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क्या हेमाराम चौधरी को राजकीय उपक्रम समिति के सभापति के रूप में मनोनीत करने से पूर्व उनकी सहमति ली गई थी: राठौड़

कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी (Hemaram Choudhary) को राजकीय उपक्रम समिति में सभापति बनाया गया है, जिसके बाद प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने ट्वीट कर कहा कि चौधरी का इस्तीफा सरकार के गले में अभी भी फांस बना हुआ है.

hemaram choudhary,  Rajendra Rathore
राजेंद्र राठौड़
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Published : Jul 3, 2021, 7:55 PM IST

Updated : Jul 3, 2021, 8:53 PM IST

जयपुर. राजस्थान की सियासत में सियासी घटनाक्रम हर दिन अलग मोड़ ले रही है. साथ ही प्रदेश में बयानबाजी भी चरम पर है. कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी (Hemaram Choudhary) प्रकरण में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने निशाना साधते हुए कहा कि चौधरी का इस्तीफा सरकार के गले में अभी भी फांस बना हुआ है.

पढ़ें- स्पीकर सीपी जोशी ने दिए संकेत, पायलट कैम्प के हेमाराम चौधरी का इस्तीफा नहीं होगा मंजूर!

हेमाराम चौधरी का इस्तीफा सरकार के गले का फांस

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि- 'कांग्रेस सरकार के मुखिया की कार्यप्रणाली के विरुद्ध दुःखी मन से हेमाराम चौधरी (Hemaram Choudhary) ने डेढ़ माह पूर्व 18 मई को राजस्थान विधानसभा के प्रक्रिया और कार्य संचालन संबंधी नियम-173 के अन्तर्गत विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा भेजा था. लेकिन उनका इस्तीफा सरकार के गले में अभी भी फांस बना हुआ है.

hemaram choudhary,  Rajendra Rathore
राजेंद्र राठौड़-1

'गले की फांस को निकालने का असफल प्रयास'

उन्होंने लिखा कि सरकार ने विधानसभा में राजकीय उपक्रम समिति का सभापति बनाकर इस गले की फांस को निकालने का असफल प्रयास किया है. लेकिन इन समितियों में स्वयं के विरोधी कांग्रेस खेमे के सदस्यों को अधिक वरीयता देने से कांग्रेस में उभरे असंतोष व अंतर्कलह को किसी भी आवरण में ढ़का नहीं जा सकता है.

क्या हेमाराम चौधरी की सहमति ली गई थी...

राठौड़ (Rajendra Rathore) ने आगे लिखा कि अब यक्ष प्रश्न यह है कि अपनी बात पर अडिग रहने वाले वरिष्ठ नेता हेमाराम चौधरी को राजकीय उपक्रम समिति के सभापति के रूप में मनोनीत करने से पूर्व उनकी सहमति ली गई थी? बिना सहमति के सरकारी मुख्य सचेतक की ओर से विधानसभा अध्यक्ष को सभापति के रूप में नाम प्रस्तावित करना कहां तक उचित है?

hemaram choudhary,  Rajendra Rathore
राजेंद्र राठौड़ ट्वीट-2

हेमाराम चौधरी ने दिया था इस्तीफा

बता दें कि अपने विधानसभा क्षेत्र में काम नहीं होने से नाराज हेमाराम चौधरी ने अपनी पार्टी के खिलाफ नाराजगी जताते हुए विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. इस बीच कोशिश की गई कि हेमाराम चौधरी को मना लिया जाए और कांग्रेस इस बात को कहती रही है कि यह उनके घर का आपसी मामला है, इसे जल्द सुलझा लेंगे. लेकिन, हेमाराम चौधरी (Hemaram Choudhary) ने अपना इस्तीफा वापस नहीं लिया. इस बीच विधानसभा ने नाराज हेमाराम चौधरी को राजकीय उपक्रम समिति के सभापति के रूप में मनोनीत कर दिया गया है, जिसके बाद बीजेपी आक्रामक हो गई है.

जयपुर. राजस्थान की सियासत में सियासी घटनाक्रम हर दिन अलग मोड़ ले रही है. साथ ही प्रदेश में बयानबाजी भी चरम पर है. कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी (Hemaram Choudhary) प्रकरण में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने निशाना साधते हुए कहा कि चौधरी का इस्तीफा सरकार के गले में अभी भी फांस बना हुआ है.

पढ़ें- स्पीकर सीपी जोशी ने दिए संकेत, पायलट कैम्प के हेमाराम चौधरी का इस्तीफा नहीं होगा मंजूर!

हेमाराम चौधरी का इस्तीफा सरकार के गले का फांस

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि- 'कांग्रेस सरकार के मुखिया की कार्यप्रणाली के विरुद्ध दुःखी मन से हेमाराम चौधरी (Hemaram Choudhary) ने डेढ़ माह पूर्व 18 मई को राजस्थान विधानसभा के प्रक्रिया और कार्य संचालन संबंधी नियम-173 के अन्तर्गत विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा भेजा था. लेकिन उनका इस्तीफा सरकार के गले में अभी भी फांस बना हुआ है.

hemaram choudhary,  Rajendra Rathore
राजेंद्र राठौड़-1

'गले की फांस को निकालने का असफल प्रयास'

उन्होंने लिखा कि सरकार ने विधानसभा में राजकीय उपक्रम समिति का सभापति बनाकर इस गले की फांस को निकालने का असफल प्रयास किया है. लेकिन इन समितियों में स्वयं के विरोधी कांग्रेस खेमे के सदस्यों को अधिक वरीयता देने से कांग्रेस में उभरे असंतोष व अंतर्कलह को किसी भी आवरण में ढ़का नहीं जा सकता है.

क्या हेमाराम चौधरी की सहमति ली गई थी...

राठौड़ (Rajendra Rathore) ने आगे लिखा कि अब यक्ष प्रश्न यह है कि अपनी बात पर अडिग रहने वाले वरिष्ठ नेता हेमाराम चौधरी को राजकीय उपक्रम समिति के सभापति के रूप में मनोनीत करने से पूर्व उनकी सहमति ली गई थी? बिना सहमति के सरकारी मुख्य सचेतक की ओर से विधानसभा अध्यक्ष को सभापति के रूप में नाम प्रस्तावित करना कहां तक उचित है?

hemaram choudhary,  Rajendra Rathore
राजेंद्र राठौड़ ट्वीट-2

हेमाराम चौधरी ने दिया था इस्तीफा

बता दें कि अपने विधानसभा क्षेत्र में काम नहीं होने से नाराज हेमाराम चौधरी ने अपनी पार्टी के खिलाफ नाराजगी जताते हुए विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. इस बीच कोशिश की गई कि हेमाराम चौधरी को मना लिया जाए और कांग्रेस इस बात को कहती रही है कि यह उनके घर का आपसी मामला है, इसे जल्द सुलझा लेंगे. लेकिन, हेमाराम चौधरी (Hemaram Choudhary) ने अपना इस्तीफा वापस नहीं लिया. इस बीच विधानसभा ने नाराज हेमाराम चौधरी को राजकीय उपक्रम समिति के सभापति के रूप में मनोनीत कर दिया गया है, जिसके बाद बीजेपी आक्रामक हो गई है.

Last Updated : Jul 3, 2021, 8:53 PM IST
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