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सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का जवाब 4 हजार 750 पेज में

सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के हालात इतने खराब है की 2 जिलों के अतिक्रमण के सवाल पर विधानसभा में 4,750 पेज का जवाब दिया गया है. केशोरायपाटन विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने अतिक्रमण को लेकर राजस्थान विधानसभा में सवाल पुछा था.

विधायक चंद्रकांता मेघवाल के सवाल पर खुली सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण की पोल
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Published : Aug 9, 2019, 12:22 PM IST

Updated : Aug 10, 2019, 6:10 AM IST

जयपुर. प्रदेश में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के क्या हालात है इसका जवाब राजस्थान विधानसभा में केशोरायपाटन विधायक चंद्रकांता मेघवाल के 2 जिलों बूंदी और कोटा के अतिक्रमण के लिए पूछे गए सवाल और उस पर मिले 4 हजार 750 पेज के जवाब से चल जाता है.

विधायक चंद्रकांता मेघवाल के सवाल पर खुली सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण की पोल

पढ़ें- चाकसू : निमोड़िया रोड पर बह रहा पानी... दर्जनों गांवों का रास्ता बंद

दरअसल विधानसभा में केशोरायपाटन से भाजपा विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने विधानसभा में कोटा और बूंदी जिलों में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण और अतिक्रमण के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा था. जिस पर राजस्व विभाग ने 4750 पेज में उस सवाल का जवाब दिया. जवाब इतना बड़ा था कि विधानसभा की वेबसाइट पर इसे ऑनलाइन अपलोड किया जाना भी संभव नहीं था.

पढ़ें- प्रदेशभर में औसत से 80 फीसदी ज्यादा बारिश... मौसम विभाग ने फिर जारी किया ऑरेंज अलर्ट

ऐसे में विधानसभा की वेबसाइट पर इसे ऑनलाइन नहीं डाला जा सका. हार्ड कॉपी के तौर पर 4750 पेज के जवाब पर भी अब सवाल उठ रहे हैं. क्योंकि इस सवाल के जवाब के 10 सेट तैयार हुए हैं जिस पर 47,750 पेज लगे हैं.

हालांकि पेपरलेस होने का दावा कर रही विधानसभा अगर इसका जवाब पेन ड्राइव के जरिए देती तो ज्यादा अच्छा होता. हालांकि, इस सवाल के इतने बड़े जवाब से यह बड़ा सवाल जरूर खड़ा हो गया है कि अगर दो जिलों में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के यह हालात हैं तो पूरे प्रदेश में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के क्या हालात होंगे.


बूंदी में 23 हजार और कोटा में 8,773 अतिक्रमी

सरकारी जमीनों पर बड़ी तादाद में अतिक्रमण होते रहे हैं. लेकिन, इन्हें हटाने पर उतनी चुस्ती नहीं दिखाई जाती. अकेले बूंदी जिले में ही 23 हजार से ज्यादा अधिकारों के मामले सामने आए हैं. जिसके खिलाफ कार्रवाई की गई सरकारी जमीनों पर बढ़ते अतिक्रमण होने अतिक्रमण के हौसले बढ़ते जा रहे हैं. और यही हाल रहे तो आने वाले वक्त में सार्वजनिक जमीन का बचवा मुश्किल हो जाएगा.


राजस्व विभाग ने इस सवाल के जवाब में कहा है कि कोटा जिले में 8773 अतिक्रमण है और 795 और 3116 हेक्टेयर सवाई चक भूमि से अतिक्रमण हटाए गए हैं. 8768 को नोटिस दिए गए हैं और 8760 अतिक्रमण की फसल भी जप्त की गई है. बूंदी जिले में तो हालात और भी खराब है. अकेले बूंदी जिले में 23,247 लोगों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है. 23,247 हेक्टर चारागाह भूमि और 8698 हेक्टेयर सवाई चक भूमि पर अतिक्रमण फिलहाल वहां से हटाए गए हैं.

जयपुर. प्रदेश में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के क्या हालात है इसका जवाब राजस्थान विधानसभा में केशोरायपाटन विधायक चंद्रकांता मेघवाल के 2 जिलों बूंदी और कोटा के अतिक्रमण के लिए पूछे गए सवाल और उस पर मिले 4 हजार 750 पेज के जवाब से चल जाता है.

विधायक चंद्रकांता मेघवाल के सवाल पर खुली सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण की पोल

पढ़ें- चाकसू : निमोड़िया रोड पर बह रहा पानी... दर्जनों गांवों का रास्ता बंद

दरअसल विधानसभा में केशोरायपाटन से भाजपा विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने विधानसभा में कोटा और बूंदी जिलों में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण और अतिक्रमण के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा था. जिस पर राजस्व विभाग ने 4750 पेज में उस सवाल का जवाब दिया. जवाब इतना बड़ा था कि विधानसभा की वेबसाइट पर इसे ऑनलाइन अपलोड किया जाना भी संभव नहीं था.

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ऐसे में विधानसभा की वेबसाइट पर इसे ऑनलाइन नहीं डाला जा सका. हार्ड कॉपी के तौर पर 4750 पेज के जवाब पर भी अब सवाल उठ रहे हैं. क्योंकि इस सवाल के जवाब के 10 सेट तैयार हुए हैं जिस पर 47,750 पेज लगे हैं.

हालांकि पेपरलेस होने का दावा कर रही विधानसभा अगर इसका जवाब पेन ड्राइव के जरिए देती तो ज्यादा अच्छा होता. हालांकि, इस सवाल के इतने बड़े जवाब से यह बड़ा सवाल जरूर खड़ा हो गया है कि अगर दो जिलों में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के यह हालात हैं तो पूरे प्रदेश में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के क्या हालात होंगे.


बूंदी में 23 हजार और कोटा में 8,773 अतिक्रमी

सरकारी जमीनों पर बड़ी तादाद में अतिक्रमण होते रहे हैं. लेकिन, इन्हें हटाने पर उतनी चुस्ती नहीं दिखाई जाती. अकेले बूंदी जिले में ही 23 हजार से ज्यादा अधिकारों के मामले सामने आए हैं. जिसके खिलाफ कार्रवाई की गई सरकारी जमीनों पर बढ़ते अतिक्रमण होने अतिक्रमण के हौसले बढ़ते जा रहे हैं. और यही हाल रहे तो आने वाले वक्त में सार्वजनिक जमीन का बचवा मुश्किल हो जाएगा.


राजस्व विभाग ने इस सवाल के जवाब में कहा है कि कोटा जिले में 8773 अतिक्रमण है और 795 और 3116 हेक्टेयर सवाई चक भूमि से अतिक्रमण हटाए गए हैं. 8768 को नोटिस दिए गए हैं और 8760 अतिक्रमण की फसल भी जप्त की गई है. बूंदी जिले में तो हालात और भी खराब है. अकेले बूंदी जिले में 23,247 लोगों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है. 23,247 हेक्टर चारागाह भूमि और 8698 हेक्टेयर सवाई चक भूमि पर अतिक्रमण फिलहाल वहां से हटाए गए हैं.

Intro:सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के यह हालात के 2 जिलों के अतिक्रमण ओं के सवाल पर विधानसभा में दिया गया 4750 पेज का जवाब इतने बड़े उत्तर के चलते वेबसाइट पर ऑनलाइन अपलोड नहीं हो सका जवाब केवल कोटा बूंदी के यह हालात तो फिर प्रदेश में सरकारी जमीनों पर हो रहे अतिक्रमण के हालात क्या होंगे


Body:प्रदेश में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के क्या हालात है इसका जवाब हमें राजस्थान विधानसभा में केशोरायपाटन विधायक चंद्रकांता मेघवाल के 2 जिलों बूंदी और कोटा के अतिक्रमण के लिए पूछे गए सवाल और उस पर मिले 4750 पेज के जवाब से ही चल जाता है दरअसल विधानसभा में केशोरायपाटन से भाजपा विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने विधानसभा में कोटा और बूंदी जिलों में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण और अतिक्रमण के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा था जिस पर राजस्व विभाग ने 4750 पेज में उस सवाल का जवाब दिया जवाब इतना बड़ा था कि विधानसभा की वेबसाइट पर इसे ऑनलाइन अपलोड किया जाना भी संभव नहीं था ऐसे में विधानसभा की वेबसाइट पर इसे ऑनलाइन नहीं डाला जा सका हार्ड कॉपी के तौर पर 4750 पेज के जवाब पर भी अब सवाल उठ रहे हैं क्योंकि इस सवाल के जवाब के 10 सेट तैयार हुए हैं जिस पर 47500 पेज लगे हालांकि पेपरलेस होने का दावा कर रही विधानसभा अगर इसका जवाब पेन ड्राइव के जरिए देती तो ज्यादा अच्छा होता हालांकि इस सवाल के इतने बड़े जवाब से यह बड़ा सवाल जरूर खड़ा हो गया है क्या कर दो जिलों में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के यह हालात हैं तो पूरे प्रदेश में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के क्या हालात होंगे
बूंदी में 23000 और कोटा में 8773 अतिक्रमी
सरकारी जमीनों पर बड़ी तादाद में अतिक्रमण होते रहे हैं लेकिन इन्हें हटाने पर उतनी चुस्ती नहीं दिखा जाती अकेले बूंदी जिले में ही 23000 से ज्यादा अधिकारों के मामले सामने आए हैं जिसके खिलाफ कार्रवाई की गई सरकारी जमीनों पर बढ़ते अतिक्रमण होने अतिक्रमण के हौसले बढ़ते जा रहे हैं और यही हाल रहे तो आने वाले वक्त में सार्वजनिक जमीन ए बचवा ना ही मुश्किल हो जाएगा राजस्व विभाग ने इस सवाल के जवाब में कहा है कि कोटा जिला में 8773 अतिक्रमण है 795 और 3116 एक्टर सवाई चक भूमि से अतिक्रमण हटाए गए हैं 8768 को नोटिस दिए गए हैं और 8760 अतिक्रमण की फसल भी जप्त की गई है बूंदी जिले में तो हालात और भी खराब है अकेले बूंदी जिले में 23247 लोगों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है 23247 हेक्टर चारागाह भूमि और 8698 एक्टर सवाई चक भूमि पर अतिक्रमण फिलहाल वहां से हटाए गए हैं
पीटीसी अजीत


Conclusion:
Last Updated : Aug 10, 2019, 6:10 AM IST
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