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मुख्यमंत्री और मंत्रियों के एक महीने के मूल वेतन की कटौती, मंत्रिमंडल सचिवालय ने जारी किया आदेश

कोरोना की दूसरी लहर ने देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से चौपट कर दिया है. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में सभी मंत्रियों का एक माह का मूल वेतन काटने का निर्णय लिया गया था. मुख्यमंत्री के निर्णय की पालना के तहत कैबिनेट सचिवालय की ओर से वेतन कटौती के आदेश जारी कर दिए गए हैं.

गहलोत मंत्री परिषद्, Reduction of one month's basic salary
गहलोत मंत्री परिषद्
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Published : May 27, 2021, 9:58 PM IST

जयपुर. कोविड-19 की दूसरी लहर के मद्देनजर गहलोत मंत्री परिषद् ने अपने एक महीने के मूल वेतन की कटौती की है. कटौती की गई राशि कोविड- 19 सहायतार्थ में जमा कराई जाएगी. मंत्रिमंडल सचिवालय ने इसका आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिया है.

बता दें, गहलोत मंत्री परिषद में 10 कैबिनेट मंत्री और 10 राज्य मंत्री शामिल हैं. मुख्यमंत्री समेत कुल 21 मंत्री हैं. कैबिनेट सचिवालय के अधिकारियों के अनुसार एक कैबिनेट मंत्री का प्रतिमाह मूल वेतन ₹65000 है, जबकि राज्य मंत्री का प्रति माह का मूल वेतन ₹62000 है. मुख्यमंत्री का प्रति माह का मूल वेतन ₹75000 है. कुल मिलाकर सभी मंत्रियों के वेतन से कटौती की गई राशि 13 लाख 45000 हजार बनती है.

मंत्रिमंडल सचिवालय ने जारी किया आदेश, Ashok Gehlot Council of Ministers
मंत्रिमंडल सचिवालय ने जारी किया आदेश

यह भी पढ़ेंः स्पेशलः राजस्थान में पेट्रोल का 'शतक', डीजल भी पहुंचा करीब...राजनीति के फेर में आम जनता को राहत नहीं

दरअसल, हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में सभी मंत्रियों का एक माह का मूल वेतन काटने का निर्णय लिया गया था. मुख्यमंत्री के निर्णय की पालना के तहत कैबिनेट सचिवालय ने वेतन कटौती के आदेश जारी किए हैं. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के दानदाताओं, भामाशाह, गैर सरकारी संगठनों और कर्मचारियों से स्वैच्छिक रूप से कोविड फंड में दान देने का आग्रह किया था.

कई एसोसिएशन ने सीएम को किया अधिकृत

मुख्यमंत्री के अनुरोध के बाद IAS एसोसिएशन, IPS एसोसिएशन, RAS एसोसिएशन और RPS एसोसिएशन ने अपना वेतन काटने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत कर दिया. राज्य के कुछ कर्मचारी संगठनों ने भी मुख्यमंत्री से मिलकर कर्मचारियों का वेतन काटने का अनुरोध किया है. हालांकि, राज्य सरकार ने अभी कर्मचारियों के वेतन कटौती पर कोई निर्णय नहीं लिया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो प्रदेश के 8 लाख कर्मचारियों, अधिकारियों की भी वेतन कटौती हो सकती है.

जयपुर. कोविड-19 की दूसरी लहर के मद्देनजर गहलोत मंत्री परिषद् ने अपने एक महीने के मूल वेतन की कटौती की है. कटौती की गई राशि कोविड- 19 सहायतार्थ में जमा कराई जाएगी. मंत्रिमंडल सचिवालय ने इसका आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिया है.

बता दें, गहलोत मंत्री परिषद में 10 कैबिनेट मंत्री और 10 राज्य मंत्री शामिल हैं. मुख्यमंत्री समेत कुल 21 मंत्री हैं. कैबिनेट सचिवालय के अधिकारियों के अनुसार एक कैबिनेट मंत्री का प्रतिमाह मूल वेतन ₹65000 है, जबकि राज्य मंत्री का प्रति माह का मूल वेतन ₹62000 है. मुख्यमंत्री का प्रति माह का मूल वेतन ₹75000 है. कुल मिलाकर सभी मंत्रियों के वेतन से कटौती की गई राशि 13 लाख 45000 हजार बनती है.

मंत्रिमंडल सचिवालय ने जारी किया आदेश, Ashok Gehlot Council of Ministers
मंत्रिमंडल सचिवालय ने जारी किया आदेश

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दरअसल, हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में सभी मंत्रियों का एक माह का मूल वेतन काटने का निर्णय लिया गया था. मुख्यमंत्री के निर्णय की पालना के तहत कैबिनेट सचिवालय ने वेतन कटौती के आदेश जारी किए हैं. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के दानदाताओं, भामाशाह, गैर सरकारी संगठनों और कर्मचारियों से स्वैच्छिक रूप से कोविड फंड में दान देने का आग्रह किया था.

कई एसोसिएशन ने सीएम को किया अधिकृत

मुख्यमंत्री के अनुरोध के बाद IAS एसोसिएशन, IPS एसोसिएशन, RAS एसोसिएशन और RPS एसोसिएशन ने अपना वेतन काटने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत कर दिया. राज्य के कुछ कर्मचारी संगठनों ने भी मुख्यमंत्री से मिलकर कर्मचारियों का वेतन काटने का अनुरोध किया है. हालांकि, राज्य सरकार ने अभी कर्मचारियों के वेतन कटौती पर कोई निर्णय नहीं लिया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो प्रदेश के 8 लाख कर्मचारियों, अधिकारियों की भी वेतन कटौती हो सकती है.

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