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आरएएस भर्ती-2018 का रास्ता साफ, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने आरएएस भर्ती-2018 का रास्ता साफ करते हुए मुख्य परीक्षा के परिणाम के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायाधीश एसके कौल और न्यायाधीश हेमंत गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश संजय सानेल की एसएलपी पर सुनवाई करते हुए दिए. खंडपीठ ने माना कि सेवा नियमों के तहत आरपीएससी के पास पदों की संख्या के मुकाबले कितने भी गुणा अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाने का विशेषाधिकार है.

आरएएस भर्ती-2018, RAS recruitment-2018 paved way
सुप्रीम कोर्ट
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Published : Apr 16, 2021, 9:25 PM IST

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने आरएएस भर्ती-2018 का रास्ता साफ करते हुए मुख्य परीक्षा के परिणाम के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायाधीश एसके कौल और न्यायाधीश हेमंत गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश संजय सानेल की एसएलपी पर सुनवाई करते हुए दिए. खंडपीठ ने माना कि सेवा नियमों के तहत आरपीएससी के पास पदों की संख्या के मुकाबले कितने भी गुणा अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाने का विशेषाधिकार है.

एसएलपी में कहा गया कि आरपीएससी ने साक्षात्कार में पदों के मुकाबले डेढ़ गुणा अभ्यर्थियों को ही शामिल किया है, जबकि पिछले भर्ती में आयोग ने पदों के मुकाबले ढाई गुणा अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया था. ऐसे में लिखित परीक्षा का परिणाम रद्द कर पदों के मुकाबले ढाई गुणा अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाते हुए नए सिरे से परिणाम जारी किया जाए.

यह भी पढ़ेंः स्पेशलः घना से किनारा कर गया साइबेरियन सारस, जिसका इतिहास इस मुगल बादशाह की किताबों में दर्ज है...

आरपीएससी की ओर से अधिवक्ता अमित लुभाया ने कहा कि राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा नियम, 1999 के तहत आरपीएससी के विवेक पर निर्भर है कि वह पदों की संख्या के मुकाबले कितने अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाए. आरएएस भर्ती-2018 में आयोग ने पदों के मुकाबले डेढ़ गुणा अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया है. हालांकि, कई अभ्यर्थियों के समान अंक होने के चलते यह संख्या पदों के मुकाबले 1.92 पहुंच गई है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने एसएलपी को खारिज कर दिया है.

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने आरएएस भर्ती-2018 का रास्ता साफ करते हुए मुख्य परीक्षा के परिणाम के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायाधीश एसके कौल और न्यायाधीश हेमंत गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश संजय सानेल की एसएलपी पर सुनवाई करते हुए दिए. खंडपीठ ने माना कि सेवा नियमों के तहत आरपीएससी के पास पदों की संख्या के मुकाबले कितने भी गुणा अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाने का विशेषाधिकार है.

एसएलपी में कहा गया कि आरपीएससी ने साक्षात्कार में पदों के मुकाबले डेढ़ गुणा अभ्यर्थियों को ही शामिल किया है, जबकि पिछले भर्ती में आयोग ने पदों के मुकाबले ढाई गुणा अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया था. ऐसे में लिखित परीक्षा का परिणाम रद्द कर पदों के मुकाबले ढाई गुणा अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाते हुए नए सिरे से परिणाम जारी किया जाए.

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आरपीएससी की ओर से अधिवक्ता अमित लुभाया ने कहा कि राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा नियम, 1999 के तहत आरपीएससी के विवेक पर निर्भर है कि वह पदों की संख्या के मुकाबले कितने अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाए. आरएएस भर्ती-2018 में आयोग ने पदों के मुकाबले डेढ़ गुणा अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया है. हालांकि, कई अभ्यर्थियों के समान अंक होने के चलते यह संख्या पदों के मुकाबले 1.92 पहुंच गई है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने एसएलपी को खारिज कर दिया है.

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