जयपुर. विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को कांग्रेस कार्यकर्ता की तरह काम नहीं करने की सख्त हिदायत दी है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों को राज बदलने पर अंजाम भुगतने को भी तैयार रहना होगा.
राजेन्द्र राठौड़ ने एक बयान जारी कर कहा कि कोटा दक्षिण नगर निगम में बोर्ड बनाने के इरादे विफल होते देख कांग्रेस बुरी तरह बौखला गई है. स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल अपने सारे काम छोड़ कर बस इसी काम जुटे हैं कि कोटा दक्षिण में बोर्ड बनाने का जो दावा उन्होंने कुछ दिनों पहले किया था, उसकी लाज रह जाए. इसके लिए उन्होंने पूरे सरकारी तंत्र को निर्दलीय पार्षदों और उनके परिजनों पर दबाव बनाने के लिए झोंक दिया है.
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सरकार ने संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर दी...
राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान प्रशासनिक सेवा और पुलिस सेवा के अधिकारी स्वयं कांग्रेस कार्यकर्ताओं की तरह व्यवहार कर रहे हैं. निर्दलीय प्रत्याशी लेखराज योगी के दवा विक्रेता रिश्तेदार को अधिकारियों ने कार्यालय में आने के लिए धमकाया गया. जब उसने बताया कि कुछ ही देर पहले बेटी की मृत्यु होने के कारण वह नहीं आ सकता तो भी बिना जांच और पूछताछ के बंद दुकान को सीज कर दिया गया. अधिकारियों से ऐसी हरकतें करवाकर मुख्यमंत्री गहलोत और स्वायत्तशासी मंत्री धारीवाल ने संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर दी हैं.
पुलिस कांग्रेस के दबाव में कर रही काम...
प्रतिपक्ष उपनेता ने कहा कि कांग्रेस के दबाव में पुलिस अधिकारी शरीफ लोगों के घरों मे देर रात जाकर दरवाजे खड़का रहे हैं. जबरन उनके घरों की तलाशी ली जा रही है और उन्हें थाने ले जाकर अवैध रूप से हिरासत में रखा जा रहा है. लोगों की रक्षा करने वाली पुलिस कांग्रेस के दबाव में भक्षक का काम कर रही है. निगम और अन्य विभागों के अधिकारियों को भी निर्दलीय पार्षदों के घरों में भेजकर तरह-तरह की कार्रवाई करने के लिए कहा जा रहा है.
पुलिस को इस प्रकार की कार्रवाई करने से बचना चाहिए...
राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों को दबाव में आकर इस प्रकार की कार्रवाई करने से बचना चाहिए, लेकिन वे खुद राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में इस तरह की गतिविधियों में लिप्त हो रहे हैं. इस पर हमारी पूरी नजर है. हम ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम नोट कर रहे हैं. सरकारें आती-जाती रहती हैं, राज बदलते रहते हैं और जब हमारा राज आएगा तब इन्हें देख लिया जाएगा.