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Reality Check: 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मना रहे हैं, पर क्यों ये भी नहीं पता..

विविधताओं से भरा है भारतीय संविधान. जो विश्व का सबसे बड़ा संविधान माना जाता है. वहीं भारत को युवाओं का देश कहा जाता है.  हम 71वां गणतंत्र दिवस जरूर मना रहे हैं, लेकिन हमारी युवा पीढ़ी को गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है, इसकी जानकारी तक नहीं.

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गणतंत्र दिवस पर रियलिटी चेक
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Published : Jan 26, 2020, 9:56 AM IST

जयपुर. भारत के संविधान को अपने अस्तित्व में आने में पूरे 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे. जिसके बाद 26 जनवरी 1950 को पूरे देश के लिए लागू हो गया था. एक स्वतंत्र गणराज्य बनने के लिए भारतीय संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को संविधान अपनाया और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक प्रणाली के साथ लागू किया.

गणतंत्र दिवस पर रियलिटी चेक
26 जनवरी को चुनने की एक खास वजह भी थी, क्योंकि साल 1930 में इसी दिन को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था.

यह भी पढ़ें. Reality Check: गणतंत्र दिवस को लेकर कितने सजग हैं युवा

रविवार को हम 71वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं. जगह-जगह झंडारोहण के कार्यक्रम और देश भक्ति गीतों के तराने छिड़े हुए हैं. पूरा देश देशभक्ति के रंग में रंगा है. स्कूल-कॅालेज में परेड, विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. शहर के हर युवा में देशभक्ति उफान पर है, लेकिन हमारे देश का युवा गणतंत्र दिवस मनाया क्यों जाता है, उससे पूरी तरह वाकिफ नहीं है. उन्हें ना तो ये पता है, कि भारत का संविधान कब लागू हुआ था और ना ही ये जानते हैं, कि इसके निर्माता के नाम से किस महापुरूष को जाना जाता है. ईटीवी भारत ने राजधानी के कुछ स्कूल और कॉलेज के छात्रों से इन सवालों का जवाब जानने की कोशिश की तो कुछ ने ना में सिर हिला दिया, तो कुछ के जवाब चौंकाने वाले थे.

यह भी पढ़ें. राजस्थान की 5 विभूतियां होंगी पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित

पूरे देश में इस खास दिन के लिए जोर शोर से तैयारियां होती है. स्कूल-कॉलेजों में इस दिन आयोजित होने वाले प्रोग्राम के लिए छात्र कई दिन पहले ही तैयारियों में जुट जाते हैं. इन सबके बीच उनके मन में शायद ये सवाल भी आया होगा, कि आखिर 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है, लेकिन जवाब ढूंढने के बजाय महज कार्यक्रम में सम्मिलित होकर इतिश्री कर ली जाती है.

जयपुर. भारत के संविधान को अपने अस्तित्व में आने में पूरे 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे. जिसके बाद 26 जनवरी 1950 को पूरे देश के लिए लागू हो गया था. एक स्वतंत्र गणराज्य बनने के लिए भारतीय संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को संविधान अपनाया और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक प्रणाली के साथ लागू किया.

गणतंत्र दिवस पर रियलिटी चेक
26 जनवरी को चुनने की एक खास वजह भी थी, क्योंकि साल 1930 में इसी दिन को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था.

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रविवार को हम 71वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं. जगह-जगह झंडारोहण के कार्यक्रम और देश भक्ति गीतों के तराने छिड़े हुए हैं. पूरा देश देशभक्ति के रंग में रंगा है. स्कूल-कॅालेज में परेड, विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. शहर के हर युवा में देशभक्ति उफान पर है, लेकिन हमारे देश का युवा गणतंत्र दिवस मनाया क्यों जाता है, उससे पूरी तरह वाकिफ नहीं है. उन्हें ना तो ये पता है, कि भारत का संविधान कब लागू हुआ था और ना ही ये जानते हैं, कि इसके निर्माता के नाम से किस महापुरूष को जाना जाता है. ईटीवी भारत ने राजधानी के कुछ स्कूल और कॉलेज के छात्रों से इन सवालों का जवाब जानने की कोशिश की तो कुछ ने ना में सिर हिला दिया, तो कुछ के जवाब चौंकाने वाले थे.

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पूरे देश में इस खास दिन के लिए जोर शोर से तैयारियां होती है. स्कूल-कॉलेजों में इस दिन आयोजित होने वाले प्रोग्राम के लिए छात्र कई दिन पहले ही तैयारियों में जुट जाते हैं. इन सबके बीच उनके मन में शायद ये सवाल भी आया होगा, कि आखिर 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है, लेकिन जवाब ढूंढने के बजाय महज कार्यक्रम में सम्मिलित होकर इतिश्री कर ली जाती है.

Intro:जयपुर - विविधताओं से भरा भारतीय संविधान। जो विश्व का सबसे बड़ा संविधान माना जाता है। भारत के संविधान को अपने अस्तित्व में आने में पूरे 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे। जिसके बाद 26 जनवरी 1950 पूरे देश के लिए लागू हो गया था। आज हम 71 वां गणतंत्र दिवस जरूर मना रहे हैं। लेकिन हमारी युवा पीढ़ी को गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है, इसकी जानकारी तक नहीं।


Body:एक स्वतंत्र गणराज्य बनने के लिए भारतीय संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को संविधान अपनाया गया। और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया। दरअसल, 26 जनवरी को चुनने की एक खास वजह भी थी। क्योंकि साल 1930 में इसी दिन को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। खैर, अब काफी वक्त बीत चुका है। आज हम 71वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। जगह-जगह झंडारोहण के कार्यक्रम और देश भक्ति गीतों के तराने छिड़े हुए हैं। यही नहीं राजधानी के फुटपाथों पर विभिन्न रूपों में राष्ट्रीय ध्वज बिक रहे हैं। शहर के हर युवा में आज देशभक्ति उफान पर है। लेकिन हमारे देश का युवा गणतंत्र दिवस मनाया क्यों जाता है, उससे पूरी तरह वाकिफ नहीं है। उन्हें ना तो ये पता है कि भारत का संविधान कब लागू हुआ था, और ना ही ये जानते कि इसके निर्माता के नाम से किस महापुरुष को जाना जाता है। ईटीवी भारत ने राजधानी के कुछ स्कूल और कॉलेज के छात्रों से इन सवालों का जवाब जानने की कोशिश की। तो कुछ ने ना में सिर हिला दिया, तो कुछ के जवाब चौंकाने वाले थे।


Conclusion:पूरे देश में इस खास दिन के लिए जोर शोर से तैयारियां होती है। स्कूल-कॉलेजों में इस दिन आयोजित होने वाले प्रोग्राम के लिए छात्र कई दिन पहले ही तैयारियों में जुट जाते हैं। इन सबके बीच उनके मन में शायद ये सवाल भी आया होगा कि आखिर 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है। लेकिन जवाब ढूंढने के बजाय महज कार्यक्रम में सम्मिलित होकर इतिश्री कर ली जाती है।
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