जयपुर. कोरोना संक्रमण के चलते इस बार वागड़ का महाकुंभ कहे जाने वाले बेणेश्वर धाम के माघ मेले पर प्रतिबंध (RSS Opposes Ban On Fair Of Beneshwar) है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने इसे जनजातीय समाज की सनातन परंपराओं पर कुठाराघात बताया है. आरएसएस ने कहा कि इस वर्ष माघ पूर्णिमा पर बेणेश्वर का राष्ट्रीय मेला नहीं भरने दिया जाएगा. राज्य सरकार और प्रशासन ने कोविड नियमों का हवाला देकर वागड़ का कुंभ कहलाने वाले बेणेश्वर मेले पर प्रतिबंध लगा दिया है.
वैसे अब कोरोना का संक्रमण तो कम हो चुका है. बेणेश्वर माघ मेले का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व (National Beneshwar Fair In Dungarpur) तो है ही. साथ ही यह स्थानीय जनसमुदाय के लिए विशेष आर्थिक महत्व भी रखता है. आसपास के समाज लोग यहां साल में एक बार व्यापार, वस्तु विनिमय के लिए भी एकत्रित होते हैं. ऐसे में सरकार और प्रशासन कोविड के बहाने मेले पर रोक लगाना चाहती है. सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए आरोप लगाया गया है कि इस बहाने से जनजातीय समुदाय की परंपराओं को नष्ट करने के प्रयास हो रहे हैं.
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सोम, माही और जाखम के संगम पर दूसरे राज्यों से भी आते हैं श्रद्धालु : डूंगरपुर जिले में सोम, माही और जाखम नदियों के संगम पर स्थित बेणेश्वर धाम की तुलना प्रयागराज से की जाती है. इसे महादेव का स्थल और विष्णु अवतार संत मावजी की पुण्यभूमि भी कहा जाता है. राजस्थान के साथ ही गुजरात और मध्यप्रदेश के विभिन्न समाज अपने पूर्वजों के अस्थि विसर्जन के लिए यहां आते हैं.
गौरतलब है कि डूंगरपुर जिले में कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार भी माघ पूर्णिमा पर बेणेश्वर में राष्ट्रीय बेणेश्वर (National Beneshwar Fair) मेला नहीं लगेगा. प्रशासन ने मेला न लगाने के निर्देश दिए हैं. लेकिन हजारों माव भक्तों की आस्था के केंद्र बेणेश्वर धाम के मंदिरों में श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति दी गई है.