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विवाह का अनिवार्य पंजीयन विधेयक मामले में राठौड़ ने साधा निशाना, कहा- गहलोत सरकार देर से ही सही, दुरुस्त आई

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विवादों में आए राजस्थान विवाहों का अनिवार्य पंजीयन संशोधन विधेयक को राज्यपाल से वापस लौटाने का आग्रह किया है. अब इस पर भी सियासत शुरू हो गई है. प्रतिपक्ष उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा है कि सरकार देर से ही सही, लेकिन दुरुस्त आई और मुख्यमंत्री के इस निर्णय के लिए हम उन्हें धन्यवाद करते हैं.

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विवाह का अनिवार्य पंजीयन विधेयक
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Published : Oct 12, 2021, 3:30 PM IST

जयपुर. विवाह का अनिवार्य पंजीयन विधेयक मामले में अब नई सियासत शुरू हो गई है. मंगलवार को राजेंद्र राठौड़ ने बयान जारी कर कहा कि सरकार को इस मामले में यू-टर्न लेना पड़ा. राठौड़ ने कहा कि जब विधानसभा में सरकार यह विधेयक लेकर आई और पारित किया तब पूरे विपक्ष ने पुरजोर तरीके से इसका विरोध किया.

राठौड़ ने आगे कहा कि भाजपा विधायकों ने यह तक कहा कि यह बिल बाल विवाह को बढ़ावा देने वाला साबित होगा, लेकिन तब विपक्ष के विरोध और दलिलों को सरकार ने स्वीकार नहीं किया. लेकिन अब जब राज्यपाल महोदय ने उस बिल को टिप्पणी करके वापस भेजा, तब सरकार देर से ही सही लेकिन दुरुस्त आई. राठौड़ ने तंज कसते हुए कहा कि सरकार जो बाल विवाह को प्रोत्साहन देने का काम कर रही थी, उसे रोकने का काम मुख्यमंत्री जी आपने किया है, जिसके लिए हम आपको धन्यवाद देते हैं.

राजेंद्र राठौड़ ने साधा गहलोत सरकार पर निशाना...

गृह मंत्री के तौर पर मुख्यमंत्री पूरी तरह विफल : राठौड़

दलित अत्याचार की घटनाओं को लेकर भी राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश सरकार जोरदार हमला करते हुए कहा कि पीलीबंगा में दलित युवक की हत्या की घटना के बाद अब पाली और जालोर में सामने आई घटना सरकार के दावों की पोल खोलती है. राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में दलितों पर अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं, जिसके चलते राजस्थान देश में दलित अत्याचार के मामले में सिरमौर बन गया है. राठौड़ ने यह भी कहा कि गृह मंत्री के तौर पर मुख्यमंत्री पूरी तरह विफल साबित हुए हैं.

पढ़ें : विवाह का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण संशोधन विधेयक को लेकर बैकफुट पर सरकार, सीएम गहलोत ने कहा-राज्यपाल वापस भेज दें बिल

डीएपी की खाद के लिए किसान परेशान, ये है किसान विरोधी सरकार : राठौड़

राजेंद्र राठौड़ ने सरकार को किसान विरोधी भी बताया है. राठौड़ के अनुसार डीएपी खाद के लिए किसानों को लंबी-लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है, लेकिन राजस्थान की सरकार ने आपूर्ति के लिए कोई प्रबंध नहीं किया. राठौड़ की मानें तो राजस्थान का किसान एक तरफ बिजली संकट की मार झेल रहा है तो दूसरी तरफ अतिवृष्टि के कारण उसकी फसलें खराब हो गईं और अब डीएपी खाद समय पर नहीं मिलने से किसान के हाल बेहाल होते जा रहे हैं.

जयपुर. विवाह का अनिवार्य पंजीयन विधेयक मामले में अब नई सियासत शुरू हो गई है. मंगलवार को राजेंद्र राठौड़ ने बयान जारी कर कहा कि सरकार को इस मामले में यू-टर्न लेना पड़ा. राठौड़ ने कहा कि जब विधानसभा में सरकार यह विधेयक लेकर आई और पारित किया तब पूरे विपक्ष ने पुरजोर तरीके से इसका विरोध किया.

राठौड़ ने आगे कहा कि भाजपा विधायकों ने यह तक कहा कि यह बिल बाल विवाह को बढ़ावा देने वाला साबित होगा, लेकिन तब विपक्ष के विरोध और दलिलों को सरकार ने स्वीकार नहीं किया. लेकिन अब जब राज्यपाल महोदय ने उस बिल को टिप्पणी करके वापस भेजा, तब सरकार देर से ही सही लेकिन दुरुस्त आई. राठौड़ ने तंज कसते हुए कहा कि सरकार जो बाल विवाह को प्रोत्साहन देने का काम कर रही थी, उसे रोकने का काम मुख्यमंत्री जी आपने किया है, जिसके लिए हम आपको धन्यवाद देते हैं.

राजेंद्र राठौड़ ने साधा गहलोत सरकार पर निशाना...

गृह मंत्री के तौर पर मुख्यमंत्री पूरी तरह विफल : राठौड़

दलित अत्याचार की घटनाओं को लेकर भी राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश सरकार जोरदार हमला करते हुए कहा कि पीलीबंगा में दलित युवक की हत्या की घटना के बाद अब पाली और जालोर में सामने आई घटना सरकार के दावों की पोल खोलती है. राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में दलितों पर अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं, जिसके चलते राजस्थान देश में दलित अत्याचार के मामले में सिरमौर बन गया है. राठौड़ ने यह भी कहा कि गृह मंत्री के तौर पर मुख्यमंत्री पूरी तरह विफल साबित हुए हैं.

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डीएपी की खाद के लिए किसान परेशान, ये है किसान विरोधी सरकार : राठौड़

राजेंद्र राठौड़ ने सरकार को किसान विरोधी भी बताया है. राठौड़ के अनुसार डीएपी खाद के लिए किसानों को लंबी-लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है, लेकिन राजस्थान की सरकार ने आपूर्ति के लिए कोई प्रबंध नहीं किया. राठौड़ की मानें तो राजस्थान का किसान एक तरफ बिजली संकट की मार झेल रहा है तो दूसरी तरफ अतिवृष्टि के कारण उसकी फसलें खराब हो गईं और अब डीएपी खाद समय पर नहीं मिलने से किसान के हाल बेहाल होते जा रहे हैं.

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