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Prashashan Shehro Ke Sang Abhiyan: 15 जुलाई से पट्टे जारी करने के लिए विशेष अभियान, लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई

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Published : Jul 14, 2022, 7:51 PM IST

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को प्रशासन शहरों के संग अभियान (Review of Prashashan Shehro Ke Sang Abhiyan) की समीक्षा बैठक की. गहलोत ने शिविरों में अधिक से अधिक पट्टे दिए जाने को लेकर निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि 15 जुलाई से पट्टे जारी करने के लिए विशेष अभियान शुरू हो रहा है, इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी. गहलोत ने पट्टे से वंचित परिवारों का घर-घर जाकर सर्वेक्षण करने के भी निर्देश दिए.

Review of Prashashan Shehro Ke Sang Abhiyan, strict action against negligence
15 जुलाई से पट्टे जारी करने के लिए विशेष अभियान, लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि प्रशासन शहरों के संग अभियान के अन्तर्गत आम लोगों को आवासीय भूमि के पट्टे देने के कार्य को समय पर पूरा किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार ने बिना पट्टे वाले घरों के नियमन में काफी रियायत दी हैं, ताकि 15 जुलाई से शुरू हो रहे वार्डवार शिविरों में ज्यादा से ज्यादा पट्टे दिए जा सकें. पहली बार इस अभियान में पट्टा जारी करने के लिए पूर्व की दरों से लगभग 85 प्रतिशत तक छूट दी गई है. अभियान में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारी-अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई (CM Gehlot on Prashashan Shehro Ke Sang Abhiyan) होगी.

गहलोत ने की समीक्षा: मुख्यमंत्री ने गुरुवार को अपने आवास पर प्रशासन शहरों के संग अभियान की समीक्षा की. गहलोत ने कहा कि सभी निकाय अपने राजस्व रिकॉर्ड यथाशीघ्र दुरूस्त कर लें, ताकि पट्टा वितरण में किसी तरह की अड़चन ना आए. अभियान के दौरान प्रशासन घर-घर जाकर मतदाता सूची के आधार पर पट्टा मिलने से वंचित परिवारों का सर्वेक्षण भी करेगा, ताकि जरूरतमंद लोगों को पट्टे जारी किए जा सकें. मुख्यमंत्री ने कहा कि पट्टे जारी करने के लिए प्रशासन शहरों के संग अभियान के अन्तर्गत अब प्रत्येक वार्ड में सार्वजनिक स्थल पर दो दिवसीय कैम्प लगाए जाएंगे. हर सप्ताह में कलेक्टर एक बार नगर निकायों का दौरा कर इन कैम्पों का निरीक्षण करेंगे और संभागीय आयुक्त भी इस पर निगरानी रखेंगे.

पढ़ें: प्रशासन शहरों के संग अभियान : हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर बसी कॉलोनियों में भी बांटे जाएंगे पट्टे...

पट्टे जारी करने के लिए सरकार दे रही विशेष शिथिलताएं: मुख्यमंत्री ने बताया कि अभियान के अन्तर्गत राज्य सरकार ने कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों के नियमन किए जाने की कट ऑफ डेट को 1999 से बढ़ाकर दिसम्बर 2021 किया है. कट ऑफ डेट तक विकसित कॉलोनियों को 70ः30 अनुपात में रखकर ले-आउट प्लान स्वीकृत किया जा सकेगा. जिन कॉलोनियों में न्यूनतम 60 प्रतिशत भू-खण्डों पर निर्माण होकर लोग बस चुके हैं. वहां पर सड़क की चौड़ाई न्यूनतम 20 फीट सुनिश्चित करते हुए सर्वे के आधार पर पट्टे दिए जा सकेंगे. साथ ही, कच्ची बस्तियों के भी पट्टों की कट ऑफ डेट 2009 से बढ़ाकर दिसम्बर 2021 कर दी है. ताकि लोगों को पट्टा मिल सके. जहां पहले कच्ची बस्ती में 10 वर्ष तक पट्टा बेचने पर पाबंदी थी. अब इसे घटाकर 3 वर्ष कर दिया गया है. इसी प्रकार नगरीय क्षेत्रों की घनी आबादी में बने हुए पुराने मकानों का 501 रुपए में पट्टा देने के लिए धारा 69-ए में काफी शिथिलताएं दी गई हैं.

पढ़ें: Prashasan Shehron ke Sang Abhiyan: हर वार्ड स्तर पर शिविर लगाने के निर्देश, हर शिविर दो दिन का होगा

लापरवाही बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारी के विरुद्ध होगी कार्रवाई: मुख्यमंत्री ने कहा कि शिविरों में प्राप्त आवेदनों के समय पर निस्तारण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि गरीब लोगों को इन शिविरों में किसी तरह की परेशानी ना हो, यह सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने कहा कि पट्टे प्राप्त करने से होने वाले फायदों व पट्टे नहीं मिलने से होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को बताया जाए, ताकि लोग पट्टे जारी कराने के प्रति जागरूक हों. मुख्यमंत्री ने बताया कि शिविर में किसी भी तरह की समस्या व सुझाव देने के लिए जिला कलेक्टर कार्यलयमें प्रकोष्ठ बनाए गए हैं. इन प्रकोष्ठ और हेल्पलाइन की जानकारी शिविर स्थल के बाहर बोर्ड लगाकर आमजन को दी जाएगी.

पढ़ें: 15 जुलाई से वार्डवार लगेंगे प्रशासन शहरों के संग अभियान के शिविर, CM गहलोत ने दिए ये निर्देश

प्रशासन शहरों के संग अभियान की वेबसाइट: इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रशासन शहरों के संग अभियान की वेबसाइट भी लॉन्च (Prashashan Shehro Ke Sang Abhiyan website) की. इस वेबसाइट पर अभियान से संबंधित विभिन्न आदेश, परिपत्र आदि उपलब्ध हैं. जिससे आमजन को एक जगह पर अभियान से संबंधित सारी जानकारी प्राप्त हो सकेगी. बता दें कि पूर्व में इस अभियान के अन्तर्गत 3.5 लाख पट्टे जारी किए जा चुके हैं. इसके अतिरिक्त अन्य सेवाओं के कुल 13 लाख 22 हजार प्रकरणों का भी निस्तारण किया गया.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि प्रशासन शहरों के संग अभियान के अन्तर्गत आम लोगों को आवासीय भूमि के पट्टे देने के कार्य को समय पर पूरा किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार ने बिना पट्टे वाले घरों के नियमन में काफी रियायत दी हैं, ताकि 15 जुलाई से शुरू हो रहे वार्डवार शिविरों में ज्यादा से ज्यादा पट्टे दिए जा सकें. पहली बार इस अभियान में पट्टा जारी करने के लिए पूर्व की दरों से लगभग 85 प्रतिशत तक छूट दी गई है. अभियान में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारी-अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई (CM Gehlot on Prashashan Shehro Ke Sang Abhiyan) होगी.

गहलोत ने की समीक्षा: मुख्यमंत्री ने गुरुवार को अपने आवास पर प्रशासन शहरों के संग अभियान की समीक्षा की. गहलोत ने कहा कि सभी निकाय अपने राजस्व रिकॉर्ड यथाशीघ्र दुरूस्त कर लें, ताकि पट्टा वितरण में किसी तरह की अड़चन ना आए. अभियान के दौरान प्रशासन घर-घर जाकर मतदाता सूची के आधार पर पट्टा मिलने से वंचित परिवारों का सर्वेक्षण भी करेगा, ताकि जरूरतमंद लोगों को पट्टे जारी किए जा सकें. मुख्यमंत्री ने कहा कि पट्टे जारी करने के लिए प्रशासन शहरों के संग अभियान के अन्तर्गत अब प्रत्येक वार्ड में सार्वजनिक स्थल पर दो दिवसीय कैम्प लगाए जाएंगे. हर सप्ताह में कलेक्टर एक बार नगर निकायों का दौरा कर इन कैम्पों का निरीक्षण करेंगे और संभागीय आयुक्त भी इस पर निगरानी रखेंगे.

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पट्टे जारी करने के लिए सरकार दे रही विशेष शिथिलताएं: मुख्यमंत्री ने बताया कि अभियान के अन्तर्गत राज्य सरकार ने कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों के नियमन किए जाने की कट ऑफ डेट को 1999 से बढ़ाकर दिसम्बर 2021 किया है. कट ऑफ डेट तक विकसित कॉलोनियों को 70ः30 अनुपात में रखकर ले-आउट प्लान स्वीकृत किया जा सकेगा. जिन कॉलोनियों में न्यूनतम 60 प्रतिशत भू-खण्डों पर निर्माण होकर लोग बस चुके हैं. वहां पर सड़क की चौड़ाई न्यूनतम 20 फीट सुनिश्चित करते हुए सर्वे के आधार पर पट्टे दिए जा सकेंगे. साथ ही, कच्ची बस्तियों के भी पट्टों की कट ऑफ डेट 2009 से बढ़ाकर दिसम्बर 2021 कर दी है. ताकि लोगों को पट्टा मिल सके. जहां पहले कच्ची बस्ती में 10 वर्ष तक पट्टा बेचने पर पाबंदी थी. अब इसे घटाकर 3 वर्ष कर दिया गया है. इसी प्रकार नगरीय क्षेत्रों की घनी आबादी में बने हुए पुराने मकानों का 501 रुपए में पट्टा देने के लिए धारा 69-ए में काफी शिथिलताएं दी गई हैं.

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लापरवाही बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारी के विरुद्ध होगी कार्रवाई: मुख्यमंत्री ने कहा कि शिविरों में प्राप्त आवेदनों के समय पर निस्तारण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि गरीब लोगों को इन शिविरों में किसी तरह की परेशानी ना हो, यह सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने कहा कि पट्टे प्राप्त करने से होने वाले फायदों व पट्टे नहीं मिलने से होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को बताया जाए, ताकि लोग पट्टे जारी कराने के प्रति जागरूक हों. मुख्यमंत्री ने बताया कि शिविर में किसी भी तरह की समस्या व सुझाव देने के लिए जिला कलेक्टर कार्यलयमें प्रकोष्ठ बनाए गए हैं. इन प्रकोष्ठ और हेल्पलाइन की जानकारी शिविर स्थल के बाहर बोर्ड लगाकर आमजन को दी जाएगी.

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प्रशासन शहरों के संग अभियान की वेबसाइट: इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रशासन शहरों के संग अभियान की वेबसाइट भी लॉन्च (Prashashan Shehro Ke Sang Abhiyan website) की. इस वेबसाइट पर अभियान से संबंधित विभिन्न आदेश, परिपत्र आदि उपलब्ध हैं. जिससे आमजन को एक जगह पर अभियान से संबंधित सारी जानकारी प्राप्त हो सकेगी. बता दें कि पूर्व में इस अभियान के अन्तर्गत 3.5 लाख पट्टे जारी किए जा चुके हैं. इसके अतिरिक्त अन्य सेवाओं के कुल 13 लाख 22 हजार प्रकरणों का भी निस्तारण किया गया.

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