जयपुर. लंपी स्किन रोग की रोकथाम के लिए रविवार को सीएम अशोक गहलोत की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पूर्व मंत्री रघु शर्मा के लगाए आरोप पर सियासी बवाल हो गया है. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने शर्मा के आरोपों को सत्य करार दिया. साथ ही यह भी कहा कि इस आपदा की घड़ी में काम केवल जोधपुर शहर तक ही सीमित होकर रह गया है.
सरकार की लचर व्यवस्था से परेशान हैं विधायक मंत्री: सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री रह चुके रघु शर्मा ने जब सार्वजनिक रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अपनी भावनाएं व्यक्त की, क्योंकि राजस्थान गौ माता के प्रति सहिष्णुता रखता है और हर व्यक्ति आज इस आपदा की घड़ी में चिंतित और व्यथित है. राठौड़ ने आरोप लगाया कि सरकार की लचर प्रबंधन (Rajendra Rathore Targets Gehlot Government) से आम लोग ही नहीं, बल्कि सरकार के ही पूर्व मंत्री और मौजूदा वरिष्ठ विधायक भी व्यथित हैं. जिसके चलते अब कांग्रेस नेताओं के बीच चल रहा अंतर्विरोध भी खुलकर सामने आ रहा है. राठौड़ ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में या तो जोधपुर शहर में काम हो रहा है या प्रभारी मंत्री अपने विधानसभा क्षेत्रों तक ही काम करवा रहे हैं. इस बीच रघु शर्मा के आरोप सरकार की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़े करती है.
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लंपी को राज्य आपदा घोषित करे सरकार: राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत सरकार की ओर से लंपी स्किन डिजीज को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग पर भी कटाक्ष किया. राठौड़ ने कहा राजस्थान सरकार पहले इस आपदा के दौरान बचाव के लिए उचित प्रबंधन करे. उन्होंने कहा कि सरकार इसे राष्ट्रीय आपदा से पहले राज्य आपदा घोषित करे और प्रदेश सरकार आपातकाल की स्थिति मानते हुए जल्द से जल्द पशुधन सहायक और पशु चिकित्सकों की भर्ती करे.
रविवार को लंपी स्किन डिजीज को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक ली थी. इसमें गुजरात प्रभारी और पूर्व चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कृषि व पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया को ही अपने बयानों से घेरा. शर्मा ने मुख्यमंत्री के सामने यह सवाल (Raghu Sharma targeted Gehlot government) उठा दिया कि मेरे विधानसभा क्षेत्र केकड़ी में इस रोग से गाय मर रही थी, लेकिन आपने वहां से वेटरनरी स्टाफ को जोधपुर में डेपुटेशन पर भेज दिया, इससे सरकार और सीएम दोनों का बहुत खराब मैसेज गया है. यह घटनाक्रम मुख्यमंत्री के सामने हुआ, लेकिन मुख्यमंत्री इस दौरान चुप रहे, जिसे बीजेपी ने अब मुद्दा बना लिया है.