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ये सरकार लकवा ग्रस्त है और 1 साल से बेहोशी की हालत में है: राजपाल सिंह शेखावत

कोटा के जेके लोन अस्पताल में 1 महीने में 104 बच्चों की मौत का मामला अभी थमा भी नहीं था, कि अब जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज के शिशु विभाग में दिसंबर 2019 में 146 बच्चों की मौत का मामला उजागर हुआ है. जिसे लेकर अब विपक्ष राज्य सरकार पर पूरी तरह हमलावर हो गया है.

बच्चों की मौत का मामला,  Childrens death case
राजपाल सिंह शेखावत
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Published : Jan 4, 2020, 9:20 PM IST

जयपुर. प्रदेश में कोटा के बाद अब मुख्यमंत्री के जिले जोधपुर में बड़ी त्रासदी सामने आई है. यहां एसएन मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग में हर दिन करीब 5 बच्चों की मौत हो रही है. दिसंबर 2019 के आंकड़ों की बात करें तो यहां 146 बच्चों ने दम तोड़ा है. इन आंकड़ों के सामने आने के बाद अब सरकार पूरी तरह बैकफुट पर दिख रही है.

बच्चों की मौत के मामले पर बीजेपी हमलावर

वहीं, विपक्ष पहले से ज्यादा हमलावर हो गया है. ईटीवी भारत से बातचीत में बीजेपी शहर अध्यक्ष मोहनलाल गुप्ता ने कहा कि सरकार प्रदेश की जनता की माई बाप होती है, और इस सरकार के राज में उनके बच्चे मर रहे हैं. लेकिन सरकार के मुखिया सिर्फ अनावश्यक बयानबाजी कर रहे हैं. सीएम ने अब जाकर स्वास्थ्य मंत्री को कोटा भेजा है, उन्हें तो शर्म से डूब मरना चाहिए. उन्होंने सरकार से इस्तीफे की भी मांग की.

पढ़ें- बूंदी: लाइट कटने से बंद होती रही मशीनें, बच्चों की चीख से सहमता रहा SNCU यूनिट

वहीं, पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने कहा कि ये सरकार लकवा ग्रस्त सरकार है, जो बीते 1 साल से खुद बेहोशी की हालत में है. इस सरकार के शासन में लगातार सैकड़ों की संख्या में मौतें हो रही हैं और सरकार को इसकी जानकारी तक नहीं रहती. उन्होंने राजस्थान के इतिहास में इसे राजनीति का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दौर बताया.

इसके अलावा जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा ने भी सरकार को कटघरे किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार संवेदनशील नहीं है. बीते 1 साल में पता नहीं लगा कि राज्य में सरकार है भी या नहीं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ना कानून व्यवस्था है ना स्वास्थ्य व्यवस्था, सरकार हर पहलू पर फेल हुई है.

जयपुर. प्रदेश में कोटा के बाद अब मुख्यमंत्री के जिले जोधपुर में बड़ी त्रासदी सामने आई है. यहां एसएन मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग में हर दिन करीब 5 बच्चों की मौत हो रही है. दिसंबर 2019 के आंकड़ों की बात करें तो यहां 146 बच्चों ने दम तोड़ा है. इन आंकड़ों के सामने आने के बाद अब सरकार पूरी तरह बैकफुट पर दिख रही है.

बच्चों की मौत के मामले पर बीजेपी हमलावर

वहीं, विपक्ष पहले से ज्यादा हमलावर हो गया है. ईटीवी भारत से बातचीत में बीजेपी शहर अध्यक्ष मोहनलाल गुप्ता ने कहा कि सरकार प्रदेश की जनता की माई बाप होती है, और इस सरकार के राज में उनके बच्चे मर रहे हैं. लेकिन सरकार के मुखिया सिर्फ अनावश्यक बयानबाजी कर रहे हैं. सीएम ने अब जाकर स्वास्थ्य मंत्री को कोटा भेजा है, उन्हें तो शर्म से डूब मरना चाहिए. उन्होंने सरकार से इस्तीफे की भी मांग की.

पढ़ें- बूंदी: लाइट कटने से बंद होती रही मशीनें, बच्चों की चीख से सहमता रहा SNCU यूनिट

वहीं, पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने कहा कि ये सरकार लकवा ग्रस्त सरकार है, जो बीते 1 साल से खुद बेहोशी की हालत में है. इस सरकार के शासन में लगातार सैकड़ों की संख्या में मौतें हो रही हैं और सरकार को इसकी जानकारी तक नहीं रहती. उन्होंने राजस्थान के इतिहास में इसे राजनीति का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दौर बताया.

इसके अलावा जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा ने भी सरकार को कटघरे किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार संवेदनशील नहीं है. बीते 1 साल में पता नहीं लगा कि राज्य में सरकार है भी या नहीं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ना कानून व्यवस्था है ना स्वास्थ्य व्यवस्था, सरकार हर पहलू पर फेल हुई है.

Intro:जयपुर - कोटा के जेके लोन अस्पताल में 1 महीने में 104 बच्चों की मौत का मामला अभी थमा भी नहीं था, कि अब जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज के शिशु विभाग में दिसंबर 2019 में 146 बच्चों की मौत का मामला उजागर हुआ है। जिसे लेकर अब विपक्ष राज्य सरकार पर पूरी तरह हमलावर हो गया है। बीजेपी ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार बीते 1 साल में खुद बेहोशी की हालत में है। ये सरकार हर पहलू पर फेल हुई है। बीजेपी ने सरकार को जनता का माई बाप बताते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के राज में उसके बच्चे मर रहे हैं। उन्होंने सरकार से इस्तीफे की मांग की।


Body:प्रदेश में कोटा के बाद अब मुख्यमंत्री की नगरी जोधपुर में बड़ी त्रासदी सामने आई है। यहां एसएन मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग में हर दिन करीब 5 बच्चों की मौत हो रही है। दिसंबर 2019 के आंकड़ों की बात करें तो यहां 146 बच्चों ने दम तोड़ा। इन आंकड़ों के सामने आने के बाद अब सरकार पूरी तरह बैकफुट पर दिख रही है। वहीं विपक्ष पहले से ज्यादा हमलावर हो गया है। ईटीवी भारत से बातचीत में बीजेपी शहर अध्यक्ष मोहनलाल गुप्ता ने कहा कि सरकार प्रदेश की जनता की माई बाप होती है, और इस सरकार के राज में उनके बच्चे मर रहे हैं। लेकिन सरकार के मुखिया सिर्फ अनावश्यक बयानबाजी कर रहे हैं। सीएम ने अब जाकर स्वास्थ्य मंत्री को कोटा भेजा है,उन्हें तो शर्म से डूब मरना चाहिए। उन्होंने सरकार से इस्तीफे की भी मांग की।

वहीं पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने कहा कि ये सरकार लकवा ग्रस्त सरकार है। जो बीते 1 साल से खुद बेहोशी की हालत में है। इस सरकार के शासन में लगातार सैकड़ों की संख्या में मौतें हो रही हैं। और सरकार को इसकी जानकारी तक नहीं रहती। उन्होंने राजस्थान के इतिहास में इसे राजनीति का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दौर बताया।


Conclusion:इसके अलावा जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा ने भी सरकार को कटघरे किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार संवेदनशील नहीं है। बीते 1 साल में पता नहीं लगा कि राज्य में सरकार है भी या नहीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ना कानून व्यवस्था है ना स्वास्थ्य व्यवस्था। सरकार हर पहलू पर फेल हुई है।
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