जयपुर. राजस्थान राजस्व विभाग द्वारा राज्य में 15 अक्टूबर गुरुवार को पहली बार राजस्व दिवस मनाया जाएगा. इस अवसर पर जयपुर में आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्व विभाग की ऑनलाइन योजनाओं का शुभारंभ करेंगे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री एवं राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, राजस्व राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राजस्व अधिकारियों एवं कर्मचारियों से संवाद करेंगे.
राज्य में 15 अक्टूबर को राजस्व दिवस के रूप में मनाने की घोषणा राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने राजस्थान विधानसभा में 28 फरवरी 2020 को राजस्व विभाग की बजट अनुदान मांगों पर अपने भाषण के दौरान की थी. उल्लेखनीय है कि 15 अक्टूबर 1955 को राजस्थान काश्तकारी अधिनियम लागू हुआ था. जिससे काश्तकारों को खातेदारी अधिकार संभव हुए थे. इसलिए 15 अक्टूबर का दिन राजस्व विभाग के लिए विशेष भी है.
जिला स्तर पर आयोजित होंगे कार्यक्रम
जिला स्तर पर राजस्व दिवस मनाने के दौरान विभिन्न गतिविधियों का आयोजन होगा, जिनमें प्रत्येक जिला मुख्यालय पर एक सादे कार्यक्रम में उत्कृष्ट वसूली, धारा 91 के अंतर्गत प्रभावी कार्रवाई, फ्लेगशिप योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन एवं डिजिटलाइजेशन कार्य में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पटवारी, गिरदावरों और मंत्रालयिक कर्मचारियों का सम्मान किया जाएगा. राजस्व प्रशासन के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले तहसीलदार, नायब तहसीलदारों का भी सम्मान होगा.
राजस्थान भू राजस्व अधिनियम एवं राजस्थान काश्तकारी अधिनियम की धाराओं के संबंध में विभिन्न राजस्व न्यायालयों के पीठासीन अधिकारियों से फीडबैक औऱ सुझाव जिला स्तर से भिजवाये जाएंगे. पटवार घरों में विद्युत कनेक्शन की व्यवस्था का प्रावधान किया जाएगा. जिलों में लंबित राजस्व वादों के निस्तारण के लिए अभियान चलाया जाएगा. इसके अलावा भी विभाग द्वारा विभिन्न कार्य किए जाएंगे.
ऑनलाइन योजनाओं का शुभांरभ
इस अवसर पर कृषि ऋण पोर्टल के कार्य की जयपुर जिले की 17 तहसीलों के लिए शुरुआत की जाएगी. इस पोर्टल की सहायता से काश्तकार के कृषि ऋण आवेदन को बैंक द्वारा अग्रेषित करने एवं म्यूटेशन लगाने से लेकर ऋण मुहैया कराने तक की समस्त कार्रवाई ऑनलाइन ही हो जाएगी. कृषि ऋण प्राप्त होने के साथ ही संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय में ऑनलाइन ही उक्त भूमि के रहन नामांतरकरण भी स्वतः दर्ज होगा. जिससे आम काश्तकार को पंजीयन एवं राजस्व कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.
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खरीफ संवत 2077 की फसल से गिरदावरी की ई-हस्ताक्षरित प्रति की व्यवस्था का लोकार्पण भी मुख्यमंत्री द्वारा किया जाएगा. इसके उपरान्त राज्य की समस्त ऑनलाईन तहसीलों जहां गिरदावरी संबंधी कार्य किया जा रहा है. वहां गिरदावरी की ई-हस्ताक्षरित नकल ऑनलाईन प्राप्त की जा सकेगी एवं आम काश्तकार को फसल गिरदावरी की नकल के लिए राजस्व कार्यालय में नहीं जाना पड़ेगा.
अपितु वह ई-हस्ताक्षरित नकल को मोबाइल एप या ई-मित्र के माध्यम से निर्धारित प्रतिलिपि शुल्क अदा कर प्राप्त कर सकेगा, जो कि कार्याें की पारदर्शिता में एक और कदम होगा. गिरदावरी की ई-हस्ताक्षरित नकल ऑनलाइन प्राप्त होने से आम काश्तकार को रबी-खरीफ फसलों की जिंसों के बेचान, मुआवजा, न्यूनतम समर्थन मूल्य, कृषि ऋण एवं विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में सुगमता होगी.