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अब आप खुले एनक्लोजर में देख सकेंगे नाहरगढ़ पार्क में 'महक' को - rajasthan

कोटा जू से बाघिन महक को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लाया गया है. 21 दिन का निगरानी समय पूरा होने के बाद बाघिन को पर्यटकों के लिए खुले एंक्लोजर में छोड़ा जाएगा.

बाघिन महक की जयपुर जू में हुई वापसी
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Published : Mar 22, 2019, 3:16 PM IST

जयपुर. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में एक नया मेहमान आया है. जयपुर में जन्मी बाघिन महक की जयपुर वापसी हुई है. कोटा जू से बाघिन महक को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लाया गया है. बाघिन महक का जन्म साल 2004 में जयपुर जू में हुआ था.अब पर्यटक जल्द ही बाघिन महक को एंक्लोजर में बाघ नाहर के साथ देख सकेंगे.बाघिन महक को अभी अलग से एंक्लोजर में पर्यटकों से दूर रखा जा रहा है. 21 दिन का निगरानी समय पूरा होने के बाद बाघिन को पर्यटकों के लिए खुले एंक्लोजर में छोड़ा जाएगा.बाघिन महक को जयपुर में शुरू होने वाली टाइगर सफारी के लिए लाया गया है.वहीं वन विभाग महक से सफल ब्रीडिंग की भी उम्मीद लगा रहा है.ताकि महक की सफल ब्रीडिंग होने से बाघों का कुनबा बढ़ेगा और आगामी दिनों में शुरू होने वाली टाइगर सफारी में भी इनको छोड़ा जाएगा.

बाघिन महक की जयपुर जू में हुई वापसी

साल 2004 में बाघिन चंदा ने चार शावकों को जन्म दिया था, जिनमें से एक बाघिन महक भी है और दूसरीशावक नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में हाल ही में दो शावकों को जन्म देने वाली बाघिन रंभा है. इसके बाद 2012 में महक को कोटा जू में शिफ्ट कर दिया गया था. जिसे वापस ब्रीडिंग के लिए नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लाया गया है. हाल ही में टाइगर रंभा ने भी दो शावकों को जन्म दिया है.नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शुरू होने वाली लॉयन टाइगर सफारी में इन टाइगर्स को छोड़ा जाएगा. जयपुर में लेपर्ड सफारी और लॉयन सफारी के बाद अब टाइगर सफारी भी जल्द शुरू होने वाली है. वन विभाग ने टाइगर सफारी की तैयारियां शुरू कर दी है. करीब 2 करोड़ रुपए का बजट टाइगर सफारी के लिए बनाया गया है. जिसका काम जल्द शुरू कर दिया जाएगा.

जयपुर. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में एक नया मेहमान आया है. जयपुर में जन्मी बाघिन महक की जयपुर वापसी हुई है. कोटा जू से बाघिन महक को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लाया गया है. बाघिन महक का जन्म साल 2004 में जयपुर जू में हुआ था.अब पर्यटक जल्द ही बाघिन महक को एंक्लोजर में बाघ नाहर के साथ देख सकेंगे.बाघिन महक को अभी अलग से एंक्लोजर में पर्यटकों से दूर रखा जा रहा है. 21 दिन का निगरानी समय पूरा होने के बाद बाघिन को पर्यटकों के लिए खुले एंक्लोजर में छोड़ा जाएगा.बाघिन महक को जयपुर में शुरू होने वाली टाइगर सफारी के लिए लाया गया है.वहीं वन विभाग महक से सफल ब्रीडिंग की भी उम्मीद लगा रहा है.ताकि महक की सफल ब्रीडिंग होने से बाघों का कुनबा बढ़ेगा और आगामी दिनों में शुरू होने वाली टाइगर सफारी में भी इनको छोड़ा जाएगा.

बाघिन महक की जयपुर जू में हुई वापसी

साल 2004 में बाघिन चंदा ने चार शावकों को जन्म दिया था, जिनमें से एक बाघिन महक भी है और दूसरीशावक नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में हाल ही में दो शावकों को जन्म देने वाली बाघिन रंभा है. इसके बाद 2012 में महक को कोटा जू में शिफ्ट कर दिया गया था. जिसे वापस ब्रीडिंग के लिए नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लाया गया है. हाल ही में टाइगर रंभा ने भी दो शावकों को जन्म दिया है.नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शुरू होने वाली लॉयन टाइगर सफारी में इन टाइगर्स को छोड़ा जाएगा. जयपुर में लेपर्ड सफारी और लॉयन सफारी के बाद अब टाइगर सफारी भी जल्द शुरू होने वाली है. वन विभाग ने टाइगर सफारी की तैयारियां शुरू कर दी है. करीब 2 करोड़ रुपए का बजट टाइगर सफारी के लिए बनाया गया है. जिसका काम जल्द शुरू कर दिया जाएगा.

Intro:जयपुर
एंकर- जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में एक नया मेहमान आया है। जयपुर में जन्मी बाघिन महक की वापस जयपुर वापसी हुई है। कोटा जू से बाघिन महक को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लाया गया है। वर्ष 2004 में जयपुर जू में जन्मी बाघिन महक को कोटा जू से जयपुर लाया गया है। पर्यटक जल्द ही बाघिन महक को एंक्लोजर में बाघ नाहर के साथ देख सकेंगे।


Body:जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में एक नया मेहमान आया है। जयपुर में जन्मी बाघिन महक की वापस जयपुर वापसी हुई है। कोटा जू से बाघिन महक को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लाया गया है। वर्ष 2004 में जयपुर जू में जन्मी बाघिन महक को कोटा जू से जयपुर लाया गया है। पर्यटक जल्द ही बाघिन महक को एंक्लोजर में बाघ नाहर के साथ देख सकेंगे।

बाघिन महक को अभी अलग से एंक्लोजर में पर्यटकों से दूर रखा जा रहा है। 21 दिन का निगरानी समय पूर्ण होने के बाद बाघिन को पर्यटकों के लिए खुले एंक्लोजर में छोड़ा जाएगा। बाघिन महक को जयपुर में शुरू होने वाली टाइगर सफारी के लिए लाया गया है। वहीं वन विभाग महक से सफल ब्रीडिंग की भी उम्मीद लगा रहा है। ताकि महक की सफल ब्रीडिंग होने से बाघों का कुनबा बढ़ेगा और आगामी दिनों में शुरू होने वाली टाइगर सफारी में भी इनको छोड़ा जाएगा

बाघिन महक का जन्म जयपुर जू में हुआ था। वर्ष 2004 में बाघिन चंदा ने चार शावकों को जन्म दिया था, जिनमें से एक बाघिन महक भी है। और दूसरा शावक नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में हाल ही में दो शावकों को जन्म देने वाली बाघिन रंभा है। इसके बाद 2012 में महक को कोटा जू में शिफ्ट कर दिया गया था। जिसे वापस ब्रीडिंग के लिए नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लाया गया है। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बागी महक की ब्रीडिंग होने पर वन्यजीवों का कुनबा बढ़ेगा। हाल ही में टाइगर रंभा ने भी दो शावकों को जन्म दिया है। बाघिन महक और रंभा दोनों बहने हैं जिनको 2004 में बाघिन चंदा ने जन्म दिया था। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शुरू होने वाली लॉयन टाइगर सफारी में इन टाइगर्स को छोड़ा जाएगा। जयपुर में लेपर्ड सफारी और लॉयन सफारी के बाद अब टाइगर सफारी भी जल्द शुरू होने वाली है। वन विभाग ने टाइगर सफारी की तैयारियां शुरू कर दी है। करीब 2 करोड रुपए का बजट टाइगर सफारी के लिए बनाया गया है। जिसका काम जल्द शुरू कर दिया जाएगा।

बाईट- जगदीश गुप्ता, एसीएफ नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क

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