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पदोन्नत हो चुके व्याख्याताओं पर पदोन्नति के नए नियम लागू करने पर मांगा जवाब

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Published : Jun 8, 2022, 8:50 PM IST

राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने रिव्यू डीपीसी के जरिए वर्ष 2015 में पदोन्नत हो चुके स्कूल व्याख्याताओं पर पदोन्नति के नए नियम लागू करने के विषय में शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य लोगों से जवाब तलब की है. अधिकरण ने यह आदेश अशोक कुमार की अपील पर (RCSAT questioned education secretary) दिए हैं.

RCSAT questioned director of secondary education
पदोन्नत हो चुके व्याख्याताओं पर पदोन्नति के नए नियम लागू करने पर मांगा जवाब

जयपुर. राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने रिव्यू डीपीसी के जरिए वर्ष 2015 में पदोन्नत हो चुके स्कूल व्याख्याताओं पर पदोन्नति के नए नियम लागू करने पर शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य से जवाब मांगा है. अधिकरण ने (RCSAT questioned education secretary) यह आदेश अशोक कुमार की अपील पर दिए हैं.

अपील में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 2015-16 की रिव्यू डीपीसी के जरिए व्याख्याता पद पर पदोन्नत हुए थे. उन्होंने कई सालों पहले ही कार्यभार ग्रहण कर लिया था. उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से याचिकाकर्ता को स्थाई वरिष्ठता सूची में यह कहते हुए शामिल नहीं किया गया कि, उन्होंने बैचलर और मास्टर डिग्री एक विषय से पास नहीं की है. याचिका में कहा गया कि बैचलर और मास्टर डिग्री में एक समान विषय होने पर पदोन्नति देने का नियम हाल ही में लागू किया गया है. लेकिन जिन्होंने पूर्व में ही प्रमोशन लेकर कार्यभार ग्रहण कर लिया हो, उनपर यह प्रावधान लागू नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि ऐसे में याचिकाकर्ता को स्थाई पदोन्नति सूची में शामिल कराया जाए. वहीं इस मामले पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया (RCSAT questioned education secretary) है.

जयपुर. राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने रिव्यू डीपीसी के जरिए वर्ष 2015 में पदोन्नत हो चुके स्कूल व्याख्याताओं पर पदोन्नति के नए नियम लागू करने पर शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य से जवाब मांगा है. अधिकरण ने (RCSAT questioned education secretary) यह आदेश अशोक कुमार की अपील पर दिए हैं.

अपील में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 2015-16 की रिव्यू डीपीसी के जरिए व्याख्याता पद पर पदोन्नत हुए थे. उन्होंने कई सालों पहले ही कार्यभार ग्रहण कर लिया था. उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से याचिकाकर्ता को स्थाई वरिष्ठता सूची में यह कहते हुए शामिल नहीं किया गया कि, उन्होंने बैचलर और मास्टर डिग्री एक विषय से पास नहीं की है. याचिका में कहा गया कि बैचलर और मास्टर डिग्री में एक समान विषय होने पर पदोन्नति देने का नियम हाल ही में लागू किया गया है. लेकिन जिन्होंने पूर्व में ही प्रमोशन लेकर कार्यभार ग्रहण कर लिया हो, उनपर यह प्रावधान लागू नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि ऐसे में याचिकाकर्ता को स्थाई पदोन्नति सूची में शामिल कराया जाए. वहीं इस मामले पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया (RCSAT questioned education secretary) है.

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