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जयपुर: शिक्षक को बिना नियमित करे ही कर दिया सेवानिवृत्त, हाईकोर्ट ने प्रमुख शिक्षा सचिव और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक से मांगा जवाब

जयपुर में रामस्वरूप शर्मा अप्रैल 1990 को बीकानेर जिला परिषद में तृतीय श्रेणी शिक्षक पद पर नियुक्त हुआ था. जिसके बाद विभाग ने पिछले तीस जून को उसे बिना नियमित किए ही सेवानिवृत्त कर दिया गया. जिसको लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख शिक्षा सचिव और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी किए हैं.

अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा , jaipur latest news
शिक्षक को बिना बताए ही कर दिया सेवानिवृत, हाईरकोर्ट ने मांगा जवाब
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Published : Dec 10, 2019, 10:03 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बिना नियमित किए ही शिक्षक को सेवानिवृत्त करने और उसे पेंशन परिलाभ नहीं देने पर प्रमुख शिक्षा सचिव और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी किए हैं. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश रामस्वरूप शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने अदालत ने को बताया कि याचिकाकर्ता अप्रैल 1990 को बीकानेर जिला परिषद में तृतीय श्रेणी शिक्षक पद पर नियुक्त हुआ था. उसके साथ नियुक्त अन्य शिक्षकों को साल 1993 में नियमित कर दिया गया, लेकिन याचिकाकर्ता को नियमित नहीं किया गया.

वहीं, याचिकाकर्ता का साल 2008 में जयपुर जिला परिषद में तबादला कर दिया गया. याचिकाकर्ता की ओर से अपने नियमितिकरण के लिए समय-समय पर पांच दर्जन से अधिक अभ्यावेदन भी विभाग में पेश किए, लेकिन उसे नियमित नहीं किया गया.

पढ़ें- चाकसूः पिकअप की टक्कर से बाइक सवार महिला की मौत, 2 गंभीर घायल जयपुर रेफर

बता दें कि पिछले तीस जून को उसे बिना नियमित किए ही सेवानिवृत्त कर दिया गया. इस संबंध में दूदू के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने भी विभाग में पत्र भेजकर याचिकाकर्ता का सर्विस रिकॉर्ड भेजने को कहा, लेकिन विभाग ने रिकॉर्ड गुम होने का हवाला देते हुए पत्र व्यवहार करने से इंकार कर दिया. वहीं, अब याचिका में गुहार की गई है कि उसे समस्त पेंशन परिलाभ दिलाए जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी की जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बिना नियमित किए ही शिक्षक को सेवानिवृत्त करने और उसे पेंशन परिलाभ नहीं देने पर प्रमुख शिक्षा सचिव और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी किए हैं. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश रामस्वरूप शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने अदालत ने को बताया कि याचिकाकर्ता अप्रैल 1990 को बीकानेर जिला परिषद में तृतीय श्रेणी शिक्षक पद पर नियुक्त हुआ था. उसके साथ नियुक्त अन्य शिक्षकों को साल 1993 में नियमित कर दिया गया, लेकिन याचिकाकर्ता को नियमित नहीं किया गया.

वहीं, याचिकाकर्ता का साल 2008 में जयपुर जिला परिषद में तबादला कर दिया गया. याचिकाकर्ता की ओर से अपने नियमितिकरण के लिए समय-समय पर पांच दर्जन से अधिक अभ्यावेदन भी विभाग में पेश किए, लेकिन उसे नियमित नहीं किया गया.

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बता दें कि पिछले तीस जून को उसे बिना नियमित किए ही सेवानिवृत्त कर दिया गया. इस संबंध में दूदू के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने भी विभाग में पत्र भेजकर याचिकाकर्ता का सर्विस रिकॉर्ड भेजने को कहा, लेकिन विभाग ने रिकॉर्ड गुम होने का हवाला देते हुए पत्र व्यवहार करने से इंकार कर दिया. वहीं, अब याचिका में गुहार की गई है कि उसे समस्त पेंशन परिलाभ दिलाए जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी की जवाब तलब किया है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने बिना नियमित किए ही शिक्षक को सेवानिवृत्त करने और उसे पेंशन परिलाभ नहीं देने पर प्रमुख शिक्षा सचिव और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी किए हैं। न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश रामस्वरूप शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।Body:याचिका में अधिवक्ता अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने अदालत ने को बताया कि याचिकाकर्ता अप्रैल 1990 को बीकानेर जिला परिषद में तृतीय श्रेणी शिक्षक पद पर नियुक्त हुआ था। उसके साथ नियुक्त अन्य शिक्षकों को वर्ष 1993 में नियमित कर दिया गया, लेकिन याचिकाकर्ता को नियमित नहीं किया गया। वहीं याचिकाकर्ता का वर्ष 2008 में जयपुर जिला परिषद में तबादला कर दिया गया। याचिकाकर्ता की ओर से अपने नियमितिकरण के लिए समय-समय पर पेश पांच दर्जन से अधिक अभ्यावेदन भी विभाग में पेश किए, लेकिन उसे नियमित नहीं किया गया। वहीं गत तीस जून को उसे बिना नियमित किए ही सेवानिवृत्त कर दिया गया। इस संबंध में दूदू के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने भी विभाग में पत्र भेजकर याचिकाकर्ता का सर्विस रिकॉर्ड भेजने को कहा, लेकिन विभाग ने रिकॉर्ड गुम होने का हवाला देते हुए पत्र व्यवहार करने से इंकार कर दिया। याचिका में गुहार की गई है कि उसे समस्त पेंशन परिलाभ दिलाए जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी की जवाब तलब किया है।Conclusion:
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