जयपुर. प्रदेश में मानसून दस्तक दे चुका है और मानसून से पहले जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम ने नगर निगम को सफाई की गई नालों की सूचना देने को कहा था, लेकिन नालों की सफाई की सूचना का अभी भी जिला प्रशासन इंतजार कर रहा है. मानसून से पहले हर बार जयपुर के नालों की सफाई की जाती है और हर बार इन नालों में पानी उफनता दिखाई देता है. मतलब साफ है कि नालों की सफाई नगर निगम सही तरीके से नहीं करता है. जिला प्रशासन ने अब निर्णय किया है कि सिविल डिफेंस के जरिए नालों की जांच कराई जाएगी.
सिविल डिफेंस की टीम नालों की सफाई की जांच कर उसकी वीडियोग्राफी भी करेगी. पिछली बार भी मानसून से पहले नगर निगम को यह जिम्मेदारी दी गई थी. उस समय भी सिविल डिफेंस की टीम को लगाकर नालों की सफाई की जांच कराई गई थी. मानसून से पहले जयपुर शहर के नालों की सफाई के लिए जिला कलेक्टर ने खास तैयारी की थी. जिला कलेक्टर ने जोन वाइज एडीएम और आरएएस अधिकारियों को भी लगाया था. नगर निगम के अधिकारियों को भी जोन वाइज जिम्मेदारी दी गई थी.
जिला प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार जयपुर शहर में 900 से ज्यादा बरसाती नाले हैं और हर बार नगर निगम दावा करता है कि नालों की सफाई कर दी गई है, लेकिन जब पानी आता है तो नगर निगम के दावों की पोल भी खुल जाती है. जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार अब तक निगम से 400 नालों की रिपोर्ट जिला प्रशासन को पहुंचाई गई है. अतिरिक्त जिला कलेक्टर दक्षिण शंकर लाल सैनी ने बताया कि चारदीवारी, शास्त्री नगर, दिल्ली रोड, आगरा रोड सहित कई इलाके ऐसे हैं, जहां नाले हैं और वह गंदगी से अटे हुए हैं. अभी तक इन इलाकों में नालों की सफाई उचित तरीके से नहीं हो पाई है.
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शंकर लाल सैनी ने बताया नालों की सफाई के लिए आरएएस अधिकारियों को लगाया गया था. साथ ही निगम के अधिकारियों को भी जिम्मेदारी दी गई थी. अधिकारियों ने एक बार तो विजिट की थी और उसकी रिपोर्ट भी जिला प्रशासन को सौंपी थी. इसके बाद कोई रिपोर्ट जिला प्रशासन के पास नहीं आई है. सैनी ने कहा कि अधिकारियों को वापस विजिट के लिए कहा गया है और उनसे रिपोर्ट भी मांगी गई है. जल्दी रिपोर्ट आने की संभावना है.