जयपुर. प्रदेश में अब एक ही जमीन पर होटल के साथ आवासीय योजना विकसित की जा सकेगी. पुराने होटल परिसर में भी ये व्यवस्था लागू हो सकेगी. राज्य सरकार ने इस संबंध में तकनीकी मापदंड निर्धारित किए हैं. इससे न सिर्फ होटल व्यवसाय को संजीवनी मिलेगी, बल्कि कोरोना काल में बिगड़ी हुई आर्थिक परिस्थितियों में भी सुधार होगा.
राज्य सरकार ने मॉडल राजस्थान भवन विनियम 2020 में नया विनियम जोड़ा है, जिसके तहत होटल हाउसिंग मास्टर प्लान में प्रस्तावित व्यवसायिक मिश्रित आवासीय औद्योगिक और होटल लैंड यूज़ में लागू होगा. हालांकि होटल के साथ मकानों के नए निर्माण के लिए प्रस्तावित सड़क की चौड़ाई बड़े शहरों में कम से कम 18 मीटर और छोटे शहरों में कम से कम 12 मीटर होना जरूरी होगा.
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नए विनियम के तहत ये रहेंगे मापदंड :
- होटल हाउसिंग, मास्टर प्लान में प्रस्तावित भू-उपयोग यथा व्यवसायिक, मिश्रित, आवासीय, औद्योगिक एवं होटल जोन भू-उपयोग में अनुज्ञेय होंगे.
- नव निर्माण के लिए प्रस्तावित सड़क की चौडाई बड़े शहरों में न्यूनतम 18 मी. और मध्यम/लघु शहरों में न्यूनतम 12 मी. हो.
- इन विनियमों के पूर्व स्वीकृत 8 हज़ार वर्गमीटर और इससे अधिक क्षेत्रफल पर स्थित होटल भवनों में या नव-प्रस्तावित भवन जो कि 10 हज़ार वर्गमीटर और इससे अधिक क्षेत्रफल के भूखण्डों पर प्रस्तावित हो.
- होटल हाउसिंग के लिए प्रस्तावित भवनों में मानक बीएआर होटल क्षेत्र के लिए 4.00 और आवासीय क्षेत्र के लिए 2.00 देय होगा. मानक बीएआर से अतिरिक्त बीएआर प्रस्तावित किये जाने पर नियमानुसार बेटरमेन्ट लेवी देय होगी.
- आवासीय उपयोग के अनुपात में भूखण्ड के क्षेत्रफल के अनुपात की गणना कर ग्रीन एरिया, सामुदायिक सुविधाओं का प्रावधान रखना अनिवार्य होगा. पार्किंग का प्रावधान संबंधित प्रस्तावित उपयोगों के अनुसार किया जाना होगा.
- निर्मित क्षेत्रफल का अनुपात 65:35 (होटल के लिए 65 प्रतिशत और आवासीय 35 प्रतिशत) होगा.
- आवासीय हिस्से को रेरा में पंजीयन कराना जरूरी होगा.
- होटल में निर्मित दूसरी सुविधाएं स्विमिंग पूल, क्लब, जिम जैसी सुविधाओं का उपयोग आवासीय इकाइयों के निवासियों के लिए अनुमत किया जा सकेगा.
- परियोजना का पर्यटन नीति में पंजीयन होने पर होटल परियोजना क्षेत्र के तहत छूट देय होगी.
इसके साथ ही पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन इकाई के रूप में परियोजनाओं के अनुमोदन को विशेष रियायतें प्रदान कर त्वरित अनुमोदन की प्रक्रिया अपनाई जाने के लिए राहत पैकेज दिये जा सकेंगे. हालांकि होटल हाउसिंग के लिए प्रस्तावित प्रकरणों में अन्तिम निर्णय राज्य सरकार के स्तर पर ही लिया जाएगा.