जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वर्ष 1990 में अजमेर केन्द्रीय सहकारी बैंक से बर्खास्त दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी को राहत दी है. अदालत ने कर्मचारी को बकाया वेतन परिलाभ सहित बहाली करने या एक माह में साढे सात लाख रुपए मुआवजे के तौर पर देने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश यह आदेश केन्द्रीय सहकारी बैंक व बैंक के प्रबंध निदेशक की याचिका पर दिए.
मामले के अनुसार बैंक के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी मदनसिंह को 29 नवंबर 1990 में बर्खास्त किया गया था. इसके खिलाफ दायर याचिका पर श्रम न्यायालय ने कर्मचारी के बहाली के आदेश दिए. श्रम न्यायालय के इस आदेश को बैंक प्रबंधन की ओर से वर्ष 2004 में हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. याचिका में कहा गया कि कर्मचारी ने बर्खास्तगी के नौ साल बाद श्रम न्यायालय की शरण ली है.
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वहीं कर्मचारी की ओर से कहा गया कि उसने नवंबर 1986 से नवंबर 1990 तक बैंक में काम किया है. उसे हटाने से पहले न तो नोटिस दिया गया और ना ही किसी तरह का मुआवजा मिला. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने कर्मचारी को वेतन परिलाभ सहित पुन: बहाल करने या एक माह में मुआवजे के तौर पर साढे सात लाख रुपए अदा करने को कहा है.