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ICC इवेंट्स से बीसीसीआई की होती है सबसे ज्यादा कमाई, जानिए किस टीम को कितना मिलता है - Team Earning From ICC Events

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) हर इवेंट से काफी कमाई करता है. इस कमाई को हिस्सा भाग लेने वाली हर टीम के बोर्ड में बांटा जाता है. बीसीसीआई इसका 38 प्रतिशत हिस्सा प्राप्त करता है. जानिए कैसे होता है पैसे का बंटवारा...

Indian Cricket team
भारतीय क्रिकेट टीम File Photo (ANI)
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By ETV Bharat Sports Team

Published : Sep 18, 2024, 11:00 PM IST

नई दिल्ली : अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के इवेंट्स न केवल उसको लाभ पहुंचाता है, बल्कि भाग लेने वाली टीमों की भी कमाई होती है. आईसीसी के हर इवेंट के बाद भाग लेने वाली टीम को कमाई का कुछ न कुछ राजस्व मिलता है. हालांकि, यह प्रतिशत में कम ज्यादा है.

इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) राजस्व का अधिकतम हिस्सा हासिल करता है. राजस्व का वित्तीय वितरण ICC के राजस्व-साझाकरण मॉडल पर आधारित है. आइए एक नजर डालते हैं कि मॉडल कैसे काम करता है और किस टीम को राशि का कितना हिस्सा मिलता है.

ICC किस तरह से पैसे का बंटवारा करता है
जुलाई 2023 में ICC द्वारा पेश किए गए नए बजट मॉडल के अनुसार BCCI 2024-27 के बीच प्रति वर्ष लगभग US$230 मिलियन या ICC की वार्षिक आय $600 मिलियन का 38.5% कमाएगा. इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) $41.33 मिलियन या ICC की आय का 6.89% कमा सकता है. बिग थ्री के तीसरे सदस्य, ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) को 37.53 मिलियन डॉलर (कुल राजस्व का 6.25%) मिलेगा.

प्रतिशत की गणना किस आधार पर की जाती है
प्रतिशत की गणना कई कारकों के आधार पर की जाती है. देश की ICC रैंकिंग, ICC इवेंट्स में प्रदर्शन, मीडिया राजस्व और दर्शकों की संख्या ने किसी विशेष क्रिकेट राष्ट्र का प्रतिशत तय किया. बिग थ्री के अलावा, पाकिस्तान एकमात्र ऐसा देश है जिसे 5% से अधिक हिस्सा मिलता है. अन्य सभी देशों को 5 प्रतिशत से कम हिस्सा मिलता है, जो ऊपरी आधे और निचले टीमों के बीच बहुत बड़ा अंतर दर्शाता है.

द्विपक्षीय श्रृंखलाओं में राजस्व साझा करना
वर्तमान मॉडल में, मेजबान टीमें आमतौर पर दौरा करने वाली टीम और उनके आवास का खर्च भी वहन करती हैं. हालांकि, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय श्रृंखलाओं से उत्पन्न राजस्व आमतौर पर मेजबान द्वारा रखा जाता है. BCCI घरेलू सीरीज से बहुत अधिक पैसा कमाता है, लेकिन कोई भी अन्य देश BCCI के बराबर पैसा नहीं कमाता है.

यह भी पढ़ें : चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी से पाकिस्तान की कंगाली होगी दूर, भारत के इंकार से होगा भयंकर नुकसान

नई दिल्ली : अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के इवेंट्स न केवल उसको लाभ पहुंचाता है, बल्कि भाग लेने वाली टीमों की भी कमाई होती है. आईसीसी के हर इवेंट के बाद भाग लेने वाली टीम को कमाई का कुछ न कुछ राजस्व मिलता है. हालांकि, यह प्रतिशत में कम ज्यादा है.

इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) राजस्व का अधिकतम हिस्सा हासिल करता है. राजस्व का वित्तीय वितरण ICC के राजस्व-साझाकरण मॉडल पर आधारित है. आइए एक नजर डालते हैं कि मॉडल कैसे काम करता है और किस टीम को राशि का कितना हिस्सा मिलता है.

ICC किस तरह से पैसे का बंटवारा करता है
जुलाई 2023 में ICC द्वारा पेश किए गए नए बजट मॉडल के अनुसार BCCI 2024-27 के बीच प्रति वर्ष लगभग US$230 मिलियन या ICC की वार्षिक आय $600 मिलियन का 38.5% कमाएगा. इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) $41.33 मिलियन या ICC की आय का 6.89% कमा सकता है. बिग थ्री के तीसरे सदस्य, ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) को 37.53 मिलियन डॉलर (कुल राजस्व का 6.25%) मिलेगा.

प्रतिशत की गणना किस आधार पर की जाती है
प्रतिशत की गणना कई कारकों के आधार पर की जाती है. देश की ICC रैंकिंग, ICC इवेंट्स में प्रदर्शन, मीडिया राजस्व और दर्शकों की संख्या ने किसी विशेष क्रिकेट राष्ट्र का प्रतिशत तय किया. बिग थ्री के अलावा, पाकिस्तान एकमात्र ऐसा देश है जिसे 5% से अधिक हिस्सा मिलता है. अन्य सभी देशों को 5 प्रतिशत से कम हिस्सा मिलता है, जो ऊपरी आधे और निचले टीमों के बीच बहुत बड़ा अंतर दर्शाता है.

द्विपक्षीय श्रृंखलाओं में राजस्व साझा करना
वर्तमान मॉडल में, मेजबान टीमें आमतौर पर दौरा करने वाली टीम और उनके आवास का खर्च भी वहन करती हैं. हालांकि, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय श्रृंखलाओं से उत्पन्न राजस्व आमतौर पर मेजबान द्वारा रखा जाता है. BCCI घरेलू सीरीज से बहुत अधिक पैसा कमाता है, लेकिन कोई भी अन्य देश BCCI के बराबर पैसा नहीं कमाता है.

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