जयपुर. अलवर के रामगढ़ में 18 जून को हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में बनाई गई प्रदेश भाजपा की कमेटी के दौरे और सरकार पर बनाए गए दबाव के चलते रामगढ़ थाने के SHO समेत 4 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया. इसमें एएसआई कमालुद्दीन भी शामिल हैं. इसे लेकर सांसद रामचरण बौहरा की अगुवाई में बनी कमेटी ने पुलिस अधीक्षक और डीजीपी को भी शिकायत दर्ज कराई थी.
कमेटी में शामिल सांसद जसकौर मीणा, रामचरण बोहरा, बाबा बालक नाथ, पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा, मौजूदा विधायक संजय शर्मा और भाजपा प्रदेश विधि विभाग संयोजक सुरेंद्र नरूका ने 28 जून को अलवर के रामगढ़ क्षेत्र में पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी. साथ ही संबंधित जांच में जुटे पुलिस अधिकारियों से भी चर्चा की. इस दौरान जांच में लापरवाही की बात भी सामने आई जिस पर भाजपा नेताओं ने प्रशासन और सरकार पर दोषियों की जल्द गिरफ्तारी को लेकर दबाव भी बनाया.
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भाजपा नेताओं का यह भी दबाव था कि पुलिस की जांच इस प्रकरण में धीमी गति से चल रही है, जिससे पीड़ित पक्ष को न्याय नहीं मिल पा रहा. कमेटी के प्रमुख सांसद रामचरण बोहरा ने कहा कि अभी 4 दोषियों में से महज एक को ही पुलिस ने गिरफ्तार किया है और उस पर भी उन धाराओं में मामला दर्ज नहीं किया गया, जिसमें होना चाहिए था.
क्या है पूरा मामला
कुछ दिन पहले अलवर के रामगढ़ में एक नाबालिका के साथ दुष्कर्म की घटना हुई. जिसकी शिकायत परिजनों ने पुलिस को दी. इस मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया. लेकिन इसके बाद भी आरोपी लगातार पीड़िता के पिता और परिजनों को धमका रहे थे.
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आरोपी मामला वापस लेने को लेकर दबाव बना रहे थे. परिजनों ने इसकी जानकारी भी पुलिस को दी. लेकिन पुलिस की तरफ से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई. जबकि पुलिस पूरे मामले को दबाने में लगी रही. घटना के कुछ दिन बाद ही पीड़िता के पिता का शव घर के पास एक पेड़ पर लटका हुआ मिला. परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि उसके पिता को कुछ लोग घर से लेकर गए थे. जिसके बाद वो लौटकर नहीं आए. वहीं, अब इस मामले में रामगढ़ थाने के SHO समेत 4 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है.