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जयपुरी घेवर को मिलेगी पहचान, GI टैग दिलवाने के प्रयास शुरू

देश-विदेश में प्रसिद्ध जयपुरी घेवर को जीआई टैग दिलवाने की तैयारी शुरू हो गई (Jaipur Ghewar to get GI Tag) है. इसे लेकर जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र जयपुर (शहर) में आयोजित एक बैठक में शहर के प्रमुख घेवर ​उत्पादकों को आमंत्रित किया गया. जल्द ही जीआई टैग रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया जाएगा.

Jaipur Ghewar to get GI Tag
जयपुरी घेवर को मिलेगी पहचान, GI टैग दिलवाने के प्रयास शुरू
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Published : May 9, 2022, 9:14 PM IST

जयपुर. जयपुर के मशहूर घेवर को अब एक अलग पहचान मिलने वाली है. दरअसल जयपुरी घेवर को जीआई टैग दिलवाले की तैयारी की जा रही है. इसे लेकर सोमवार को जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र जयपुर (शहर) में घेवर को जीआई टैग दिलवाने के लिए बैठक का आयोजन किया गया. इसमें जयपुर के प्रमुख घेवर उत्पादकों को आमंत्रित किया गया.

बैठक में जयपुर के प्रसिद्ध घेवर निर्माताओं को बुलाया गया. बैठक में इस बात पर निर्णय लिया गया कि घेवर जयपुर की एक प्रसिद्ध और यूनिक मिठाई है, जिसके लिए जीआई टैग लिया जाना चाहिए. महाप्रबंधक जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र ने घेवर उत्पादकों से आग्रह किया गया है कि इस मुहिम में अधिक से अधिक घेवर उत्पादकों को जोड़ा जाए ताकि घेवर को जीआई टैग दिलवाने के लिए जो भी सूचनाएं वांछित है, उन्हें जल्द से जल्द एकत्रित कर जीआई टैग रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया (Registration for GI Tag to Jaipur Ghewar) जाए.

पढ़ें: बंगाल के बाद अब ओडिशा को भी मिला रसगुल्ले पर जीआई टैग, नाम हुआ 'ओडिशा रसगोला'

जयपुरी घेवर की बात की जाए तो यह मिठाई देश-विदेश में प्रसिद्ध है. सावन की हरियाली तीज और सिंजारे पर जयपुर के बाजारों में घेवर देखने को मिलते है. खासतौर से हलवाइयों की दुकानें घेवर से सजी होती हैं. जयपुरी घेवर यहां आने वाले विदेशी पर्यटक भी पसंद करते हैं. जयपुर में खासतौर से तीज, गणगौर और रक्षाबंधन जैसे त्यौहारों पर घेवर की डिमांड बढ़ जाती है. जीआई टैग यानी जियोग्राफिकल इंडिकेशंस टैग एक प्रकार का लेबल होता है जिसमें किसी प्रोडक्‍ट को विशेष भौगोलि‍क पहचान दी जाती है. ऐसा प्रोडक्‍ट जिसकी विशेषता या फिर प्रतिष्‍ठा मुख्‍य रूप से प्राकृति और मानवीय कारकों पर निर्भर करती है.

जयपुर. जयपुर के मशहूर घेवर को अब एक अलग पहचान मिलने वाली है. दरअसल जयपुरी घेवर को जीआई टैग दिलवाले की तैयारी की जा रही है. इसे लेकर सोमवार को जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र जयपुर (शहर) में घेवर को जीआई टैग दिलवाने के लिए बैठक का आयोजन किया गया. इसमें जयपुर के प्रमुख घेवर उत्पादकों को आमंत्रित किया गया.

बैठक में जयपुर के प्रसिद्ध घेवर निर्माताओं को बुलाया गया. बैठक में इस बात पर निर्णय लिया गया कि घेवर जयपुर की एक प्रसिद्ध और यूनिक मिठाई है, जिसके लिए जीआई टैग लिया जाना चाहिए. महाप्रबंधक जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र ने घेवर उत्पादकों से आग्रह किया गया है कि इस मुहिम में अधिक से अधिक घेवर उत्पादकों को जोड़ा जाए ताकि घेवर को जीआई टैग दिलवाने के लिए जो भी सूचनाएं वांछित है, उन्हें जल्द से जल्द एकत्रित कर जीआई टैग रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया (Registration for GI Tag to Jaipur Ghewar) जाए.

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जयपुरी घेवर की बात की जाए तो यह मिठाई देश-विदेश में प्रसिद्ध है. सावन की हरियाली तीज और सिंजारे पर जयपुर के बाजारों में घेवर देखने को मिलते है. खासतौर से हलवाइयों की दुकानें घेवर से सजी होती हैं. जयपुरी घेवर यहां आने वाले विदेशी पर्यटक भी पसंद करते हैं. जयपुर में खासतौर से तीज, गणगौर और रक्षाबंधन जैसे त्यौहारों पर घेवर की डिमांड बढ़ जाती है. जीआई टैग यानी जियोग्राफिकल इंडिकेशंस टैग एक प्रकार का लेबल होता है जिसमें किसी प्रोडक्‍ट को विशेष भौगोलि‍क पहचान दी जाती है. ऐसा प्रोडक्‍ट जिसकी विशेषता या फिर प्रतिष्‍ठा मुख्‍य रूप से प्राकृति और मानवीय कारकों पर निर्भर करती है.

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