जयपुर. बारां जिला प्रमुख चुनाव में हुई भाजपा की हार के बाद बीजेपी सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह के कार्यालय पर हुए पथराव का मामला (stone pelting at MP Dushyant Singh office) एक बार फिर सियासत सुर्खियों में है. भाजपा विधायक दल की बैठक में खुद वसुंधरा राजे ने इस मामले को उठाया, जिसके बाद पार्टी अलग-अलग धड़ों में बटी हुई नजर आई. वहीं, राजस्थान भाजपा के मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा इस घटनाक्रम की अब तक जांच रिपोर्ट क्यों नहीं आई इस मामले में अनभिज्ञता जता रहे हैं. जबकि जिले के चुनाव प्रभारी वासुदेव देवनानी कहते हैं कि मैंने अपनी जांच रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व को सौंप दी है.
दरअसल, मंगलवार को ही भाजपा विधायक दल की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने यह मामला उठाते हुए प्रदेश नेतृत्व और पार्टी नेताओं की कार्यशैली पर सवाल उठा दिए थे. वसुंधरा राजे ने यह तक कह दिया था कि पार्टी प्रदेश अध्यक्ष की गाड़ी पर हुए पथराव के मामले में राज्यपाल को ज्ञापन दिया जा रहा है. लेकिन चार बार के सांसद दुष्यंत सिंह के निवास पर हुए पथराव के मामले में दोषी कार्यकर्ता और लोगों पर अब तक कोई कार्रवाई पार्टी ने नहीं की. हालांकि, पार्टी के स्तर पर इस घटनाक्रम की जिला स्तर और प्रदेश स्तर पर जांच करवाई गई थी, बकायदा प्रदेश स्तर पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष नारायण सिंह देवल और प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा को इसकी जिम्मेदारी दी गई थी. लेकिन जांच की रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व को मिलने के बाद भी अब तक इसका खुलासा नहीं किया.
जिला चुनाव प्रभारी देवनानी ने कहा- मैंने जांच रिपोर्ट सौंपी: पंचायत राज चुनाव में बारां जिले में चुनाव प्रभारी लगाए गए विधायक वासुदेव देवनानी से जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम की जांच रिपोर्ट उन्होंने प्रदेश नेतृत्व को सौंप दी है. इस बारे में अब प्रदेश नेतृत्व ही जवाब देंगे. देवनानी से पूछा गया कि आप की जांच रिपोर्ट में कौन दोषी पाया गया तो देवनानी ने कहा कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट में सभी पहलुओं की जानकारी देते हुए अपनी रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व को दे दी है और अब वही आगे इस बारे में कुछ जानकारी दे सकते हैं.
मुख्य प्रवक्ता बोले मैं इस बारे में जानकारी लेकर मीडिया को दूंगा जानकारी : सांसद दुष्यंत सिंह के निवास पर हुए हमले और पथराव की घटना के मामले में जिला और प्रदेश स्तर पर जांच कमेटी बनाई गई, जिसकी रिपोर्ट भी संभवत: प्रदेश नेतृत्व को मिल गई होगी. लेकिन प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा से जब सवाल पूछा गया कि रिपोर्ट में क्या हुआ तो उन्होंने भी अनभिज्ञता जता दी. शर्मा ने कहा कि इस बारे में वे जानकारी लेकर मीडिया में जानकारी देंगे. मतलब साफ था कि प्रदेश प्रवक्ता भी इस मामले में चुप रहना ही उचित समझ रहे हैं.