जयपुर. प्रदेश में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में हुए पेपर आउट के खिलाफ सरकार सख्त दिखाई दे रही है. 13 से 16 मई तक राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था. जिसमें 14 मई की दूसरी पारी की परीक्षा का पेपर आउट किया गया था. जिसमें झोटवाड़ा स्थित दिवाकर पब्लिक स्कूल का नाम सामने आया था. जिसके बाद स्कूल पर कार्रवाई करते हुए मंगलवार को प्रशासन ने स्कूल की मान्यता को रद्द कर (Recognition of Diwakar Public School canceled) दिया. वहीं निजी शिक्षण संस्था के संचालक मुकेश शर्मा एवं अन्य अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जांच शुरू कर चुकी है. इस मामले में कई और भी लोगों के नाम सामने आए हैं, जिनकी पुलिस को तलाश है.
बता दें प्रदेश में सरकार भर्ती परीक्षाओं में हो रही धांधली व नकल गिरोह के खिलाफ सख्त नजर आ रही है. कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में हुए पेपर आउट को लेकर सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. जिसमें माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से झोटवाड़ा स्थित दिवाकर पब्लिक स्कूल की मान्यता को रद्द कर दिया गया है. सूत्रों की मानें तो सरकार के इस बड़े एक्शन के बाद संदेह के आधार पर कुछ और भी स्कूलों को चिह्नित किया गया है. जिन पर पुलिस की नजर लगातार बनी हुई है और आगामी परीक्षाओं में पुलिस विभाग व माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ऐसी स्कूलों को चिह्नित कर नजर रखेगा.
दरअसल राज्य सरकार ने विधानसभा में नकल के विरुद्ध कानून बनाकर प्रदेश में नकल गैंग के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है. कानून बनने के बाद यह पहली परीक्षा हुई जिसमें भी परीक्षा के दूसरे दिन नकल गिरोह ने स्कूल से पर्चा आउट करवाया और जिसके बाद यह पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
बता दें कि रीट भर्ती परीक्षा में हुई धांधली के चलते राज्य सरकार ने विधानसभा में नकल विरोधी कानून बनाया. प्रदेश में भी यूपी बिहार की तरह हर परीक्षा के पेपर सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे थे. ऐसे में सरकार ने नकल विरोधी कानून बनाकर नकल गैंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की. लेकिन कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के दूसरे दिन ही नकल गैंग ने स्कूल संचालक के साथ मिलकर पेपर आउट को अंजाम दिया. हालांकि पुलिस की सतर्कता के चलते आरोपी पकड़े गए और दिवाकर पब्लिक स्कूल की मान्यता भी शिक्षा विभाग ने रद्द कर दी. सरकार के इस एक्शन के बाद नकल गैंग से जुड़े लोगों में भय होना लाजमी है.