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राज्यसभा उप चुनाव में कांग्रेस को वॉकओवर देने के मूड में नहीं है भाजपा, कटारिया और राठौड़ तो इसी ओर इशारा कर रहे हैं

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Published : Aug 6, 2019, 4:49 PM IST

प्रदेश में मदन लाल सैनी के निधन के बाद खाली हुई राज्यसभा की एक सीट पर आगामी 26 अगस्त को उप चुनाव होने हैं. विधानसभा में विधायकों की संख्या बल के लिहाज से यह सीट ऐसे तो कांग्रेस के कब्जे में जाना तय मानी जा रही है, लेकिन प्रदेश भाजपा इस उप चुनाव में कांग्रेस को वॉकओवर देने के मूड में नहीं दिखती. भाजपा विधायक दल के नेता गुलाबचंद कटारिया और उप नेता राजेंद्र राठौड़ के बयान तो इसी ओर इशारा कर रहे हैं.

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जयपुर. राजस्थान विधानसभा में भले ही विधायकों की संख्या बल के आधार पर भाजपा विधायकों की संख्या कम हो, लेकिन राज्यसभा की एक सीट पर 26 अगस्त को होने उप चुनाव में भाजपा कांग्रेस से दो-दो हाथ करने को तैयार दिखती है. क्योंकि यह सीट भाजपा के तत्कालिक अध्यक्ष रहे मदन लाल सैनी के निधन के चलते खाली हुई थी. ऐसे में भाजपा चाहेगी कि इस उप चुनाव के जरिए वह अन्य राजनीतिक दल व निर्दलीय विधायकों को भी अपने साथ जोड़ कर इस सीट पर कब्जा जमा सके.

कांग्रेस को वॉकओवर देने के मूड में नहीं है भाजपा

पढ़ें: जयपुर : अब रिंग रोड की बदहाली पर शुरू हुई सियासत, मंत्री ने कहा एनएचएआई की खुल गई पोल

हालांकि, ऐसा नहीं हुआ तो भी भाजपा चाहेगी कि कम से कम यह सीट कांग्रेस के खाते में तो ना जाए. खुद भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़ कहते हैं कि उप चुनाव लड़ने का पार्टी का मानस है, लेकिन अंतिम रणनीति पार्टी आलाकमान से मिले निर्देश के बाद ही तय होगी.

जल्द ही हम बैठेंगे और तय करेंगे बहतर कैंडिडेट : कटारिया
वहीं जब इस बारे में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से बात की गई तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जब तक हम एक साथ बैठकर इस विषय पर चर्चा नहीं कर लेते तब तक कुछ बोलना उचित नहीं होगा. लेकिन कटारिया ने यह जरूर कहा कि जल्द ही हम इस संबंध में बैठेंगे और जो अच्छे से अच्छा कैंडिडेट होगा उसे लगवाने पर विचार करेंगे. मतलब कटारिया के मन में भी कांग्रेस को इस उपचुनाव में वोट देने की मंशा नहीं है.

200 में से भाजपा के 72 और कांग्रेस के हैं 100 विधायक...
राज्यसभा के चुनाव में वोट डालने का अधिकार विधायकों को होता है. उस लिहाज से राजस्थान विधानसभा में कुल 200 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें से 2 सीट फिलहाल खाली है. मतलब 198 विधायक मौजूदा हैं जिनमें 72 विधायक भाजपा के और 100 विधायक कांग्रेस के हैं.

यह भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल लोकसभा में पेश

इसी तरह आरएलपी, बीटीपी और सीपीएम के 2-2 विधायक हैं. जबकि बहुजन समाज पार्टी के 6 व राष्ट्रीय लोक दल का 1 और 13 निर्दलीय विधायक हैं. मतलब भाजपा की तुलना इस सीट पर कांग्रेस की जीत होना लगभग तय है. लेकिन यदि भाजपा चुनाव मैदान में उतरी तो जीत की तिकड़म बैठाने के लिए पार्टी को अन्य विधायकों को भी तोड़ कर अपने पक्ष में करना होगा. हालांकि उसमें कितनी सफलता पार्टी को मिलेगी यह तो समय ही बताएगा.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में भले ही विधायकों की संख्या बल के आधार पर भाजपा विधायकों की संख्या कम हो, लेकिन राज्यसभा की एक सीट पर 26 अगस्त को होने उप चुनाव में भाजपा कांग्रेस से दो-दो हाथ करने को तैयार दिखती है. क्योंकि यह सीट भाजपा के तत्कालिक अध्यक्ष रहे मदन लाल सैनी के निधन के चलते खाली हुई थी. ऐसे में भाजपा चाहेगी कि इस उप चुनाव के जरिए वह अन्य राजनीतिक दल व निर्दलीय विधायकों को भी अपने साथ जोड़ कर इस सीट पर कब्जा जमा सके.

कांग्रेस को वॉकओवर देने के मूड में नहीं है भाजपा

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हालांकि, ऐसा नहीं हुआ तो भी भाजपा चाहेगी कि कम से कम यह सीट कांग्रेस के खाते में तो ना जाए. खुद भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़ कहते हैं कि उप चुनाव लड़ने का पार्टी का मानस है, लेकिन अंतिम रणनीति पार्टी आलाकमान से मिले निर्देश के बाद ही तय होगी.

जल्द ही हम बैठेंगे और तय करेंगे बहतर कैंडिडेट : कटारिया
वहीं जब इस बारे में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से बात की गई तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जब तक हम एक साथ बैठकर इस विषय पर चर्चा नहीं कर लेते तब तक कुछ बोलना उचित नहीं होगा. लेकिन कटारिया ने यह जरूर कहा कि जल्द ही हम इस संबंध में बैठेंगे और जो अच्छे से अच्छा कैंडिडेट होगा उसे लगवाने पर विचार करेंगे. मतलब कटारिया के मन में भी कांग्रेस को इस उपचुनाव में वोट देने की मंशा नहीं है.

200 में से भाजपा के 72 और कांग्रेस के हैं 100 विधायक...
राज्यसभा के चुनाव में वोट डालने का अधिकार विधायकों को होता है. उस लिहाज से राजस्थान विधानसभा में कुल 200 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें से 2 सीट फिलहाल खाली है. मतलब 198 विधायक मौजूदा हैं जिनमें 72 विधायक भाजपा के और 100 विधायक कांग्रेस के हैं.

यह भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल लोकसभा में पेश

इसी तरह आरएलपी, बीटीपी और सीपीएम के 2-2 विधायक हैं. जबकि बहुजन समाज पार्टी के 6 व राष्ट्रीय लोक दल का 1 और 13 निर्दलीय विधायक हैं. मतलब भाजपा की तुलना इस सीट पर कांग्रेस की जीत होना लगभग तय है. लेकिन यदि भाजपा चुनाव मैदान में उतरी तो जीत की तिकड़म बैठाने के लिए पार्टी को अन्य विधायकों को भी तोड़ कर अपने पक्ष में करना होगा. हालांकि उसमें कितनी सफलता पार्टी को मिलेगी यह तो समय ही बताएगा.

Intro:राज्यसभा उप चुनाव लड़ने का बीजेपी का मानस तो हैं,पर...राजेन्द्र राठौड़

जल्द चर्चा कर तय करेंगे कि जो अच्छे से अच्छा कैंडिडेट है उसे लड़ाए- गुलाब चंद कटारिया

जयपुर (इंट्रो)
प्रदेश में मदन लाल सैनी के निधन के बाद खाली हुई राज्यसभा की एक सीट पर आगामी 26 अगस्त को उपचुनाव होने हैं। विधानसभा में विधायकों की संख्या बल के लिहाज से यह सीट ऐसे तो कांग्रेस के कब्जे में जाना तय है लेकिन प्रदेश भाजपा इस उपचुनाव में कांग्रेस को वॉकओवर देने के मूड में नहीं दिखती। भाजपा विधायक दल के नेता गुलाब चंद कटारिया और उप नेता राजेंद्र राठौड़ के बयान तो इसी ओर इशारा कर रहे हैं।





Body:राज्यसभा उप चुनाव लड़ने का बीजेपी का मानस तो हैं,पर...राजेन्द्र राठौड़

राजस्थान विधानसभा में भले ही विधायकों की संख्या बल के आधार पर भाजपा विधायकों की संख्या कम हो लेकिन राज्य सभा की एक सीट पर 26 अगस्त को होने उपचुनाव में भाजपा कांग्रेस से दो-दो हाथ करने को तैयार दिखती है। क्योंकि यह सीट भाजपा के तत्कालिक अध्यक्ष रहे मदन लाल सैनी के निधन के चलते ही खाली हुई थी ऐसे में भाजपा चाहेगी कि इस उपचुनाव के जरिए वह अन्य राजनीतिक दल व निर्दलीय विधायकों को भी अपने साथ जोड़ कर इस सीट पर कब्जा जमा सके हालांकि ऐसा नहीं भी हुआ तो भी भाजपा चाहेगी कि कम से कम यह सीट कांग्रेस के खाते में तो ना जाए। खुद भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़ कहते हैं कि उपचुनाव लड़ने का पार्टी का मानस है लेकिन अंतिम रणनीति पार्टी आलाकमान से मिले निर्देश के बाद ही तय होगी।

बाईट- राजेन्द्र राठौड़,उपनेता,भाजपा विधयक दल

जल्द ही हम बैठेंगे और तय करेंगे अच्छा सा अच्छा कैंडिडेट-कटारिया

वहीं जब इस बारे में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से बात की गई तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जब तक हम एक साथ बैठकर इस विषय पर चर्चा नहीं कर लेते तब तक कुछ बोलना उचित नहीं होगा लेकिन कटारिया ने यह जरूर कहा कि जल्द ही हम इस संबंध में बैठेंगे और जो अच्छे से अच्छा कैंडिडेट होगा उसे लगवाने पर विचार करेंगे। मतलब कटारिया के मन में भी कांग्रेस को इस उपचुनाव में वह को वोट देने की मंशा नहीं है।

बाईट- गुलाबचंद कटारिया,नेता प्रतिपक्ष

200 में से भाजपा के 72 कांग्रेस के 100 है विधायक-

राज्यसभा के चुनाव में वोट डालने का अधिकार विधायकों को होता है। उस लिहाज से राजस्थान विधानसभा में कुल 200 विधानसभा सीटें हैं जिसमें से 2 सीट फिलहाल खाली है। मतलब 198 विधायक मौजूदा है जिनमें 72 विधायक भाजपा के और 100 विधायक कांग्रेस के हैं। इसी तरह आरएलपी, बीटीपी सीपीएम के 2-2 विधायक हैं जबकि बहुजन समाज पार्टी के 6 व राष्ट्रीय लोक दल का 1 और 13 निर्दलीय विधायक है। मतलब भाजपा की तुलना इस सीट पर कांग्रेस की जीत होना लगभग तय है लेकिन यदि भाजपा चुनाव मैदान में उतरी तो जीत की तिकड़म बैठाने के लिए पार्टी को अन्य विधायकों को भी तोड़ कर अपने पक्ष में करना होगा लेकिन उसमें कितनी सफलता पार्टी को मिलेगी यह तो समय ही बताएगा।

(Edited vo pkg_rajysabha election bjp)





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