ETV Bharat / city

29 साल पहले बर्खास्त कर्मचारी को मिली राहत

राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार के दिन अजमेर केन्द्रीय सहकारी बैंक से बर्खास्त एक दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कर्मचारी को राहत प्रदान की है.

राजस्थान हाईकोर्ट न्यूज, Rajasthan High court news
author img

By

Published : Aug 8, 2019, 11:47 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वर्ष 1990 में अजमेर केन्द्रीय सहकारी बैंक से बर्खास्त दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी को राहत दी है. अदालत ने कर्मचारी को बकाया वेतन परिलाभ सहित बहाली करने या एक माह में साढे सात लाख रुपए मुआवजे के तौर पर देने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश यह आदेश केन्द्रीय सहकारी बैंक व बैंक के प्रबंध निदेशक की याचिका पर दिए.

मामले के अनुसार बैंक के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी मदनसिंह को 29 नवंबर 1990 में बर्खास्त किया गया था. इसके खिलाफ दायर याचिका पर श्रम न्यायालय ने कर्मचारी के बहाली के आदेश दिए. श्रम न्यायालय के इस आदेश को बैंक प्रबंधन की ओर से वर्ष 2004 में हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. याचिका में कहा गया कि कर्मचारी ने बर्खास्तगी के नौ साल बाद श्रम न्यायालय की शरण ली है.

पढ़ेंः विधानसभा में 70 हजार की रिश्वत लेते पकड़े गए एक्सईएन और एईएन

वहीं कर्मचारी की ओर से कहा गया कि उसने नवंबर 1986 से नवंबर 1990 तक बैंक में काम किया है. उसे हटाने से पहले न तो नोटिस दिया गया और ना ही किसी तरह का मुआवजा मिला. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने कर्मचारी को वेतन परिलाभ सहित पुन: बहाल करने या एक माह में मुआवजे के तौर पर साढे सात लाख रुपए अदा करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वर्ष 1990 में अजमेर केन्द्रीय सहकारी बैंक से बर्खास्त दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी को राहत दी है. अदालत ने कर्मचारी को बकाया वेतन परिलाभ सहित बहाली करने या एक माह में साढे सात लाख रुपए मुआवजे के तौर पर देने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश यह आदेश केन्द्रीय सहकारी बैंक व बैंक के प्रबंध निदेशक की याचिका पर दिए.

मामले के अनुसार बैंक के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी मदनसिंह को 29 नवंबर 1990 में बर्खास्त किया गया था. इसके खिलाफ दायर याचिका पर श्रम न्यायालय ने कर्मचारी के बहाली के आदेश दिए. श्रम न्यायालय के इस आदेश को बैंक प्रबंधन की ओर से वर्ष 2004 में हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. याचिका में कहा गया कि कर्मचारी ने बर्खास्तगी के नौ साल बाद श्रम न्यायालय की शरण ली है.

पढ़ेंः विधानसभा में 70 हजार की रिश्वत लेते पकड़े गए एक्सईएन और एईएन

वहीं कर्मचारी की ओर से कहा गया कि उसने नवंबर 1986 से नवंबर 1990 तक बैंक में काम किया है. उसे हटाने से पहले न तो नोटिस दिया गया और ना ही किसी तरह का मुआवजा मिला. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने कर्मचारी को वेतन परिलाभ सहित पुन: बहाल करने या एक माह में मुआवजे के तौर पर साढे सात लाख रुपए अदा करने को कहा है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने वर्ष 1990 में अजमेर केन्द्रीय सहकारी बैंक से बर्खास्त दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी को राहत दी है। अदालत ने कर्मचारी को बकाया वेतन परिलाभ सहित बहाली करने या एक माह में साढे सात लाख रुपए मुआवजे के तौर पर देने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश यह आदेश केन्द्रीय सहकारी बैंक व बैंक के प्रबंध निदेशक की याचिका पर दिए। Body:मामले के अनुसार बैंक के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी मदनसिंह को 29 नवंबर 1990 में बर्खास्त किया गया था। इसके खिलाफ दायर याचिका पर श्रम न्यायालय ने कर्मचारी के बहाली के आदेश दिए। श्रम न्यायालय के इस आदेश को बैंक प्रबंधन की ओर से वर्ष 2004 में हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। याचिका में कहा गया कि कर्मचारी ने बर्खास्तगी के नौ साल बाद श्रम न्यायालय की शरण ली है। वहीं कर्मचारी की ओर से कहा गया कि उसने नवंबर 1986 से नवंबर 1990 तक बैंक में काम किया है। उसे हटाने से पहले न तो नोटिस दिया गया और ना ही किसी तरह का मुआवजा मिला। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने कर्मचारी को वेतन परिलाभ सहित पुन: बहाल करने या एक माह में मुआवजे के तौर पर साढे सात लाख रुपए अदा करने को कहा है। Conclusion:null
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.