जयपुर. ज्योति नगर स्थित कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ऑफिस में सोमवार को एक अलग ही नजारा देखने को मिला. बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के रिटायर्ड कर्मचारी जब अपनी मेहनत की कमाई का पैसा लेने पहुंचे, तो डर के मारे अधिकारी ने गेट पर ताले लगा दिए और मिलने से इनकार कर दिया.
दरअसल, बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के 3500 कर्मचारियों का पैसा ईपीएफओ के पास है और सेंट्रल से आदेश है कि इन सभी कर्मचारियों का पीएफ का पैसा बैंक के ट्रस्ट में ट्रांसफर कर दिया जाए. लेकिन ईपीएफओ यह पैसा बैंक के ट्रस्ट में ट्रांसफर नहीं कर रहा. इसके लिए कर्मचारी लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. इनमें से 234 कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं. इन 3500 कर्मचारियों का करीब 400 करोड़ रुपए ईपीएफओ के पास है. सोमवार को सैकड़ों कर्मचारी भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले ईपीएफओ दफ्तर पहुंचे, लेकिन अधिकारी ने इन कर्मचारियों से मिलने से इंकार कर दिया.
राजस्थान ग्रामीण बैंक ऑफीसर्स ऑर्गेनाइजेशन एवं ग्रामीण बैंक एंप्लाइज यूनियन के चीफ कोऑर्डिनेटर आरसी गुप्ता ने बताया कि यह कर्मचारी अधिकारी तक न पहुंच जाएं. इसलिए क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त जयदीप चक्रवर्ती ने दफ्तर के अंदर जाने वाले सभी गेटों पर ताले लगवा दिए. पीएफ का पैसा लेने आए कर्मचारी गेटों पर ताला लगाने से नाराज हो गए और उन्होंने क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त के खिलाफ नारेबाजी कर उनके खिलाफ आक्रोश (Retired bank employees protest against PF officer in Jaipur) जताया.
गुप्ता ने बताया कि 1 जनवरी, 2021 के बाद सैकड़ों कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं. पीएफ विभाग उनका पैसा नहीं लौटा रहा. भारतीय मजदूर संघ की ओर से ईपीएफओ के दिल्ली स्थित दफ्तर से भी संपर्क किया गया. उसके बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करवाई गई. उस समय यह निर्देश दिया गया था कि 28 फरवरी, 2022 तक सभी रिटायर कर्मचारियों को उनका पीएफ का पैसा दिया जाए. गुप्ता ने चेतावनी दी कि यदि 3 दिन में इन कर्मचारियों का पैसा नहीं लौटाया जाता है, तो कर्मचारी यहीं पर प्रदर्शन करेंगे.