जयपुर. प्रदेश में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के क्या हालात है इसका जवाब राजस्थान विधानसभा में केशोरायपाटन विधायक चंद्रकांता मेघवाल के 2 जिलों बूंदी और कोटा के अतिक्रमण के लिए पूछे गए सवाल और उस पर मिले 4 हजार 750 पेज के जवाब से चल जाता है.
पढ़ें- चाकसू : निमोड़िया रोड पर बह रहा पानी... दर्जनों गांवों का रास्ता बंद
दरअसल विधानसभा में केशोरायपाटन से भाजपा विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने विधानसभा में कोटा और बूंदी जिलों में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण और अतिक्रमण के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा था. जिस पर राजस्व विभाग ने 4750 पेज में उस सवाल का जवाब दिया. जवाब इतना बड़ा था कि विधानसभा की वेबसाइट पर इसे ऑनलाइन अपलोड किया जाना भी संभव नहीं था.
पढ़ें- प्रदेशभर में औसत से 80 फीसदी ज्यादा बारिश... मौसम विभाग ने फिर जारी किया ऑरेंज अलर्ट
ऐसे में विधानसभा की वेबसाइट पर इसे ऑनलाइन नहीं डाला जा सका. हार्ड कॉपी के तौर पर 4750 पेज के जवाब पर भी अब सवाल उठ रहे हैं. क्योंकि इस सवाल के जवाब के 10 सेट तैयार हुए हैं जिस पर 47,750 पेज लगे हैं.
हालांकि पेपरलेस होने का दावा कर रही विधानसभा अगर इसका जवाब पेन ड्राइव के जरिए देती तो ज्यादा अच्छा होता. हालांकि, इस सवाल के इतने बड़े जवाब से यह बड़ा सवाल जरूर खड़ा हो गया है कि अगर दो जिलों में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के यह हालात हैं तो पूरे प्रदेश में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के क्या हालात होंगे.
बूंदी में 23 हजार और कोटा में 8,773 अतिक्रमी
सरकारी जमीनों पर बड़ी तादाद में अतिक्रमण होते रहे हैं. लेकिन, इन्हें हटाने पर उतनी चुस्ती नहीं दिखाई जाती. अकेले बूंदी जिले में ही 23 हजार से ज्यादा अधिकारों के मामले सामने आए हैं. जिसके खिलाफ कार्रवाई की गई सरकारी जमीनों पर बढ़ते अतिक्रमण होने अतिक्रमण के हौसले बढ़ते जा रहे हैं. और यही हाल रहे तो आने वाले वक्त में सार्वजनिक जमीन का बचवा मुश्किल हो जाएगा.
राजस्व विभाग ने इस सवाल के जवाब में कहा है कि कोटा जिले में 8773 अतिक्रमण है और 795 और 3116 हेक्टेयर सवाई चक भूमि से अतिक्रमण हटाए गए हैं. 8768 को नोटिस दिए गए हैं और 8760 अतिक्रमण की फसल भी जप्त की गई है. बूंदी जिले में तो हालात और भी खराब है. अकेले बूंदी जिले में 23,247 लोगों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है. 23,247 हेक्टर चारागाह भूमि और 8698 हेक्टेयर सवाई चक भूमि पर अतिक्रमण फिलहाल वहां से हटाए गए हैं.