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Reality Check : ईंधन बचत में नं. 1 रहीं JCTSL की बसें हर दिन रोड पर हो रहीं ब्रेकडाउन, माइलेज भी घटा

हाल ही में जयपुर की लो फ्लोर बसों को देशभर में ईंधन बचत में पहला स्थान मिला है. शहर में लोगों की आवाजाही का मुख्य साधन लो फ्लोर बसें हैं. ये बसें मेंटेनेंस के अभाव में रोजाना ब्रेक डाउन हो रही हैं. यही नहीं जिस माइलेज को लेकर ये बसें अव्वल आई हैं, वो भी पहले की तुलना में घटा ही है. जब ईटीवी भारत ने रियलिटी चेक की, तो यह सच्चाई हमारे सामने आई.

JCTSL, लो फ्लोर बस, जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट
JCTSL की बसों का हुआ बुरा हाल
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Published : Feb 15, 2020, 5:28 PM IST

जयपुर. जयपुर ट्रांसपोर्ट की लाइफलाइन कहे जाने वाले JCTSL यानि जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड को ईंधन बचत में अग्रणी रहने पर हाल ही में दिल्ली में सम्मान मिला है. ये सम्मान साल 2018-19 में 5.61 फीसदी के एमपीएल यानि किमी प्रति लीटर की बढ़ोतरी पर मिला था. जेसीटीएसएल ने एक हजार बसों की कैटेगरी में भाग लिया था और 1 साल में की गई ईंधन बचत में पहला स्थान हासिल किया, लेकिन साल भर बाद तो कुछ और ही हकीकत नजर आ रही है.

JCTSL की बसों का हुआ बुरा हाल

5 किमी से घटकर 3 किमी हुआ माइलेज....

ईटीवी भारत ने जयपुर की सड़कों पर दौड़ रही लो फ्लोर बसों की रियलिटी चेक की. जिसमें सामने आया, कि हर दिन कई बसें मेंटनेंस के अभाव में ब्रेकडाउन हो जाती हैं. जो बसें चल भी रही हैं, उन्हें भी मेंटनेंस की जरूरत है. इससे साफ है, कि जो बसें पहले 4.5 से 5 किमी प्रति लीटर का माइलेज दिया करती थी. उनका एवरेज घटकर 3 से 4 किमी प्रतिलीटर ही रह गया है. इसके अलावा AC बसों का भी एवरेज 1 किमी प्रतिलीटर कम हुआ है.

यह भी पढ़ें- Special : भूखे और असहाय लोगों का पेट भर रही 'मां की रसोई', सप्ताह में दो दिन नमकीन और मिठाई भी

मरम्मत की जरूरत

जेसीटीएसएल के बेड़े में 400 लो फ्लोर बसें हैं. जिनमें से 240 बसें ही चल रही हैं. बाकी बसें डिपो में खड़ी मरम्मत का इंतजार कर रहीं हैं. शहर के 25 रूटों पर ये बसें चलती हैं, लेकिन 150 से ज्यादा बसें खटारा हो चुकी हैं. ऐसे में मेंटनेंस के दावे के साथ-साथ उस सम्मान पर भी सवाल खड़े होते हैं, जो राष्ट्रीय स्तर पर JCTSL को मिला है.

जयपुर. जयपुर ट्रांसपोर्ट की लाइफलाइन कहे जाने वाले JCTSL यानि जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड को ईंधन बचत में अग्रणी रहने पर हाल ही में दिल्ली में सम्मान मिला है. ये सम्मान साल 2018-19 में 5.61 फीसदी के एमपीएल यानि किमी प्रति लीटर की बढ़ोतरी पर मिला था. जेसीटीएसएल ने एक हजार बसों की कैटेगरी में भाग लिया था और 1 साल में की गई ईंधन बचत में पहला स्थान हासिल किया, लेकिन साल भर बाद तो कुछ और ही हकीकत नजर आ रही है.

JCTSL की बसों का हुआ बुरा हाल

5 किमी से घटकर 3 किमी हुआ माइलेज....

ईटीवी भारत ने जयपुर की सड़कों पर दौड़ रही लो फ्लोर बसों की रियलिटी चेक की. जिसमें सामने आया, कि हर दिन कई बसें मेंटनेंस के अभाव में ब्रेकडाउन हो जाती हैं. जो बसें चल भी रही हैं, उन्हें भी मेंटनेंस की जरूरत है. इससे साफ है, कि जो बसें पहले 4.5 से 5 किमी प्रति लीटर का माइलेज दिया करती थी. उनका एवरेज घटकर 3 से 4 किमी प्रतिलीटर ही रह गया है. इसके अलावा AC बसों का भी एवरेज 1 किमी प्रतिलीटर कम हुआ है.

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मरम्मत की जरूरत

जेसीटीएसएल के बेड़े में 400 लो फ्लोर बसें हैं. जिनमें से 240 बसें ही चल रही हैं. बाकी बसें डिपो में खड़ी मरम्मत का इंतजार कर रहीं हैं. शहर के 25 रूटों पर ये बसें चलती हैं, लेकिन 150 से ज्यादा बसें खटारा हो चुकी हैं. ऐसे में मेंटनेंस के दावे के साथ-साथ उस सम्मान पर भी सवाल खड़े होते हैं, जो राष्ट्रीय स्तर पर JCTSL को मिला है.

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