जयपुर. प्रदेश के सबसे बड़े कोविड अस्पताल आरयूएचएस में 3 मरीजों की मौत के मामले में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने तीखा हमला बोला है. राठौड़ ने कहा कि कोटा में ऑक्सीजन की कमी से 5 मरीजों की मौत की स्याही अभी सूखी ही नहीं थी कि अब जयपुर में ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होने से 3 मरीजों की मौत होना सरकार के माथे पर कलंक है. यह न केवल सरकार के कोरोना कुप्रबंधन के जानलेवा सिस्टम बल्कि अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही को भी प्रदर्शित करता है.
राठौड़ ने कहा कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार की नाक के नीचे अस्पताल प्रशासन की लापरवाही मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो रही है. प्रदेश के सबसे बड़े कोविड अस्पताल में 2 मिनट ऑक्सीजन रूकने से ही 3 मरीजों की मौत हो गई. यदि 1 मिनट की और देरी हो जाती तो करीब 27 मरीजों की जान और जा सकती थी.
राठौड़ ने कहा कि इस घटना की जानकारी मिलते ही चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से मौके पर पहुंचकर अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं करके पूरे मामले को दबाया गया. साथ ही मरीजों की स्थिति अति-गंभीर बताकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा गया.
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में यह पहली घटना नहीं है, जब अस्पताल में ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित होने से किसी मरीज की सांसों की डोर टूटी हो. इससे पहले भी कोटा में 5 मरीजों की ऑक्सीजन की कमी की वजह से मौत हो चुकी है. लेकिन विगत ऐसी घटनाओं से सरकार ने कोई सबक नहीं लिया. इस घटना के बाद एक बार फिर भविष्य में प्रदेशभर के विभिन्न कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम होने से रोगियों की मौत होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि वास्तविकता में सरकार ने स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत नहीं किया है.
राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा से आरयूएचएस में ऑक्सीजन बाधित होने से 3 मरीजों की मौत होने की दर्दनाक व हृदयविदारक घटना की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है. साथ ही जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.