जयपुर. भरतपुर में अवैध खनन को लेकर साधु संतों के आंदोलन का मामला थमा भी नहीं था कि कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने अपनी ही सरकार के खनिज मंत्री पर अवैध खनन का आरोप लगाया है. जिसके बाद भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा (Rajyavardhan Singh targeted the Gehlot government) है.
भाजपा सांसद और प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने शुक्रवार रात एक बयान जारी कर कहा कि राजस्थान के कांग्रेस राज में अवैध खनन के 9,000 से अधिक प्रकरण, आम लोगों पर खनन माफियाओं के 250 से अधिक हमले और 30 हत्याएं और अब राज्य के खनन मंत्री पर ही खनन माफिया होने का गंभीर आरोप भी लगा है. राठौड़ ने कहा कि ये आरोप भी कांग्रेस विधायक ही लगा रहे है कि खनिज मंत्री ही सबसे बड़े खनन माफिया हैं.
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पार्टी के विधायक ही मंत्री की बर्खास्तगी की मांग करते हैं: राठौड़ ने सीएम गहलोत पर आरोप लगाते हुए कहा कि इससे बड़ा आरोप तो आप पर बनता है. आपकी पार्टी के ही विधायक अवैध खनन में मंत्री की संलिप्त्ता बता रहे हैं, उनकी बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं. जबकि खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया का गृह जिला बारां अवैध खनन में नंबर वन है, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का गृह जिला कोटा अवैध खनन में दूसरे नंबर पर है. उन्होंने कहा कि जांच कराना तो दूर ये दोनों मंत्री सीएम के सबसे प्रिय हैं.
प्रदेश में अवैध खनन की गतिविधियां बढ़ी: उन्होंने कहा कि ऐसा क्यों है कि प्रदेश में अवैध खनन की गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं, खनन माफियाओं के पुलिस बल पर 130 हमले हुए हैं, फिर भी आपकी सरकार चुप्पी साधे हुए है?. राठौड़ ने कहा कि ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा यात्री क्षेत्र की पवित्र भूमि भी अवैध खनन की भेंट चढ़ रहा था. इसे रोकने के लिए संतों की ओर से डेढ़ वर्ष से अधिक समय से अनशन किया जा रहा है. लेकिन गहलोत सरकार ने गुहार अनसुनी कर दी. उन्होंने आरोप लगाया कि देश की जो मौजूदा स्थिति बनी है उसके जिम्मेदार केवल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही हैं.
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वसुंधरा राजे ने गहलोत सरकार पर जुबानी हमला बोला: वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी अवैध खनन को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि अवैध खनन को रोकने के लिए संतों को आंदोलन करना पड़ा. यहां तक कि एक संत को आत्मदाह करने के लिए मजबूर होना पड़ा. उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार कहां-कहां अवैध खनन हो रहा है उसे सूचिबद्ध कर बंद करवाती तो यह स्थिति नहीं होती. राज्य सरकार नक्शों के आधार पर अवैध खनन को चिह्नित करके इसे सख़्ती के साथ रोके.