जयपुर. महुआ पुजारी शंभू दयाल की मौत के मामले में चल रहा आंदोलन अभी थमा भी नहीं था कि इसी प्रकरण में दौसा में चल रहे धरने के दौरान पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए जगदीश सैनी की शुक्रवार को उपचार के दौरान जयपुर में मौत हो गई. वहीं, जगदीश सैनी की मौत के बाद परिवार की सहमति लिए बगैर उसकी आंखें निकालने के मामले को सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने गंभीर बताया.
राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि अस्पताल प्रशासन की ओर से अपनी मनमर्जी से किसी मृतक की आंखें निकालना एक गंभीर मामला है. इसको लेकर सरकार को अस्पताल प्रशासन के खिलाफ सख्त कदम उठाना चाहिए. मीणा ने कहा कि शंभू पुजारी को न्याय दिलाने के महुआ में धरना चल रहा था, उस स्थल पर पुलिस की लाठीचार्ज के दौरान जगदीश सैनी घायल हो गया था. घायल जगदीश सैनी की जयपुर में उपचार के दौरान मौत हो गई.
अस्पताल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए
मीणा ने कहा कि जगदीश की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने परिवार की सहमति लिए बगैर उसकी आंखें निकाल ली, जो एक गंभीर मामला है. इस मामले को सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए और लापरवाह अस्पताल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.
हम वार्ता के लिए हमेशा तैयार
किरोड़ी लाल मीणा ने शंभू पुजारी के शव को लेकर जयपुर में चल रहे धरने के तीसरे दिन सरकार की तरफ से वार्ता का न्यौता आने पर कहा कि हमारी तरफ से वार्ता के लिए दरवाजे हमेशा खुले हैं. सरकार को तय करना है कि वह हमसे कब तक वार्ता करें. हमें जब भी सरकार वार्ता के लिए बुलाएगी हम जाएंगे.
सांसद ने कहा कि इस पूरे मामले को जल्दी से जल्दी खत्म किया जाए ताकि शव का दाह संस्कार किया जा सके. मीणा ने मानव अधिकार आयोग की ओर से दिए गए नोटिस पर कहा कि शंभू पुजारी के शव मामले पर मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है. जो नोटिस मानव अधिकार आयोग की तरफ से मिला है उसका जवाब देंगे. उन्होंने कहा कि आगे मानव अधिकार आयोग के जो भी दिशा-निर्देश होंगे उन्हें हम पूरा करेंगे.
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क्या है पूरा मामला...
बता दें, शंभू पुजारी के शव को लेकर राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा जयपुर आने से पहले 5 दिन तक महुआ में धरना दे रहे थे. जब किरोड़ी लाल मीणा शंभू पुजारी के शव को लेकर चुपचाप जयपुर आ गए थे तो उसके बाद पुलिस ने महुआ के धरना स्थल को हल्के बल प्रयोग के जरिए हटाया था.
इस दौरान जगदीश सैनी नाम का एक युवक पुलिस की झड़प की वजह से घायल हो गया था. उसे घायल अवस्था में जयपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसकी शुक्रवार को मौत हो गई. इसके बाद शनिवार को जब शव परिजनों को सौंपा गया तो उसकी आंखें नहीं होने के बाद मामला एक बार फिर गरमा गया. परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन ने उनकी बिना अनुमति के उसकी आंखें निकाल लिए.