जयपुर. कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच राज्य सरकार की ओर से शुक्रवार शाम 6 बजे से वीकेंड कर्फ्यू लगाया गया. मुख्यमंत्री ने ये भी स्पष्ट कर दिया कि जान बचाने के लिए जरूरत पड़ी तो और सख्ती करेंगे. इस बीच दूसरे कई राज्यों में श्मशान में वेटिंग और खुले में दाह संस्कार की डरावनी तस्वीरें सामने आ रही है. गनीमत है कि राजधानी में अभी कोरोना से मौत के आंकड़ों की स्थिति भयावह नहीं है.
कोविड-19 संक्रमण का तेजी से प्रसार हो रहा है. कोरोना की दूसरी लहर में अब हर दिन पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 6000 तो मौत का आंकड़ा 25 के पार जा रहा है. इस भयावह स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने वीकेंड कर्फ्यू की घोषणा की. इस बीच कहीं ऑक्सीजन की किल्लत, तो कहीं से आईसीयू बेड की कमी की खबरें भी सामने आ रही हैं.
वहीं, सोशल मीडिया पर श्मशान घाटों की स्थिति की भयावह तस्वीर जमकर वायरल हो रही है, जो राजधानी वासियों के लिए भी चिंता का विषय बनी हुई है. इस चिंता के माहौल के बीच ईटीवी भारत ने राजधानी के प्रमुख लाल कोठी, आदर्श नगर और चांदपोल श्मशान घाट का जायजा लिया और हालात जानने की कोशिश की.
आदर्श नगर श्मशान घाट की स्थिति
ईटीवी भारत सबसे पहले आदर्श नगर श्मशान घाट पहुंचा. जहां शनिवार को कोरोना की चपेट में आए तीन लोगों की अंत्येष्टि हुई. जब यहां के केयरटेकर से बात करनी चाही तो उन्होंने कैमरे पर आने से इंकार कर दिया. हालांकि ऑफ द रिकॉर्ड उन्होंने बताया कि अप्रैल में अब तक 47 लोगों की अंत्येष्टि हुई है, जिनमें से 12 कोरोना पॉजिटिव थे.
बता दें, आदर्श नगर जयपुर का दूसरा बड़ा श्मशान घाट है. जहां जवाहर नगर, आदर्श नगर, राजापार्क, घाटगेट यहां तक कि आगरा रोड से जुड़ी कॉलोनी के लोग भी अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में शामिल होने के लिए आते हैं. वहीं, आदर्श नगर कब्रिस्तान में बीते 16 दिनों में 25 लोगों को सुपुर्द-ए-खाक किया गया. जिनमें से पांच कोरोना पॉजिटिव थे.
लाल कोठी श्मशान घाट की स्थिति
इसके बाद ईटीवी भारत की टीम लाल कोठी मोक्ष धाम पर पहुंची, जहां शनिवार को एक भी दाह संस्कार नहीं किया गया. यहां केयरटेकर विनोद ने बताया कि इस महीने कुल 12 अंतिम संस्कार किए गए, जिनमें से एक कोरोना संक्रमित मरीज था. उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल यहां बीते साल वाली वो स्थिति नहीं है, जब लकड़ी की भी किल्लत होने लगी थी. बता दें कि यहां लाल कोठी क्षेत्र के साथ-साथ सी स्कीम, बापू नगर और गांधीनगर के लोग भी अंतिम संस्कार के लिए पहुंचते हैं.
चांदपोल श्मशान घाट की स्थिति
यहां से ईटीवी भारत ने शहर के सबसे बड़े चांदपोल मोक्ष धाम का रुख किया. जहां एक साथ चार दर्जन से ज्यादा अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है. हमारी टीम ने केयरटेकर विजय शर्मा से बातचीत की और मौजूदा हालात को समझने की कोशिश की. उन्होंने जानकारी दी की अप्रैल महीने की 17 तारीख तक 48 लोगों के दाह संस्कार किए गए हैं, जिनमें दो लोग ऐसे थे जो कोरोना महामारी की चपेट में आने से अकाल मृत्यु का ग्रास बन गए थे. विजय ने बताया कि पिछले साल इसी दौर में 250 लोगों की अंत्येष्टि चांदपोल में उस स्थान पर की गई थी, जिनमें से 180 कोरोना के शिकार हुए थे.
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जाहिर है एक तरफ सोशल मीडिया के जरिए देशभर में कोरोना की दूसरी लहर की भयावह तस्वीरें पेश की जा रही हैं. जयपुर के लोग भी लगातार वायरल होती इन तस्वीरों से चिंतित हैं, लेकिन ईटीवी भारत की पड़ताल के बाद शहरवासी इस बात से राहत ले सकते हैं कि यहां संक्रमित मरीजों का आंकड़ा भले ही बढ़ रहा हो, लेकिन हालात अभी भी इतने नहीं बिगड़े हैं.
इस महीने राजधानी में 30 लोग कोरोना से काल का ग्रास बने हैं. ऐसे में ईटीवी भारत अपील करता है कि जयपुर के लोग सावधानी बरतें और सरकार की तरफ से दी गई गाइडलाइन की पालना करें ताकि वो खुद भी सुरक्षित रहें और उनके परिजन भी सुरक्षित रहें.