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इलेक्ट्रॉनिक बसें चलाने की डेडलाइन नजदीक, अभी तक नहीं खरीदी गई बसें

हाल ही में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने 1 सप्ताह के अंतर्गत इलेक्ट्रिक बस चलाने के लेकर घोषणा की थी, लेकिन अब तक रोजवेज प्रशासन की ओर से इलेक्ट्रिक बस के ढांचे भी तैयार नहीं किए गए हैं और ना ही एक भी बस की खरीद की गई है. वहीं, रोडवेज प्रशासन ने अब तक बस स्टैंड पर चार्जिंग स्टेशन भी नहीं लगाए हैं.

जयपुर की ताजा हिंदी खबरें, Transport Minister Pratap Singh Khachariwas
इलेक्ट्रिक बस को लेकर मंत्री ने किया था वादा, नहीं हुई अब तक बसों की खरीद
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Published : Jan 27, 2021, 5:00 PM IST

जयपुर. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की ओर से 3 दिन पहले 1 सप्ताह के अंतर्गत इलेक्ट्रिक बसें चलाने को लेकर घोषणा कर दी गई थी, लेकिन अब तक इलेक्ट्रिक बस चलाने को लेकर संशय लगातार बना हुआ है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि मंत्री की ओर से घोषणा तो कर दी गई, लेकिन रोडवेज प्रशासन की ओर से अभी तक इलेक्ट्रिक बस के ढांचे भी तैयार नहीं किए गए हैं.

ऐसे में 1 फरवरी से इलेक्ट्रिक बस चलाना रोडवेज के लिए मुमकिन नहीं नामुमकिन कार्य है. अब रोडवेज मुख्यालय में भी लगातार इस बात को लेकर अधिकारियों के बीच ये चर्चा का विषय बन गया है.

बता दें कि परिवहन मंत्री की ओर से 1 सप्ताह के अंतर्गत इलेक्ट्रिक बसें चलाने को लेकर बात कही गई थी. साथ ही उन्होंने कहा था कि दिल्ली के अंदर फिर से बीकानेर हाउस तक बसे जाएंगी. अब रोडवेज के वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो फिलहाल रोडवेज के पास इलेक्ट्रिक बसे ही नहीं है. ना हीं अभी तक उनकी कोई खरीद भी की गई है. रोडवेज प्रशासन कंपनी की ओर से 48 बसें अनुबंध पर लेने जा रहा था, लेकिन अभी तक रोडवेज की ओर से इसका ढांचा भी तैयार नहीं किया गया है. साथ ही रोडवेज के अधिकारियों की मानें तो मार्च महीने तक बसे मिलना भी मुश्किल है और जब बसे है ही नहीं तो जाएंगी कैसे और बसे बीकानेर हाउस नहीं चल पाएंगी.

बता दें कि रोडवेज प्रशासन और निजी कंपनी के बीच जो अनुबंध हुआ है उसके अंतर्गत रोडवेज प्रशासन इलेक्ट्रिक कंपनी को प्रति किलोमीटर ₹45 तक का भुगतान करेगी. साथ ही जो बस को चार्ज करने का खर्चा है वो भी रोडवेज प्रशासन को ही भुगतना पड़ेगा. ऐसे में अभी तक किसी भी तरह का आधारभूत ढांचा है वो भी रोडवेज प्रशासन की ओर से तैयार नहीं किया गया है. ऐसे में 1 फरवरी से इलेक्ट्रिक बसों का चलना असंभव है.

पढ़ें- किसान आंदोलन में वामपंथी और खालिस्तानी घुस गए हैं, उपद्रव करने वालों पर हो सख्त कार्रवाई: कालीचरण सराफ

अभी तक नहीं लगे चार्जिंग स्टेशन

परिवहन मंत्री की ओर से तो बस चलाने को लेकर वादा कर दिया गया है, लेकिन रोडवेज प्रशासन की ओर से अभी तक बस स्टैंड पर चार्जिंग स्टेशन भी नहीं लगाए गए हैं. दिल्ली में बीकानेर हाउस पर एक अस्थाई चार्जिंग स्टेशन लगाया गया है. जिस पर मात्र एक बस ही चार्ज हो सकती है. इसके साथ ही बहरोड़ मिड वे पर अभी तक किसी भी तरह का चार्जिंग स्टेशन नहीं लगाया गया है. प्राइवेट कंपनी की ओर से बहरोड़ से 10 किलोमीटर आगे एक निजी होटल में चार्जिंग स्टेशन लगाया गया है. इसके साथ ही सिंधी कैंप बस स्टैंड पर जो चार्जिंग स्टेशन लगाए गया है, वह भी अभी तक चालू नहीं किया गया.

इन रूट पर चलाई जाएंगी इलेक्ट्रिक बसें

जयपुर से दिल्ली

जयपुर से आगरा

जयपुर से अजमेर

जयपुर. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की ओर से 3 दिन पहले 1 सप्ताह के अंतर्गत इलेक्ट्रिक बसें चलाने को लेकर घोषणा कर दी गई थी, लेकिन अब तक इलेक्ट्रिक बस चलाने को लेकर संशय लगातार बना हुआ है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि मंत्री की ओर से घोषणा तो कर दी गई, लेकिन रोडवेज प्रशासन की ओर से अभी तक इलेक्ट्रिक बस के ढांचे भी तैयार नहीं किए गए हैं.

ऐसे में 1 फरवरी से इलेक्ट्रिक बस चलाना रोडवेज के लिए मुमकिन नहीं नामुमकिन कार्य है. अब रोडवेज मुख्यालय में भी लगातार इस बात को लेकर अधिकारियों के बीच ये चर्चा का विषय बन गया है.

बता दें कि परिवहन मंत्री की ओर से 1 सप्ताह के अंतर्गत इलेक्ट्रिक बसें चलाने को लेकर बात कही गई थी. साथ ही उन्होंने कहा था कि दिल्ली के अंदर फिर से बीकानेर हाउस तक बसे जाएंगी. अब रोडवेज के वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो फिलहाल रोडवेज के पास इलेक्ट्रिक बसे ही नहीं है. ना हीं अभी तक उनकी कोई खरीद भी की गई है. रोडवेज प्रशासन कंपनी की ओर से 48 बसें अनुबंध पर लेने जा रहा था, लेकिन अभी तक रोडवेज की ओर से इसका ढांचा भी तैयार नहीं किया गया है. साथ ही रोडवेज के अधिकारियों की मानें तो मार्च महीने तक बसे मिलना भी मुश्किल है और जब बसे है ही नहीं तो जाएंगी कैसे और बसे बीकानेर हाउस नहीं चल पाएंगी.

बता दें कि रोडवेज प्रशासन और निजी कंपनी के बीच जो अनुबंध हुआ है उसके अंतर्गत रोडवेज प्रशासन इलेक्ट्रिक कंपनी को प्रति किलोमीटर ₹45 तक का भुगतान करेगी. साथ ही जो बस को चार्ज करने का खर्चा है वो भी रोडवेज प्रशासन को ही भुगतना पड़ेगा. ऐसे में अभी तक किसी भी तरह का आधारभूत ढांचा है वो भी रोडवेज प्रशासन की ओर से तैयार नहीं किया गया है. ऐसे में 1 फरवरी से इलेक्ट्रिक बसों का चलना असंभव है.

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अभी तक नहीं लगे चार्जिंग स्टेशन

परिवहन मंत्री की ओर से तो बस चलाने को लेकर वादा कर दिया गया है, लेकिन रोडवेज प्रशासन की ओर से अभी तक बस स्टैंड पर चार्जिंग स्टेशन भी नहीं लगाए गए हैं. दिल्ली में बीकानेर हाउस पर एक अस्थाई चार्जिंग स्टेशन लगाया गया है. जिस पर मात्र एक बस ही चार्ज हो सकती है. इसके साथ ही बहरोड़ मिड वे पर अभी तक किसी भी तरह का चार्जिंग स्टेशन नहीं लगाया गया है. प्राइवेट कंपनी की ओर से बहरोड़ से 10 किलोमीटर आगे एक निजी होटल में चार्जिंग स्टेशन लगाया गया है. इसके साथ ही सिंधी कैंप बस स्टैंड पर जो चार्जिंग स्टेशन लगाए गया है, वह भी अभी तक चालू नहीं किया गया.

इन रूट पर चलाई जाएंगी इलेक्ट्रिक बसें

जयपुर से दिल्ली

जयपुर से आगरा

जयपुर से अजमेर

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