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शहरी रोजगार योजना में अब तक 3 लाख से अधिक परिवारों ने कराया पंजीकरण- सीएम गहलोत - इंदिरा रसोई में भोजन की गुणवत्ता की मॉनिटरिंग

इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में अब तक 3 लाख से अधिक बेरोजगारों ने पंजीकरण करवाया (Registration in urban job guarantee scheme) है. इस पखवाड़े में लगभग 66 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. सीएम गहलोत ने यह जानकारी मंगलवार को आयोजित बैठक में दी. उन्होंने इस दौरान इंदिरा रसोई में परोसे जा रहे भोजन की गुणवत्ता की मॉनिटरिंग करने के निर्देश भी दिए.

Registration in urban job guarantee scheme cross 3 lakh, says CM Ashok Gehlot
शहरी रोजगार योजना में अब तक 3 लाख से अधिक परिवारों ने कराया पंजीकरण- सीएम गहलोत
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Published : Oct 11, 2022, 8:09 PM IST

जयपुर. प्रदेश में शहरी रोजगार योजना के तहत अब तक 3 लाख से अधिक परिवारों ने पंजीकरण कराया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि हर हाथ रोजगार की संकल्पना साकार हो रही है. उन्होंने कहा कि देश की पहली सबसे बड़ी शहरी रोजगार गारंटी योजना राजस्थान में शुरू हुई है. साथ ही सीएम ने प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भी इंदिरा रसोइयों के संचालन की संभावनाओं पर विचार करने के निर्देश दिए हैं.

8 रुपए में पौष्टिक भोजन: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना शहरी बेरोजगारों के लिए वरदान साबित हो रही है. इस योजना के माध्यम से शहरों में रह रहे बेरोजगारों के लिए आजीविका के साधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. साथ ही इंदिरा रसोई योजना के माध्यम से गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को मात्र 8 रुपए में पौष्टिक भोजन सम्मान के साथ परोसा जा रहा है. इस तरह की योजनाओं से प्रदेश में बेरोजगारी एवं महंगाई पर एक साथ प्रहार किया जा रहा है.

पढ़ें: PM के रेवड़ी वाले बयान पर गहलोत का पलटवार, कहा- रोजगार और मुफ्त इलाज देना सरकार की जिम्मेदारी

800 करोड़ का बजट: सीएम गहलोत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना, इंदिरा रसोई योजना सहित विभिन्न शहरी योजनाओं की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि 800 करोड़ रुपए के बजट से संचालित इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना में अब तक शहरी क्षेत्र के 3.02 लाख से अधिक परिवारों ने योजना के अन्तर्गत पंजीकरण करवाया है. इस पखवाड़े में लगभग 66 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.

योजना के अंतर्गत प्रदेशभर में 6905 स्वीकृत कार्यों में से 2175 कार्य प्रगतिरत हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में स्वच्छता संबंधी कार्यों को प्राथमिकता देने के साथ ही पर्यावरण व जल संरक्षण कार्य, ठोस कचरा प्रबंधन कार्य, अतिक्रमण एवं अवैध बोर्ड/होर्डिंग्स हटाने का कार्य, हैरिटेज संरक्षण आदि कार्य किए जा रहे हैं. योजना में लाभार्थी परिवार को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है.

पढ़ें: Good News : इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना के क्रियान्वयन के लिए नवीन दिशा-निर्देशों को मंजूरी

भोजन की गुणवत्ता की हो नियमित मॉनिटरिंग: गहलोत ने इंदिरा रसोई योजना में परोसे जा रहे भोजन की गुणवत्ता और योजना में पारदर्शिता की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को भी प्रतिमाह रसोईयों में जाकर भोजन करना चाहिए ताकि गुणवत्ता की सुनिश्चितता हो सके. उन्होंने कहा कि यह योजना आज महंगाई के दौर में बाहर से आने वाले विद्यार्थियों एवं कार्मिकों के लिए एक वरदान साबित हो रही है.

पढ़ें: राजस्थान में इंदिरा रसोई का विस्तार, CM बोले- खुद की योजनाओं को रेवड़ी नहीं बताते PM मोदी...

प्रतिवर्ष 13.81 करोड़ भोजन थाली वितरण का लक्ष्य: बैठक में बताया गया कि इंदिरा रसोई योजना में अब तक 7.42 करोड़ लोगों को भोजन की थालियां परोसी जा चुकी हैं. प्रदेश में कुल 870 रसोइयां संचालित हैं, जिनकी संख्या 1000 तक किए जाने का लक्ष्य रखा गया है. जिसके पश्चात 13.81 करोड़ भोजन थाली प्रतिवर्ष वितरण की जा सकेंगी. गहलोत ने कहा कि यह सुखद बात है कि प्रदेश में 500 से अधिक स्थानीय सेवाभावी संस्थाओं के द्वारा ‘ना लाभ ना हानि’ के आधार पर रसोइयों का संचालन किया जा रहा है.

पढ़ें: महीने में एक बार इंदिरा रसोई में खाना खाएंगे विधायक, जानिए क्यों

विभिन्न शहरी योजनाओं की भी समीक्षा: मुख्यमंत्री ने इस दौरान जयपुर की चारदीवारी में सीवरेज तंत्र के सुदृढीकरण, जयपुर नाइट बाजार के संचालन, परकोटे के सौन्दर्यीकरण, टाउनहॉल, जलेब चौक, गांधी म्यूजियम, राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर और महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज आदि योजनाओं की प्रगति के बारे में भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. स्वायत शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि इंदिरा रसोई योजना के लिए ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से लगातार फीडबैक लिया जा रहा है.

जयपुर. प्रदेश में शहरी रोजगार योजना के तहत अब तक 3 लाख से अधिक परिवारों ने पंजीकरण कराया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि हर हाथ रोजगार की संकल्पना साकार हो रही है. उन्होंने कहा कि देश की पहली सबसे बड़ी शहरी रोजगार गारंटी योजना राजस्थान में शुरू हुई है. साथ ही सीएम ने प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भी इंदिरा रसोइयों के संचालन की संभावनाओं पर विचार करने के निर्देश दिए हैं.

8 रुपए में पौष्टिक भोजन: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना शहरी बेरोजगारों के लिए वरदान साबित हो रही है. इस योजना के माध्यम से शहरों में रह रहे बेरोजगारों के लिए आजीविका के साधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. साथ ही इंदिरा रसोई योजना के माध्यम से गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को मात्र 8 रुपए में पौष्टिक भोजन सम्मान के साथ परोसा जा रहा है. इस तरह की योजनाओं से प्रदेश में बेरोजगारी एवं महंगाई पर एक साथ प्रहार किया जा रहा है.

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800 करोड़ का बजट: सीएम गहलोत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना, इंदिरा रसोई योजना सहित विभिन्न शहरी योजनाओं की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि 800 करोड़ रुपए के बजट से संचालित इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना में अब तक शहरी क्षेत्र के 3.02 लाख से अधिक परिवारों ने योजना के अन्तर्गत पंजीकरण करवाया है. इस पखवाड़े में लगभग 66 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.

योजना के अंतर्गत प्रदेशभर में 6905 स्वीकृत कार्यों में से 2175 कार्य प्रगतिरत हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में स्वच्छता संबंधी कार्यों को प्राथमिकता देने के साथ ही पर्यावरण व जल संरक्षण कार्य, ठोस कचरा प्रबंधन कार्य, अतिक्रमण एवं अवैध बोर्ड/होर्डिंग्स हटाने का कार्य, हैरिटेज संरक्षण आदि कार्य किए जा रहे हैं. योजना में लाभार्थी परिवार को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है.

पढ़ें: Good News : इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना के क्रियान्वयन के लिए नवीन दिशा-निर्देशों को मंजूरी

भोजन की गुणवत्ता की हो नियमित मॉनिटरिंग: गहलोत ने इंदिरा रसोई योजना में परोसे जा रहे भोजन की गुणवत्ता और योजना में पारदर्शिता की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को भी प्रतिमाह रसोईयों में जाकर भोजन करना चाहिए ताकि गुणवत्ता की सुनिश्चितता हो सके. उन्होंने कहा कि यह योजना आज महंगाई के दौर में बाहर से आने वाले विद्यार्थियों एवं कार्मिकों के लिए एक वरदान साबित हो रही है.

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प्रतिवर्ष 13.81 करोड़ भोजन थाली वितरण का लक्ष्य: बैठक में बताया गया कि इंदिरा रसोई योजना में अब तक 7.42 करोड़ लोगों को भोजन की थालियां परोसी जा चुकी हैं. प्रदेश में कुल 870 रसोइयां संचालित हैं, जिनकी संख्या 1000 तक किए जाने का लक्ष्य रखा गया है. जिसके पश्चात 13.81 करोड़ भोजन थाली प्रतिवर्ष वितरण की जा सकेंगी. गहलोत ने कहा कि यह सुखद बात है कि प्रदेश में 500 से अधिक स्थानीय सेवाभावी संस्थाओं के द्वारा ‘ना लाभ ना हानि’ के आधार पर रसोइयों का संचालन किया जा रहा है.

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विभिन्न शहरी योजनाओं की भी समीक्षा: मुख्यमंत्री ने इस दौरान जयपुर की चारदीवारी में सीवरेज तंत्र के सुदृढीकरण, जयपुर नाइट बाजार के संचालन, परकोटे के सौन्दर्यीकरण, टाउनहॉल, जलेब चौक, गांधी म्यूजियम, राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर और महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज आदि योजनाओं की प्रगति के बारे में भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. स्वायत शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि इंदिरा रसोई योजना के लिए ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से लगातार फीडबैक लिया जा रहा है.

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