिक्री की शिकायत की थी इसी के चलते उस पर हमला किया गया था. अमराराम पर जानलेवा हमले का मामला पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया था. इस मामले में पुलिस 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है लेकिन मुख्य हमलावरों और साजिशकर्ताओं की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है. इसी मांग को लेकर अमराराम जयपुर के शहीद स्मारक पर धरने पर बैठ गए थे.