जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को 525 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स (New development projects in Jaipur) की सौगात दी. बस्सी आरओबी और किशनबाग वानिकी परियोजना का लोकार्पण किया गया. वहीं बी बाईपास जंक्शन, लक्ष्मी मंदिर तिराहा और जवाहर सर्किल पर यातायात सुधार-सौंदर्यीकरण, पीआरएन (दक्षिण) में सीवरेज कार्य और राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर के कार्यों का शिलान्यास किया.
किशन बाग वानिकी परियोजना:
किशनबाग परियोजना को विकसित करने का उद्देश्य नाहरगढ़ के रेतीले टीलों को स्थाई कर, वहां पर पाये जाने वाले जीव जन्तुओं के प्राकृतिक वास को सुरक्षित कर संधारित करना, राजस्थान में पाये जाने वाले विभिन्न प्रकार के बलुआ चट्टानों के बनने के बारे में जानकारी और राजस्थान की विषम परिस्थितियों (जैसे बलुआ एवं ग्रेनाईट की चट्टानों तथा आद्र भूमि) में उगने वाले पौधों को मौके पर माईक्रो क्लस्टर के रूप में विकसित कर साईनेज के माध्यम से वैज्ञानिक और शिक्षकीय अभिरूचि पैदा करना है. इस परियोजना में 64.30 हेक्टर भूमि पर विकास कार्य किया गया है. परियोजना के विकास कार्यों पर 12 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं.
बस्सी आरओबी:
बस्सी-तुंगा रोड पर स्थित रेलवे फाटक पर जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से रेलवे के सहयोग से चार लेन चौड़े आरओबी का निर्माण किया गया है. जयपुर-दिल्ली रेलवे लाइन अतिव्यस्त होने के कारण ये फाटक प्रतिदिन लगभग 100 बार से भी ज्यादा बन्द रहता है. इस समस्या के निराकरण के लिए प्राधिकरण की ओर से इस फाटक पर आरओबी बनाने का फैसला लिया गया था. इस आरओबी के बनने से बस्ती तूंगा की आम जनता को बार-बार के जाम से मुक्ति मिलेगी एवं यातायात सुगम होगा. मुख्य आरओबी और रेलवे अण्डरपास के निर्माण कार्य की कुल लागत 48.30 करोड़ रुपए है. आरओबी की लंबाई 620 मीटर, चौड़ाई 17.10 मीटर, सर्विस सड़क 5.50 मीटर चौड़ी पुल के दोनों ओर, रेलवे अण्डरपास की साईज 4.5 मीटर बाई 2.75 मीटर है.
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पृथ्वीराज नगर (दक्षिण) में सीवर लाइन:
जेडीए की ओर से पृथ्वीराज नगर (दक्षिण) क्षेत्र में पैकेज-1 फेज-1 के तहत सीवर लाइन बिछाये जाने का कार्य करवाया जा रहा है. जिससे पृथ्वीराज नगर (दक्षिण) क्षेत्र की कुल 13 योजनाओं लाभान्वित होंगी. इस कार्य के तहत मुख्य सीवर लाइन 4.3 किलोमीटर, सहायक सीवर लाइन 31.80 किलोमीटर बिछायी जानी है. क्षेत्र के सीवरेज का शोधन ग्राम डेहलावास स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से किया जायेगा. इस कार्य को 18 माह में पूरा करवाया जाना प्रस्तावित है, इसकी लागत 50 करोड़ है.
प्रमुख जंक्शन पर यातायात सुधार और सौंदर्यीकरण कार्य:
जयपुर शहर के मध्य भाग जहां अधिकतर राजकीय कार्यालय, संस्था, व्यवसायिक गतिविधियां होती है, प्रतिदिन सुबह बाहरी क्षेत्रों से भारी यातायात आता है और शाम को वापस जाता है. ऐसे में सुगम यातायात के लिए इस क्षेत्र के मुख्य चौराहों और तिराहों को ट्रैफिक सिंग्नल मुक्त करने की प्लानिंग है. जयपुर की पारम्परिक स्थापत्य कला और संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए सौन्दर्यकरण, ट्रैफिक सिग्नल मुक्त चौराहे/तिराहे बनाए जाएंगे. इसके लिए 700 करोड़ का बजट प्रावधान रखा गया.
ये कार्य प्रस्तावित :- B2 बायपास जंक्शन, लक्ष्मी मंदिर जंक्शन, जवाहर सर्किल, ओटीएस जंक्शन, रामबाग चौराहा, जेडीए चौराहा, सरदार पटेल रोड, पृथ्वीराज मार्ग जंक्शन.
प्रथम चरण में जवाहर सर्किल, बी-2 बाईपास और लक्ष्मी मन्दिर तिराहे पर कार्य शुरू कराये जा रहे हैं. इसमें 283.90 करोड़ का व्यय प्रस्तावित है.
जवाहर सर्किल:
जयपुर पर प्रतिदिन लगभग 2 लाख के मध्य वाहनों का अवागमन रहता है. कार्य में पदयात्रियों और साईकिल सवार के लिए 3 सब-वे (प्रत्येक सब-वे में 10 दुकान का निर्माण) और एयरपोर्ट रोड के सामने मॉन्यूमेन्ट का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है. इसके अतिरिक्त जवाहर सर्किल की बाहरी परिधि पर साईकिल ट्रैक, पार्किंग और सौन्दर्यीकरण के साथ विद्युतीकरण के कार्य भी प्रस्तावित है. इस कार्य की अनुमानित लागत 44.19 करोड़ है. ये कार्य 12 महीने में पूरा किया जाना प्रस्तावित है.
बी-2 बाईपास जंक्शन:
बी-2 बाईपास जंक्शन टोंक रोड पर एक प्रमुख जंक्शन है जो कि दुर्गापुरा को सांगानेर, प्रतापनगर और सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र से जोड़ता है. इसके अतिरिक्त ये जंक्शन होटल, वैवाहिक स्थल, व्यवसायिक क्षेत्र, हॉस्पिटल और हवाई अड्डा के नजदीक स्थित है. वर्तमान में इस जंक्शन पर व्यस्ततम समय में ट्रैफिक जाम की बहुत बड़ी समस्या रहती है. जिससे समय के साथ-साथ ईंधन की भी बर्बादी होती है. कार्य में जवाहर सर्किल से मानसरोवर की तरफ अण्डरपास, टोंक रोड पर बजरी मंडी और रामदास अग्रवाल तिराहे पर क्लोवर लीफ के निर्माण के साथ सब-वे, विद्युतीकरण और सौन्दर्यीकरण का कार्य प्रस्तावित है. इस कार्य की अनुमानित लागत राशि 155.06 करोड़ है. यह कार्य 18 महीने में पूरा किया जाना प्रस्तावित है.
लक्ष्मी मन्दिर तिराहा:
वर्तमान में इस जंक्शन पर व्यस्तम समय में ट्रैफिक जाम की समस्या रहती है. कार्य में सौन्दर्यीकरण के साथ-साथ सब्जी मण्डी सड़क से टोंक रोड पर लगभग 400 मीटर लम्बाई में दो-लेन अण्डरपास और दो पैदल यात्री सब-वे बनाए जाने प्रस्तावित है. इस कार्य की अनुमानित लागत राशि 81.25 करोड़ है. ये काम 18 महीने में पूरा किया जाना प्रस्तावित है.
लक्ष्मी मन्दिर तिराहे स्वतन्त्रता सेनानियों की मूर्तियां:
यहां स्वतन्त्रता सेनानियों की मूर्तियों की स्थापना, लक्ष्मी मन्दिर तिराहे पर ट्रैफिक सिग्नल फ्री के कार्य के साथ-साथ जयपुर की पारम्परिक स्थापत्य कला और संस्कृति को प्रदर्शित किया जाएगा. यहां 8 स्वतन्त्रता सेनानियों (वल्लभभाई जावेरभाई पटेल, सरोजनी नायडू, मौलाना अबुल कलाम आजाद, जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी, राजेन्द्र प्रसाद, सुभाष चन्द्र बोस, अब्दुल गफ्फार खां) की मूर्तियां लगाया जाना प्रस्तावित है. इस कार्य की अनुमानित लागत राशि 3.40 करोड़ है. ये काम 8 महीने में पूरा किया जाना प्रस्तावित है.
राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आंतरिक साज-सज्जा कार्य:
राज्य सरकार की ओर से ओ.टी.एस. के पास झालाना रोड़ पर 7.44 हेक्टर ईएसटीआई की भूमि पर राजस्थान इन्टरनेशनल सेन्टर दिल्ली में बने इण्डिया इन्टरनेशनल सेन्टर की तर्ज पर बनाने का फैसला लिया गया है. वर्तमान में राजस्थान इन्टरनेशनल सेन्टर के लिए 2.98 हेक्टर भूमि उपलब्ध है. परियोजना की लागत कुल 130 करोड़ है. प्रथम चरण में सेन्टर के मुख्य भवन के स्ट्रक्चर निर्माण और बाहर फिनिशिंग काम पूरा कर दिया गया है. इस पर लगभग 60 करोड़ खर्च किया गया है. दूसरे चरण में आंतरिक साज-सज्जा और विद्युत संबंधित कार्य करवाया जा रहा है. इस पर लगभग 70 करोड़ रुपए खर्च किया जाना है. आंतरिक साज-सज्जा और विकास कार्यों पर 41 करोड़ रुपए खर्च के कार्यादेश जारी किये गये हैं. ये काम 18 महीने में पूरा करवाया जाना प्रस्तावित है.