जयपुर. राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) की पुत्रवधू के भाई और बहन के RAS परीक्षा में 80 फीसदी नंबर आने के बाद जो विवाद शुरू हुआ है, उसमें अब भाजपा राज में RAS बन चुके गोविंद डोटासरा के बेटे और बहू का भी नाम लिया जा रहा है. कहा जा रहा है कि उनको भी इसी तरीके से 80 फीसदी नंबर आए थे.
अब इस मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने भाजपा पर तीखा हमला किया है. उन्होंने कहा कि मैंने RSS और निंबाराम को लेकर सवाल उठाए, इसके चलते ऐसी बातें की जा रही है. उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) के कार्यकाल में जो लोग सेलेक्ट हुए उन पर सवाल उठाते हुए भाजपा के नेताओं को शर्म नहीं आ रही है कि जिनको सर्विस करते हुए 2 साल हो चुके हैं, उनकी मार्कशीट दिखा कर प्रेस कॉन्फ्रेंस की जा रही है.
गोविंद डोटासरा ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को चैलेंज देते हुए कहा कि भाजपा (BJP) के शासनकाल और कांग्रेस (Congress) के शासनकाल में RPSC के जितने भी इंटरव्यू हुए उनकी जांच गुलाबचंद कटारिया (Gulabchand Kataria) और सतीश पूनिया (Satish Poonia) कर लें. इस जांच में अगर किसी भी कांग्रेस के मंत्री और नेता के ऊपर पक्षपात के आरोप सिद्ध हो तो मैं उसकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेने को तैयार हूं.
डोटासरा ने कहा कि किसान के बेटे को टारगेट किया जाए यह गलत है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा नेता के बेटा-बेटी IAS बने थे, वह सबके सामने हैं. लेकिन भाजपा और RSS में एक तीर से तीन निशाने लगा रहे हैं. मैंने RSS और निंबाराम पर सवाल उठाए, इसलिए मुझ पर हमला किया जा रहा है. अपने शासनकाल में हुई RPSC की परीक्षा में सवाल उठाकर वे वसुंधरा राजे पर सवाल उठा रहे हैं. साथ ही किसान वर्ग के खिलाफ भी साजिश की जा रही है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि एक परिवार में 5 IAS भी हो सकते हैं और मेरा बेटा और पुत्रवधू प्रतिभा जब सेलेक्ट हुई उस समय हमारे परिवार में रिश्ते भी नहीं हुए थे. उस समय RPSC के चेयरमैन भी RSS के ही श्याम प्रसाद अग्रवाल थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पाठशाला में पढ़ना और मेहनत करना सिखाया जाता है, जबकि RSS और भाजपा की पाठशाला में झूठ बोलना और निंबाराम की तरह चोरी करना सिखाया जाता है. डोटासरा ने कहा कि हमारे किसान के बच्चे टैलेंटेड हैं, वे पहले भी RAS और अन्य पदों पर रहे, अभी बन रहे हैं और आगे भी बनेंगे.