जयपुर. प्रदेश के 869 पुलिस थानों में बनाए जाने वाले स्वागत कक्ष का मामला गुरुवार को प्रश्नकाल में भी गूंजा. विधायक रामलाल शर्मा ने यह सवाल लगाते हुए प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि थानों में स्वागत कक्ष के लिए कम से कम 7 करोड़ का बजट रखा जाना चाहिए था. लेकिन महज 4 करोड़ 40 लाख के बजट से आखिर कितना काम हो पाएगा.
रामलाल शर्मा ने ये भी कहा कि जहां स्वागत कक्ष बन गए उन पुलिस थानों में क्या एसएचओ के ऊपर अन्य संसाधनों की व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है. जिसे वह उन लोगों से मदद लेकर पूरी करें जो वह करना चाहता ही नहीं है. हालांकि, जवाब में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि विधायक साहब मुझे पता है आप ने भी अपने क्षेत्र के 4 पुलिस थानों के लिए 32 लाख रुपए विधायक निधि से लिखे हैं.
लेकिन आपने लेटर लिखने का काम तो कर दिया पर आप के विधायक कोष 2019-20 में फंड ही नहीं बचा था. फिर भी सरकार ने उस पर काम शुरू करवा दिया है. धारीवाल ने कहा प्रदेश में 893 थानों में से 869 में स्वागत कक्ष बनाए जाने हैं, जिनमें से 96 थानों में इसका काम पूर्ण हो चुका है. जबकि 315 पुलिस थानों में यह कार्य प्रगति पर है और 457 थानों में इसे बनाए जाने का काम शुरू करना है.
मंत्री धारीवाल ने यह भी बताया कि स्वागत कक्ष हेतु 4 करोड़ 40 लाख का बजट आवंटित किया गया है. लेकिन 135 विधायकों ने अपने कोष से इस काम में मदद की है. वहीं, 91 थानों में यह कार्य जन सहयोग से स्वीकृत किया गया है. इस बीच नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पूरक प्रश्न के जरिए कहा कि मंत्री जी बाड़मेर, जैसलमेर, कोटा, जयपुर ग्रामीण, चूरु और जालौर सहित कुछ जिलों के पुलिस थाने में स्वागत कक्ष बनाने के लिए कोई फंड जारी नहीं किया, तो क्या इन जिलों में यह स्वागत कक्ष बनाने की आपकी मंशा नहीं है.
पढ़ें- 21 साल के विरह के बाद जब पिता के सीने से लिपटा बेटा तो छलक पड़ी आंखें...
इस पर मंत्री धारीवाल ने कहा कि कई स्थानों पर यह आम जन के सहयोग से किया जा रहा है. धारीवाल ने कहा कि खुद कोटा में मैंने अपनी विधायक निधि से इस काम के लिए पैसा दिया है. तब कटारिया ने कहा तो क्या यह मान लिया जाए कि इन जिलों में पुलिस थानों में यह संपूर्ण कार्य भामाशाह की ओर से ही कराए जाएंगे. इसके जवाब में धारीवाल ने कहा की लगभग इसकी संभावना है. साथ ही यह भी कहा कि ऐसा कभी नहीं होता कि बजट में एक साथ सभी पुलिस थानों के लिए घोषणा कर दी जाए, कुछ इस साल, कुछ अगले साल और कुछ उसके बाद वाले साल में किए जाएंगे.