जयपुर. कोरोना काल में उचित मूल्य के दुकानदारों में भी कोरोना संक्रमण का भय व्याप्त है. इसी के चलते वे अपनी राशन डीलर की दुकानें भी छोड़ रहे हैं. पिछले दो महीने से लगातार आ रही शिकायतों के चलते रसद विभाग ने अब तक 45 राशन डीलरों के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं. इस तरह के मामले सामने आने पर रसद विभाग भी पेशोपेश की स्थिति में है कि गेहूं का वितरण किस तरह से किया जाएगा. कुछ राशन डीलर तो ऐसे हैं, जिन्होंने कोरोना वायरस के चलते खुद से ही दुकान को सरेंडर कर दिया है.
पिछले 2 महीने के लॉकडाउन में जिला रसद विभाग ने 45 राशन डीलरों के लाइसेंस निलंबित किए हैं. कई दुकानदार तो ऐसे हैं, जिन्होंने स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देकर गेहूं बांटने से इनकार कर दिया. कुछ ने किराए की दुकान का बहाना बनाकर दुकान को बंद कर दिया.
इन दुकान संख्या के डीलरों ने दुकान की बंद...
- दुकान संख्या 213 के संचालक ने अप्रैल का गेहूं वितरण करने के बाद दुकान बंद करके गांव चला गया. जिला रसद विभाग को उसकी दुकान को दूसरी दुकान में अटैच करना पड़ा. डीलर ने जिला रसद विभाग को लिखित में पत्र भेजकर अपनी दुकान को अटैच करने का आग्रह किया.
- उचित मूल्य की दुकान नंबर 268 के डीलर ने भी स्वास्थ्य खराब होने का हवाला दिया और राशन वितरण करने से इंकार कर दिया. उसने भी रसद विभाग से आग्रह किया कि वह राशन वितरण करने में असमर्थ है. इसलिए उसकी दुकान नजदीकी दुकान से अटैच कर दी जाए.
- दुकान संख्या 238 और 266 की संचालकों ने भी जिला रसद अधिकारी को पत्र लिखकर कहा कि उनकी दुकान को मकान मालिकों ने खाली करवा लिया है. उनकी दुकानें किराए पर चल रही थी. इसलिए वे अब गेहूं वितरण करने में असमर्थ है. इसलिए उनकी दुकानों को पास की दुकानों में अटैच कर दिया जाए.
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बता दें कि जयपुर शहर में 574 दुकानें स्वीकृत हैं. इनमें से 140 से अधिक दुकानें बंद पड़ी हैं. इन दुकानों को दूसरी राशन डीलर के साथ अटैच कर रखा है. इस कारण से कई लोगों को समय पर गेहूं का वितरण नहीं हो पा रहा है. अब सरकार प्रवासी मजदूरों और खाद्य सुरक्षा योजना से वंचित लोगों को भी गेहूं वितरण करने जा रही है. अगले महीने जून से यह वितरण शुरू हो जाएगा. ऐसे में सवाल उठता है इतनी बड़ी संख्या में लोगों को सीमित राशन डीलरों से किस तरह से राशन वितरित कराया जाएगा.