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एनएमसी बिल के विरोध में राजधानी में स्वास्थ्य भवन के बाहर चिकित्सकों का धरना शुरू - नेशनल मेडिकल कमिशन बिल

राजधानी के स्वास्थ्य भवन पर एनएमसी बिल के विरोध में सेवारत चिकित्सकों की ओर से धरना दिया जा रहा है. जिसमें सेवारत डॉक्टर्स नारेबाजी कर एमएनसी बिल को काला कानून बता रहे है.

Resident Doctor protesting against NMC Bill
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Published : Aug 1, 2019, 8:32 PM IST

जयपुर . प्रदेशभर में नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में एक तरफ सरकारी अस्पतालों के ओपीडी सेवाएं प्रभावित हो रही है. दूसरी तरफ अब रेजिडेंट डॉक्टरों ने स्वास्थ्य भवन के बाहर धरना देना शुरू कर दिया है. जिसमें बड़ी संख्या में सेवारत चिकित्सक अपना विरोध जता रहे हैं.

एनएमसी बिल के विरोध में राजधानी में स्वास्थ्य भवन के बाहर चिकित्सकों का धरना शुरू

अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के बैनर तले हो रहे इस धरना- प्रदर्शन में सेवारत डॉक्टर्स ने नारेबाजी कर अपना विरोध जताया. साथ ही एनएमसी बिल को काला कानून बताया. संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय चौधरी ने कहा कि, इस बिल से संस्थाओं को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.

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जिसमें झोला छाप लोगो को ब्रिज कोर्स के जरिए प्रवेश दे रहे है, लेकिन जो पांच साल तक शिक्षा ग्रहण करके आए है उनको अनुमति नहीं है. इससे झोलाछाप डॉक्टरों को बढ़ावा दिया जा रहा है. इस एमएनसी बिल से एक तरह से पूरी जनता मरीज हो जाएगी और चिकित्सा शिक्षा का गला घोंट दिया जाएगा. सेवारत चिकित्सकों ने चेतावनी दी है, कि यदि समय रहते एनएमसी बिल में संशोधन नहीं किया गया, तो प्रदेशभर में धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. साथ ही सेवारत चिकित्सक ओपीडी में सेवाएं नहीं देंगे.

दूसरी ओर सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार का असर देखा जा रहा है. जिसके चलते मरीजों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में मरीजों को मजबूरन निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है.

जयपुर . प्रदेशभर में नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में एक तरफ सरकारी अस्पतालों के ओपीडी सेवाएं प्रभावित हो रही है. दूसरी तरफ अब रेजिडेंट डॉक्टरों ने स्वास्थ्य भवन के बाहर धरना देना शुरू कर दिया है. जिसमें बड़ी संख्या में सेवारत चिकित्सक अपना विरोध जता रहे हैं.

एनएमसी बिल के विरोध में राजधानी में स्वास्थ्य भवन के बाहर चिकित्सकों का धरना शुरू

अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के बैनर तले हो रहे इस धरना- प्रदर्शन में सेवारत डॉक्टर्स ने नारेबाजी कर अपना विरोध जताया. साथ ही एनएमसी बिल को काला कानून बताया. संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय चौधरी ने कहा कि, इस बिल से संस्थाओं को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.

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जिसमें झोला छाप लोगो को ब्रिज कोर्स के जरिए प्रवेश दे रहे है, लेकिन जो पांच साल तक शिक्षा ग्रहण करके आए है उनको अनुमति नहीं है. इससे झोलाछाप डॉक्टरों को बढ़ावा दिया जा रहा है. इस एमएनसी बिल से एक तरह से पूरी जनता मरीज हो जाएगी और चिकित्सा शिक्षा का गला घोंट दिया जाएगा. सेवारत चिकित्सकों ने चेतावनी दी है, कि यदि समय रहते एनएमसी बिल में संशोधन नहीं किया गया, तो प्रदेशभर में धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. साथ ही सेवारत चिकित्सक ओपीडी में सेवाएं नहीं देंगे.

दूसरी ओर सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार का असर देखा जा रहा है. जिसके चलते मरीजों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में मरीजों को मजबूरन निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है.

Intro:राजधानी के स्वास्थ्य भवन पर एमएनसी बिल के विरोध में सेवारत चिकित्सकों की ओर से धरना दिया जा रहा है. जिसमें सेवारत डॉक्टर्स नारेबाजी कर एमएनसी बिल को काला कानून बता रहे है. तो दूसरी तरफ सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में सेवारत चिकित्सको की सेवाएं नहीं मिलने से मरीजों को बड़ी समस्याएं हो रही है.


Body:एंकर : प्रदेभर में नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में एक तरफ सरकारी अस्पतालों के ओपीडी सेवाएं प्रभावित हो रही है. तो दूसरी तरफ अब रेजिडेंट डॉक्टरों ने स्वास्थ्य भवन के बाहर धरना भी देना शुरू कर दिया है. जिसमें बड़ी संख्या में सेवारत चिकित्सक अपना विरोध जता रहे है.

अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के बैनर तले हो रहे इस धरने प्रदर्शन में सेवारत डॉक्टर्स ने नारेबाजी कर अपना विरोध जताया. साथ ही एनएमसी बिल को काला कानून बताया.
संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय चौधरी ने कहा कि, इस बिल से संस्थाओं को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. जिसमें झोला छाप लोगो को ब्रिज कोर्स के जरिए प्रवेश दे रहे है, लेकिन जो पांच साल तक शिक्षा ग्रहण करके आए है उनको अनुमति नहीं है. इससे झोलाछाप डॉक्टरों को बढ़ावा दिया जा रहा है. इस एमएनसी बिल से एक तरह से पूरी जनता मरीज हो जाएगी और चिकित्सा शिक्षा का गला घोंट दिया जाएगा.

सेवारत चिकित्सकों ने चेतावनी दी है, कि यदि समय रहते एमएनसी बिल में संशोधन नहीं किया गया, तो प्रदेशभर में धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. साथ ही सेवारत चिकित्सक ओपीडी में सेवाएं नहीं देंगे. दूसरी और सरकारी अस्पतालो में डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार का असर देखा जा रहा है. जिसके चलते मरीजों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में मरीजों को मजबूरन निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है.

बाइट - अजय चौधरी, प्रदेशाध्यक्ष,अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ


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