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अरण्य भवन में वन विभाग की समीक्षा बैठक, समय रहते पूरी हों 'घर-घर औषधि योजना' से जुड़ीं सभी तैयारियां - Aranya Bhavan in jaipur

जयपुर में गुरुवार को अरण्य भवन में वन विभाग की समीक्षा बैठक हुई. इस दौरान बैठक में श्रेया गुहा ने कहा कि 'घर-घर औषधि योजना' राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना है. कोरोना संक्रमण के दौर में इस योजना का महत्व तो है ही, यह स्वास्थ्य के लिए सभी काल में उपयोगी भी है. इसलिए सभी अधिकारी पूरी मुस्तैदी के साथ योजना को सफल बनाएं.

जयपुर हिंदी न्यूज, Forest Department Review Meeting
अरण्य भवन में हुई वन विभाग की समीक्षा बैठक
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Published : May 13, 2021, 10:36 PM IST

जयपुर. राजधानी जयपुर के अरण्य भवन में वन विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. समीक्षा के लिए आयोजित ऑनलाइन बैठक में वन विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने विभाग के अधिकारियों से चर्चा की. वन विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने कहा है कि 'घर-घर औषधि योजना' की सभी तैयारियां समय रहते पूरी की जाएं. इसके साथ ही आमजन को योजना के बारे में जागरूक करने के लिए समुचित प्रयास भी किए जाएं.

बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्रेया गुहा ने कहा कि 'घर-घर औषधि योजना' राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना है. कोरोना संक्रमण के दौर में इस योजना का महत्व तो है ही, यह स्वास्थ्य के लिए सभी काल में उपयोगी भी है. इसलिए सभी अधिकारी पूरी मुस्तैदी के साथ योजना को सफल बनाएं.

उन्होंने 'घर-घर औषधि योजना' के अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार पर बल देते हुए कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि आमजन को इस योजना के बारे में अधिक से अधिक जानकारी मिल सके. ताकि वे औषधीय पौधों का उपयोग कर अपनी इम्यूनिटी को और बेहतर कर सकें. इसलिए आमजन को इस योजना के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने के लिए प्रभावी प्रयास किए जाएं. प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) श्रुति शर्मा ने 'घर-घर औषधि योजना' के साथ-साथ जुलाई में प्रस्तावित वन महोत्सव से जुड़ी तैयारियां भी समय रहते करने के लिए कहा.

इस दौरान जयपुर, जोधपुर, अजमेर, बीकानेर, भरतपुर, कोटा और उदयपुर संभाग के मुख्य वन संरक्षकों ने योजना की प्रगति से अवगत करवाया. प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) डॉ. दीप नारायण पाण्डेय ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से 'घर-घर औषधि योजना' के तहत 4 तरह की प्रजातियों तुलसी, अश्वगंधा, गिलोय और कालमेघ के औषधीय पौधे आमजन को वन विभाग की पौधशालाओं से वितरित किये जाएंगे. विभाग की ओर से आवश्यक तैयारियां पूरी की जा रही हैं. सभी मुख्य वन संरक्षक अपने-अपने जिलों की नर्सरियों में पौधे तैयार करवा रहे हैं. सभी प्रजातियों के पौधों की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में है. योजना के तहत घर-घर पौधों का वितरण कर समुचित तरीके से अभियान की सफलता सुनिश्चित की जाएगी.

पढ़ें- विधायक अशोक लाहोटी ने सीएचसी के पास खाली जगह पर की कोविड-19 सेंटर बनाने की मांग

बैठक में उन्होंने बताया कि राजस्थान के गांवों में तुलसी, कालमेघ, अश्वगंधा और गुडूची के परम्परागत उपयोग की जानकारी भी पीढ़ियों से उपलब्ध है. स्वयं को स्वस्थ रखने में इस ज्ञान के उपयोग का भी बड़ा योगदान हो सकता है. घर-घर औषधि योजना केवल पौधे बांटने की योजना नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य और संरक्षण से जुड़े उन विचारों को बांटने की भी योजना है, जो औषधीय पौधों के योगदान को जन-मानस के माथे में बैठाते हैं. बैठक में मुख्य वन संरक्षकों की ओर से बताई समस्याओं पर चर्चा भी की गई और मौके पर समाधान भी सुझाया गया.

जयपुर. राजधानी जयपुर के अरण्य भवन में वन विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. समीक्षा के लिए आयोजित ऑनलाइन बैठक में वन विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने विभाग के अधिकारियों से चर्चा की. वन विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने कहा है कि 'घर-घर औषधि योजना' की सभी तैयारियां समय रहते पूरी की जाएं. इसके साथ ही आमजन को योजना के बारे में जागरूक करने के लिए समुचित प्रयास भी किए जाएं.

बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्रेया गुहा ने कहा कि 'घर-घर औषधि योजना' राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना है. कोरोना संक्रमण के दौर में इस योजना का महत्व तो है ही, यह स्वास्थ्य के लिए सभी काल में उपयोगी भी है. इसलिए सभी अधिकारी पूरी मुस्तैदी के साथ योजना को सफल बनाएं.

उन्होंने 'घर-घर औषधि योजना' के अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार पर बल देते हुए कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि आमजन को इस योजना के बारे में अधिक से अधिक जानकारी मिल सके. ताकि वे औषधीय पौधों का उपयोग कर अपनी इम्यूनिटी को और बेहतर कर सकें. इसलिए आमजन को इस योजना के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने के लिए प्रभावी प्रयास किए जाएं. प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) श्रुति शर्मा ने 'घर-घर औषधि योजना' के साथ-साथ जुलाई में प्रस्तावित वन महोत्सव से जुड़ी तैयारियां भी समय रहते करने के लिए कहा.

इस दौरान जयपुर, जोधपुर, अजमेर, बीकानेर, भरतपुर, कोटा और उदयपुर संभाग के मुख्य वन संरक्षकों ने योजना की प्रगति से अवगत करवाया. प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) डॉ. दीप नारायण पाण्डेय ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से 'घर-घर औषधि योजना' के तहत 4 तरह की प्रजातियों तुलसी, अश्वगंधा, गिलोय और कालमेघ के औषधीय पौधे आमजन को वन विभाग की पौधशालाओं से वितरित किये जाएंगे. विभाग की ओर से आवश्यक तैयारियां पूरी की जा रही हैं. सभी मुख्य वन संरक्षक अपने-अपने जिलों की नर्सरियों में पौधे तैयार करवा रहे हैं. सभी प्रजातियों के पौधों की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में है. योजना के तहत घर-घर पौधों का वितरण कर समुचित तरीके से अभियान की सफलता सुनिश्चित की जाएगी.

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बैठक में उन्होंने बताया कि राजस्थान के गांवों में तुलसी, कालमेघ, अश्वगंधा और गुडूची के परम्परागत उपयोग की जानकारी भी पीढ़ियों से उपलब्ध है. स्वयं को स्वस्थ रखने में इस ज्ञान के उपयोग का भी बड़ा योगदान हो सकता है. घर-घर औषधि योजना केवल पौधे बांटने की योजना नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य और संरक्षण से जुड़े उन विचारों को बांटने की भी योजना है, जो औषधीय पौधों के योगदान को जन-मानस के माथे में बैठाते हैं. बैठक में मुख्य वन संरक्षकों की ओर से बताई समस्याओं पर चर्चा भी की गई और मौके पर समाधान भी सुझाया गया.

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