जयपुर. कोरोना और लॉकडाउन के दौरान आरटीडीसी की होटल नहीं चलने के कारण कर्मचारियों को भी वेतन नहीं दिया गया है. जिससे कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति डगमगा गई है. आरटीडीसी के कर्मचारी कर्जा लेकर परिवार का पालन पोषण कर रहे है. अब तो लोगों ने भी इनको उधार देने से मना कर दिया है. क्योंकि कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन से देश के आम से लेकर खास लोग भी प्रभावित हुए है. ऐसे में आरटीडीसी के कर्मचारी परेशानियों से गुजर रहे हैं. वहीं अगर 20 जुलाई तक वेतन नहीं दिया जाता है तो अब आरटीडीसी के कर्मचारियों ने आंदोलन की चेतावनी भी दे दी है.
जबकि हाल ही में राज्य सरकार की ओर से आरटीडीसी कर्मचारियों को वेतन देने के लिए आर्थिक सहायता के लिए 10 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है. लेकिन आरटीडीसी के अधिकारी अभी तक कर्मचारियों को वेतन नहीं दे रहे है. ऐसे में कर्मचारियों को अपने परिवार का पालन पोषण करने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वेतन नहीं मिलने से कर्मचारी अब तो बच्चों की पढ़ाई भी नहीं करवा पा रहे है. समाज में भी कर्मचारी उधारी के लिए शर्मिंदगी उठा रहे हैं.
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आरटीडीसी यूनियन के अध्यक्ष तेजसिंह राठौड़ ने बताया कि, 5 महीने हो गए राजस्थान पर्यटन विकास निगम के कर्मचारियों को अभी तक वेतन नहीं दिया गया है. महंगाई के जमाने में बिना वेतन के कर्मचारी कैसे अपना गुजारा चला पाएगा. राजस्थान सरकार ने 10 करोड़ रुपए की घोषणा तो कर दी, लेकिन अभी तक आरटीडीसी के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है. उन्होंने राजस्थान सरकार से मांग करते हुए कहा कि, सरकार जल्द से जल्द कर्मचारियों के वेतन का निर्णय करें. अगर सोमवार तक कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया गया तो आरटीडीसी के कर्मचारी सोमवार से कार्य बहिष्कार करेंगे. साथ ही कार्यालय के बाहर धरने पर बैठने के लिए मजबूर होंगे.
बता दें कि, राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच जहां एक तरफ सरकार बाड़ेबंदी में है. वहीं दूसरी और कर्मचारी अपने वेतन की मांग को लेकर आंदोलन की राह पर उतरने को तैयार हो रहे हैं. सरकार अपने आप को बचाने में लगी है और कर्मचारी आंदोलन करने को तैयार हैं.