जयपुर. राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने राजस्थान के बारां जिले में दो नाबालिग बालिकाओं के साथ हुए गैंगरेप मामले को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ट्विटर पर आए बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनके इस बयान कि की बारां में हुई घटना को हाथरस (यूपी) की घटना से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है. इसकी कड़ी भर्त्सना की है. साथ ही अनुसंधान से पूर्व ही अपराधियों को क्लीन चिट देने वाले मुख्यमंत्री के इस बयान को संवेदनहीन बताया है.
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एक जिम्मेदार पद पर बैठे CM @ashokgehlot51 के इस बयान की मैं कड़ी भर्त्सना करता हूं। विगत 15 दिनो में अजमेर, जयपुर, सीकर, चूरू, सिरोही और बांसवाड़ा समेत कई जगहों पर महिलाओं व बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं होना इस बात का प्रमाण है कि सरकार महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है।
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) October 2, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">एक जिम्मेदार पद पर बैठे CM @ashokgehlot51 के इस बयान की मैं कड़ी भर्त्सना करता हूं। विगत 15 दिनो में अजमेर, जयपुर, सीकर, चूरू, सिरोही और बांसवाड़ा समेत कई जगहों पर महिलाओं व बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं होना इस बात का प्रमाण है कि सरकार महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है।
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) October 2, 2020एक जिम्मेदार पद पर बैठे CM @ashokgehlot51 के इस बयान की मैं कड़ी भर्त्सना करता हूं। विगत 15 दिनो में अजमेर, जयपुर, सीकर, चूरू, सिरोही और बांसवाड़ा समेत कई जगहों पर महिलाओं व बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं होना इस बात का प्रमाण है कि सरकार महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है।
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) October 2, 2020
राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संवेदनहीनता की पराकाष्ठा को पार करते हुए बालिकाओं के धारा 164 में बयान देने और स्वयं की मर्जी से लड़कों के साथ घूमने जाने की बात कही. जबकि पीड़ित पक्ष न्याय की आस में कोर्ट के दरवाजे खटखटा रहा है और कह रहा है कि पुलिस ने दबाव में बयान दर्ज किये है. राठौड़ ने कहा कि प्रदेश के मुखिया अनुसंधान से पूर्व ही अपराधियों को क्लीन चिट देते हुए उन्हें पनाह देने का काम रहे हैं, कहीं इसी कारण से आज राजस्थान अपराध में सिरमौर तो नहीं बन गया. जबकि कांग्रेस शासन में महिलाओं और बच्चियों के साथ अपराध चरम पर है और राज्य सरकार इसकी रोकथाम में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है.
राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री जैसे गरिमापूर्ण और जिम्मेदार पद पर आसीन अशोक गहलोत जी को अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की बजाय पीड़ित पक्ष के प्रति संवेदनशीलता दिखानी चाहिए थी. राठौड़ ने कहा कि विगत 15 दिनो में प्रदेश के अजमेर, जयपुर, सीकर, चूरू, सिरोही और बांसवाड़ा समेत कई जगहों पर महिलाओं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं होना इस बात का प्रमाण है कि महिला सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार बिल्कुल गंभीर नहीं है. प्रदेश में लगातार महिलाओं मासूम बालिकाओं के साथ दरिंदगी की हदें पार करने वाली ये घटनाएं सरकार के महिला सुरक्षा के दावों की पोल खोल रही है.
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राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में जंगलराज पनप रहा है, दलित उत्पीडन के मामले में राजस्थान दूसरे स्थान पर है. विशेष रूप से महिलाओं और मासूम बालिकाओं के साथ हैवानियत चरम पर हैं लेकिन इनकी न्याय की चीख-पुकार सरकार के कानों तक नहीं पहुंच रही है.
जानिए क्या था सीएम गहलोत का बयान
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हाथरस की घटना बेहद निंदनीय है, जितनी निंदा की जाए उतनी कम है, लेकिन दुर्भाग्य है कि राजस्थान के बारां में हुई घटनाओं को हाथरस की घटना से तुलना की जा रही है, जबकि बारां में बालिकाओं ने स्वयं मजिस्ट्रेट के समक्ष 164 के बयान साथ ज्यादती नहीं होने एवं स्वयं की मर्जी से लड़कों के साथ घूमने जाने की बात कही. गहलोत ने कहा कि बालिकाओं का मेडिकल भी करवाया गया, अनुसंधान में सामने आया कि लड़के भी नाबालिग है.
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हाथरस में हुई घटना बेहद निंदनीय है, उसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है लेकिन दुर्भाग्य से राजस्थान के बारां में हुई घटना को हाथरस की घटना से कम्पेयर किया जा रहा है
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 1, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
1/
">हाथरस में हुई घटना बेहद निंदनीय है, उसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है लेकिन दुर्भाग्य से राजस्थान के बारां में हुई घटना को हाथरस की घटना से कम्पेयर किया जा रहा है
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 1, 2020
1/हाथरस में हुई घटना बेहद निंदनीय है, उसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है लेकिन दुर्भाग्य से राजस्थान के बारां में हुई घटना को हाथरस की घटना से कम्पेयर किया जा रहा है
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जबकि बारां में बालिकाओं ने स्वयं मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए 164 के बयानों में अपने साथ ज्यादती नहीं होने एवं स्वयं की मर्जी से लड़कों के साथ घूमने जाने की बात कही। बालिकाओं का मेडिकल भी करवाया गया एवं अनुसन्धान में सामने आया कि लड़के भी नाबालिग हैं, जांच आगे भी जारी रहेगी।
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">जबकि बारां में बालिकाओं ने स्वयं मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए 164 के बयानों में अपने साथ ज्यादती नहीं होने एवं स्वयं की मर्जी से लड़कों के साथ घूमने जाने की बात कही। बालिकाओं का मेडिकल भी करवाया गया एवं अनुसन्धान में सामने आया कि लड़के भी नाबालिग हैं, जांच आगे भी जारी रहेगी।
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2/जबकि बारां में बालिकाओं ने स्वयं मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए 164 के बयानों में अपने साथ ज्यादती नहीं होने एवं स्वयं की मर्जी से लड़कों के साथ घूमने जाने की बात कही। बालिकाओं का मेडिकल भी करवाया गया एवं अनुसन्धान में सामने आया कि लड़के भी नाबालिग हैं, जांच आगे भी जारी रहेगी।
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घटना होना एक बात है और कार्यवाही होना दूसरी, घटना हुई तो कार्यवाही भी तत्काल हुई। इस केस को मीडिया का एक वर्ग और विपक्ष हाथरस जैसी वीभत्स घटना से कम्पेयर करके प्रदेश और देश की जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।
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3/घटना होना एक बात है और कार्यवाही होना दूसरी, घटना हुई तो कार्यवाही भी तत्काल हुई। इस केस को मीडिया का एक वर्ग और विपक्ष हाथरस जैसी वीभत्स घटना से कम्पेयर करके प्रदेश और देश की जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।
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सीएम गहलोत ने कहा का मामले की अभी पूरी नहीं हुई है, जांच आगे भी जारी रहेगी. सीएम गहलोत ने कहा कि घटना होना एक बात है और कार्यवाही होना दूसरी बात , घटना हुई तो कार्रवाई भी तत्काल होगी, इस केस को विपक्ष हाथरस जैसी दुखद घटना से तुलना करके प्रदेश और देश की जनता को गुमराह करने का काम कर रहा है.