जयपुर. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर मचे बवाल के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी अपना मत प्रकट किया है. आरएसएस इस पूरे मामले में हो रहे विवाद को ही गलत मानता है. संघ ने बकायदा एक विज्ञप्ति जारी कर अपना मत सार्वजनिक रूप से प्रकट किया है. काशी के विभाग संघचालक डॉ जयप्रकाश लाल के नाम से ये विज्ञप्ति जारी की गई है.
विज्ञप्ति के जरिए बताया गया कि इस संबंध में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक बैठक हुई, जिसमें डॉ. फिरोज खान के संस्कृत विद्या एवं धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में नियुक्ति के संदर्भ में चल रहे विवाद से सम्बंधित सभी पहलुओं पर विस्तृत विचार विमर्श किया गया.
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संघ का मत है कि डॉ.फिरोज ख़ान का विरोध करना गलत है. संघ उससे सहमत नहीं हैं और संघ का स्पष्ट और दृढ़ मत है कि संस्कृत साहित्य को समर्पित व श्रद्धा भाव से पढ़ाने वाले, वैधानिक चयन प्रक्रिया से नियुक्त किसी भी व्यक्ति का साम्प्रदायिक आधार पर विरोध विधि विरूद्ध व सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाला है. संघ इस वृत्ति, प्रवृत्ति का विरोध करता है. यह संस्कृत भाषा व साहित्य का प्रसार व प्रभाव है जिसका लाभ संपूर्ण विश्व के सभी को मिलना चाहिए.