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राजस्थान में 30 जून तक बंद रहेंगे धार्मिक स्थल, आयुर्वेदिक सैनिटाइजर का किया जाएगा उपयोग

केंद्र सरकार ने 8 जून से मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च खोलने को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी थी. लेकिन, प्रदेश में सरकार और धर्मगुरुओं के बीच 30 जून तक धार्मिक स्थलों को बंद रखने पर सहमति बनी है.

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30 जून के बाद खुलेंगे धार्मिक स्थल
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Published : Jun 6, 2020, 10:34 PM IST

जयपुर. राजस्थान में कोरोना संकटकाल में लॉकडाउन के चलते ढाई महीने से बंद धार्मिक स्थल फिलहाल 30 जून तक नहीं खुलेंगे. हालांकि केंद्र सरकार ने 8 जून से मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च खोलने को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी थी. लेकिन, राज्य सरकार और धर्मगुरुओं के बीच 30 जून तक धार्मिक स्थलों को बंद रखने पर सहमति बनी है.

मंदिरों में बनेगा आयुर्वेदिक सैनिटाइजर...

इसके अलावा केंद्र सरकार की गाइडलाइन में धार्मिक स्थलों को सैनिटाइजर से साफ करने की बात कही गई है, लेकिन राजस्थान में इसका विरोध हो रहा. धर्मगुरुओं का कहना है कि, बाजार में मिल रहे सैनिटाइजर में 70 फीसदी अल्कोहल होता है, इसलिए धार्मिक स्थलों के प्रबंधन अपने स्तर पर आयुर्वेदिक पद्धति से सैनिटाइजर तैयार करेंगे. जयपुर के आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर, प्रथम पूज्य मोती डूंगरी और गणेश मंदिर सहित अन्य मंदिरों में आयुर्वेदिक सैनिटाइजर बनाया जा रहा है.

पढ़ें: राजस्थान में धार्मिक स्थल खोलने के लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी

इन मंदिरों में सेवा पूजा करने वालों का कहना है कि, मंदिरों में भक्तों को प्रवेश करने से पहले हाथ सैनिटाइज करने होंगे. लेकिन मंदिर के पुजारियों का तर्क है कि, बाजार में बिकने वाले सैनिटाइजर में शराब की 70 प्रतिशत मात्रा पाई जाती. जिससे हाथ सैनिटाइज करने पर उन पर भी शराब लगेगी, जबकि मंदिर में शराब के साथ प्रवेश नहीं दे सकते. वहीं, प्रबंधकों ने भी मंदिरों और दरगाह में आने वालो को बाजार में बिकने वाले सैनिटाइजर से हाथ धुलवाने से इंकार कर दिया है.

पढ़ेंः राजस्थान में गहलोत सरकार ने दी 8 जून से रेस्टोरेंट और शॉपिंग मॉल खोलने की अनुमति

ऐसे में अब छोटी काशी के मंदिरों में बड़े स्तर पर आयुर्वेदिक सैनिटाइजर तैयार किया जा रहा है जो कि, अल्कोहल फ्री है. आयुर्वेदिक सैनिटाइजर उबलते हुए पानी में फिटकरी, नीम, तुलसी, नीबू, कपूर और लौंग जैसी चीजों से मिलकर बनाया जा रहा है. जिसके बाद मंदिरों में आने वाले भक्तों के हाथ इसी सैनिटाइजर से धुलवाए जाएंगे. उसके बाद ही उन्हें मंदिर में प्रवेश मिलेगा.

जयपुर. राजस्थान में कोरोना संकटकाल में लॉकडाउन के चलते ढाई महीने से बंद धार्मिक स्थल फिलहाल 30 जून तक नहीं खुलेंगे. हालांकि केंद्र सरकार ने 8 जून से मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च खोलने को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी थी. लेकिन, राज्य सरकार और धर्मगुरुओं के बीच 30 जून तक धार्मिक स्थलों को बंद रखने पर सहमति बनी है.

मंदिरों में बनेगा आयुर्वेदिक सैनिटाइजर...

इसके अलावा केंद्र सरकार की गाइडलाइन में धार्मिक स्थलों को सैनिटाइजर से साफ करने की बात कही गई है, लेकिन राजस्थान में इसका विरोध हो रहा. धर्मगुरुओं का कहना है कि, बाजार में मिल रहे सैनिटाइजर में 70 फीसदी अल्कोहल होता है, इसलिए धार्मिक स्थलों के प्रबंधन अपने स्तर पर आयुर्वेदिक पद्धति से सैनिटाइजर तैयार करेंगे. जयपुर के आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर, प्रथम पूज्य मोती डूंगरी और गणेश मंदिर सहित अन्य मंदिरों में आयुर्वेदिक सैनिटाइजर बनाया जा रहा है.

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इन मंदिरों में सेवा पूजा करने वालों का कहना है कि, मंदिरों में भक्तों को प्रवेश करने से पहले हाथ सैनिटाइज करने होंगे. लेकिन मंदिर के पुजारियों का तर्क है कि, बाजार में बिकने वाले सैनिटाइजर में शराब की 70 प्रतिशत मात्रा पाई जाती. जिससे हाथ सैनिटाइज करने पर उन पर भी शराब लगेगी, जबकि मंदिर में शराब के साथ प्रवेश नहीं दे सकते. वहीं, प्रबंधकों ने भी मंदिरों और दरगाह में आने वालो को बाजार में बिकने वाले सैनिटाइजर से हाथ धुलवाने से इंकार कर दिया है.

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ऐसे में अब छोटी काशी के मंदिरों में बड़े स्तर पर आयुर्वेदिक सैनिटाइजर तैयार किया जा रहा है जो कि, अल्कोहल फ्री है. आयुर्वेदिक सैनिटाइजर उबलते हुए पानी में फिटकरी, नीम, तुलसी, नीबू, कपूर और लौंग जैसी चीजों से मिलकर बनाया जा रहा है. जिसके बाद मंदिरों में आने वाले भक्तों के हाथ इसी सैनिटाइजर से धुलवाए जाएंगे. उसके बाद ही उन्हें मंदिर में प्रवेश मिलेगा.

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