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JCTSL कर्मचारियों ने दी सामूहिक आत्महत्या की चेतावनी, यहां जानिए पूरा माजरा...

स्थायीकरण की मांग को लेकर संघर्ष कर रही जेसीटीएसएल के कर्मचारियों ने अब सामूहिक आत्महत्या की चेतावनी दी है. 59 कर्मचारी बीते 8 साल से प्रोबेशन में चल रहे हैं. इन्हें अब तक नियमित नहीं किया गया (regularization demand of JCTSL employees) है. अब कर्मचारियों ने पहले भूख हड़ताल और फिर सामूहिक आत्महत्या करने की चेतावनी दी है.

regularization demand of JCTSL employees
regularization demand of JCTSL employees
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Published : Apr 25, 2022, 9:33 PM IST

जयपुर. स्थायीकरण की मांग को लेकर संघर्ष कर रही जेसीटीएसएल के कर्मचारियों ने अब सामूहिक आत्महत्या की चेतावनी दी है. राजधानी की लो फ्लोर बसों में सेवाएं दे रहे 59 कर्मचारी बीते 8 साल से प्रोबेशन में चल रहे हैं. इन्हें अब तक नियमित नहीं किया गया है. और न ही नियमित कर्मचारियों की तरह इन्हें वेतन-भत्ते दिए जा रहे. इस संबंध में जेसीटीएसएल के अधिकारियों से लेकर स्वायत्त शासन विभाग तक का दरवाजा खटखटाने के बाद सोमवार को जेसीटीएसएल की महिला और पुरुष कर्मचारियों ने महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया और 21 दिन में नियमित नहीं करने पर पहले भूख हड़ताल और फिर सामूहिक आत्महत्या करने की चेतावनी (JCTSL employees warn of mass suicide) दी.

2012 में जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड में स्थाई कार्मिकों की भर्ती की गई थी. इनमें से 59 कर्मचारियों को अब तक स्थाई नहीं किया गया है. जबकि सेवा शर्तों के अनुसार इन कर्मचारियों का प्रोबेशन पीरियड पूरा हो चुका है. इस संबंध में विभाग से कई बार पत्राचार किया जा चुका है. संबंधित विभागीय अधिकारियों से लेकर मंत्री तक को अवगत कराया जा चुका है. बावजूद इसके अब तक कोई संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीं मिलने के चलते सोमवार को जेसीटीएसएल की महिला और पुरुष कर्मचारियों ने महिला आयोग पहुंच आयोग अध्यक्ष के सामने गुहार लगाई. कर्मचारियों ने महिला आयोग की अध्यक्ष रिहाना रियाज को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि उन्हें 8 साल से महज 8000 रुपए वेतन मिल रहा है. इस वेतन में जयपुर जैसे शहर में गुजारा कर पाना मुश्किल है.

पढ़ें: लो फ्लोर बसों के कर्मचारियों की सुनवाई के बजाय अधिकारी दे रहे फंड नहीं होने का हवाला, यूनियन ने दी अनिश्चितकाल हड़ताल की चेतावनी

महिला कर्मचारियों ने बताया न तो वो अपने परिवार की मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति कर पा रही हैं, न ही एक अच्छा सामाजिक जीवन जी पा रही हैं. इन कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि अगले 21 दिन में उन्हें नियमित नहीं किया जाता, तो पहले 23 और 24 मई को महिला आयोग कार्यालय में भूख हड़ताल करेंगे और फिर 25 मई को सामूहिक आत्महत्या करेंगे. आपको बता दें कि कुछ दिन पहले इन सभी पीड़ित चालक-परिचालकों ने मानवाधिकार आयोग में पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु मांगी थी. लेकिन अभी तक वहां से भी कर्मचारियों को कोई राहत नहीं मिली. वहीं ये कर्मचारी अब नियमित नहीं होने तक काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराते हुए काम करेंगे.

जयपुर. स्थायीकरण की मांग को लेकर संघर्ष कर रही जेसीटीएसएल के कर्मचारियों ने अब सामूहिक आत्महत्या की चेतावनी दी है. राजधानी की लो फ्लोर बसों में सेवाएं दे रहे 59 कर्मचारी बीते 8 साल से प्रोबेशन में चल रहे हैं. इन्हें अब तक नियमित नहीं किया गया है. और न ही नियमित कर्मचारियों की तरह इन्हें वेतन-भत्ते दिए जा रहे. इस संबंध में जेसीटीएसएल के अधिकारियों से लेकर स्वायत्त शासन विभाग तक का दरवाजा खटखटाने के बाद सोमवार को जेसीटीएसएल की महिला और पुरुष कर्मचारियों ने महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया और 21 दिन में नियमित नहीं करने पर पहले भूख हड़ताल और फिर सामूहिक आत्महत्या करने की चेतावनी (JCTSL employees warn of mass suicide) दी.

2012 में जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड में स्थाई कार्मिकों की भर्ती की गई थी. इनमें से 59 कर्मचारियों को अब तक स्थाई नहीं किया गया है. जबकि सेवा शर्तों के अनुसार इन कर्मचारियों का प्रोबेशन पीरियड पूरा हो चुका है. इस संबंध में विभाग से कई बार पत्राचार किया जा चुका है. संबंधित विभागीय अधिकारियों से लेकर मंत्री तक को अवगत कराया जा चुका है. बावजूद इसके अब तक कोई संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीं मिलने के चलते सोमवार को जेसीटीएसएल की महिला और पुरुष कर्मचारियों ने महिला आयोग पहुंच आयोग अध्यक्ष के सामने गुहार लगाई. कर्मचारियों ने महिला आयोग की अध्यक्ष रिहाना रियाज को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि उन्हें 8 साल से महज 8000 रुपए वेतन मिल रहा है. इस वेतन में जयपुर जैसे शहर में गुजारा कर पाना मुश्किल है.

पढ़ें: लो फ्लोर बसों के कर्मचारियों की सुनवाई के बजाय अधिकारी दे रहे फंड नहीं होने का हवाला, यूनियन ने दी अनिश्चितकाल हड़ताल की चेतावनी

महिला कर्मचारियों ने बताया न तो वो अपने परिवार की मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति कर पा रही हैं, न ही एक अच्छा सामाजिक जीवन जी पा रही हैं. इन कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि अगले 21 दिन में उन्हें नियमित नहीं किया जाता, तो पहले 23 और 24 मई को महिला आयोग कार्यालय में भूख हड़ताल करेंगे और फिर 25 मई को सामूहिक आत्महत्या करेंगे. आपको बता दें कि कुछ दिन पहले इन सभी पीड़ित चालक-परिचालकों ने मानवाधिकार आयोग में पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु मांगी थी. लेकिन अभी तक वहां से भी कर्मचारियों को कोई राहत नहीं मिली. वहीं ये कर्मचारी अब नियमित नहीं होने तक काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराते हुए काम करेंगे.

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