जयपुर. रीट पेपर लीक (REET Paper Leak Case) को लेकर चल रहा विवाद फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. मामले की CBI जांच करवाने और परीक्षा रद्द करवाने की मांग को लेकर शनिवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने शिक्षा संकुल के बाहर युवा आक्रोश सभा का आयोजन (ABVP Yuva Akrosh Sabha In Jaipur) किया. इस मौके पर एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री ने कहा कि सुभाष गर्ग को जब उनके शिक्षा संगठन ने पद से हटा दिया है तो ऐसे में उनका मंत्री पद पर रहना उचित नहीं है.
भर्ती परीक्षाओं में पेपर आउट होना गंभीर विषय : एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री होशियार मीना का कहना है कि जब से पेपर आउट होने की जानकारी मिली है. तभी से एबीवीपी लगातार यह मुद्दा उठा रही है. कमिश्नरेट से लेकर राजस्थान विश्वविद्यालय तक और प्रदेशभर में एबीवीपी ने युवाओं की आवाज बुलंद की है. युवाओं के हक को लेकर एबीवीपी लगातार संघर्ष कर रही है. REET, जेईएन, एसआई सहित तमाम भर्ती परीक्षाओं में पेपर आउट होना गंभीर विषय है.
इस घोटाले में राजीव गांधी स्टडी सर्किल का नाम सामने आना भी गंभीर है. यह घोटाला नहीं महाघोटाला है. राजीव गांधी स्टडी सर्किल के पदाधिकारियों को REET के आयोजन में बड़ी जिम्मेदारी मिलना बड़े घोटाले की ओर इशारा कर रहा है. यदि सीबीआई जांच होती है तो सब सच सामने आ जाएगा. पेपर आउट के मामलों में कौन-कौन बड़े लोग शामिल हैं. इसका खुलासा होना जरूरी है.
एसओजी की जांच (Rajasthan SOG Action in REET Paper leak Case) में सामने आया है कि पेपर शिक्षा संकुल में स्ट्रांग रूम से आउट हुआ है. जिस तरह से निजी लोगों को REET जैसी अहम परीक्षा के आयोजन से जोड़ा गया. यह सब किसके इशारे पर हुआ है. इसका खुलासा होना भी जरूरी है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इशारे पर 2005 में राजीव गांधी स्टडी सर्किल बना था. इसका क्या उद्देश्य है?. परीक्षाओं के पेपर आउट से इसका क्या संबंध है?. जिस सरस्वती प्रिंटिंग प्रेस पर पहले भी सवाल खड़े हुए. उसे ही REET के पेपर छापने का काम क्यों दिया गया. यह कई सवाल हैं. जो प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को परेशान कर रहे हैं.
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मंत्री सुभाष गर्ग को पद से हटाने की मांग : होशियार मीना का कहना है कि शिक्षक संगठन रूटा (राष्ट्रीय) से डॉ. सुभाष गर्ग ने राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत की थी. उस संगठन ने जब उन्हें पद से हटा दिया है. उसके बाद भी गहलोत सरकार ने उन्हें मंत्री पद (Protest Against Minister Subhash Garg) पर बिठा रखा है. यह बहुत बड़ा विषय है. लेकिन जब तक दूध का दूध और पानी का पानी नहीं हो जाता है. तब तक विद्यार्थी परिषद अपना संघर्ष जारी रखेगी.