जयपुर. राजधानी में मुस्लिम परिषद संस्थान ने लॉकडाउन के दौरान बेरोजगार हुए 26 श्रेणियों के लोगों को सहायता देने पर आपत्ति जताई है. संस्थान का कहना है कि इसमें मंदिरों में पूजा करने वाले पंडित और अन्य कर्मकांड करने वाले पंडितों को तो शामिल किया गया है, लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक सेवा करने वाले संतो को शामिल नहीं किया गया है. इस संबंध में मुस्लिम परिषद संस्थान ने मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों को पत्र लिखा है.
बता दें, कि पत्र में कहा गया है कि खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा आगामी दिनों में विभिन्न श्रेणियों में राशन वितरण के लिए 26 श्रेणियों के लोगों को शामिल किया गया है. इन लोगों को सरकार की ओर से राशन मुहैया कराया जाएगा. यह लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल नहीं है. इन श्रेणियों में मंदिरों में पूजा करने वाले पंडित और अन्य पूजा-पाठ के साथ-साथ कर्मकांड करने वाले पंडित तो शामिल है परंतु अल्पसंख्यक समुदाय के ईसाई धर्म के चर्च के पादरी, जैन, बौद्ध और सिख समुदाय के संत, मस्जिदों के इमाम और कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार के काम से जुड़े लोग शामिल नहीं है.
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इसे लेकर मुस्लिम परिषद संस्थान ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के मंत्री रमेश मीणा, अल्पसंख्यक मामलात मंत्री साले मोहम्मद, वक्फ बोर्ड चेयरमैन डॉ. खानू खान बुधवाली, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, आपदा प्रबंधन समूह के अध्यक्ष और गृह सचिव राजीव स्वरूप, खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन को पत्र भेजकर मामले से अवगत कराया गया.
मुस्लिम परिषद संस्थान के अध्यक्ष युनूस चौपदार ने कहा, कि हमने मांग रखी थी कि पूर्व में जारी आदेश में संशोधन कर इन लोगों को भी इसमें शामिल किया जाए. चौपदार ने बताया, कि सरकार के आला अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि आगामी दो दिनों में सूची में संशोधन कर इन लोगों को भी इसमें शामिल किया जाएगा.