ETV Bharat / city

राठौड़ का गहलोत सरकार पर बड़ा आरोप, बोले- कृषि कनेक्शन के नाम पर किया 'करोड़ों का गड़बड़झाला'...यशंवत सिन्हा से भी जोड़े तार

प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कृषि कनेक्शन के नाम पर हुए भ्रष्टाचार का आरोप प्रदेश सरकार पर लगाया है (Rajendra Rathore On Krishi Connection). अपने बयान में राठौर ने 1600 करोड़ के गड़बड़झाले का जिक्र किया है. उन्होंने इस पूरे गड़बड़झाले का गणित समझाया है. राठौड़ ने अपने आरोपों में पूर्व भाजपा नेता और वर्तमान में विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को भी लपेटा है.

Rajendra Rathore On Krishi Connection
कृषि कनेक्शन के नाम पर किया 'करोड़ों का गड़बड़झाला'
author img

By

Published : Jul 19, 2022, 8:14 AM IST

जयपुर. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने बजट में बिजली कृषि कनेक्शन को लेकर किए गए एलान की याद दिलाई है (Rajendra Rathore On Krishi Connection). इस एलान को पूरा करने के लिए ऊर्जा विभाग की कोशिशों और बढ़ी लागत की ओर भी ध्यान खींचा है. राठौड़ ने कहा है कि 1.04 लाख बिजली कृषि कनेक्शन देने के टर्नकी प्रोजेक्ट में 1600 करोड़ का ऐसा गड़बड़झाला किया जा रहा है जिसकी वजह से अब 2300 करोड़ का काम 3900 करोड़ रुपये में होगा. जिसका भार प्रदेश के करोड़ों विद्युत उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा.

समझाया गणित: राठौड़ ने सोमवार शाम एक बयान जारी कर आरोप लगाया कि जयपुर, जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम ने मुख्यमंत्री की बजट घोषणा को पूरी करने के लिए 22 अप्रैल को 2300 करोड़ रुपये टेंडर निकाला था. टेंडर चहेती कंपनी को ही मिले. इसके लिए निविदा की शर्तों में 6 मई, 9 मई, 16 मई, 25 मई, 31 मई और 8 जून यानी कुल 6 बार मनमाने तरीके से संशोधन किया गया. इस संशोधन के कारण ज्वाइंट वेंचर और दूसरे राज्यों की कई बड़ी कंपनियां बाहर हो गईं. हर टेंडर में अधिकारियों की चहेती सिर्फ एक दो कंपनियां ही शामिल हो सकीं. फिर मनमर्जी करते हुए निविदा में 82 फीसदी ज्यादा रेट लगाया गया और अधिकारी भी इन्ही कंपनियों को वर्कऑर्डर देने के लिए आमादा हैं.

चहेती कम्पनियों को फायदा: राठौड़ ने अपने बयान में कहा कि टर्नकी प्रोजेक्ट के जरिए सरकारी अधिकारियों ने टेंडर करने के साथ ही अपनी खास और चहेती फर्मों को फायदा पहुंचाने के लिए नियम कायदे बदलने का खेल शुरू कर दिया है. इसके लिए सबसे पहले ज्वाइंट वेंचर की दोनों कंपनियों में से किसी एक के पास भी 50 प्रतिशत काम करने का अनुभव की शर्त रखी गई थी, जिसके बदलने से करीब 50 कंपनियां टेंडर से स्वतः ही बाहर हो गईं. इसके साथ ही दोनों पार्टनर का इलेक्ट्रिकल लाइसेंस अनिवार्य करने और टर्नकी में मेटेरियल संग मजदूर ठेकेदार द्वारा ही लाने जैसे टेंडर के नियमों में संशोधन/घपला करने से कई कंपनियां टेंडर में शामिल नहीं हो सकीं.

पढ़ें-सांसद-विधायकों की मौजूदगी में राठौड़ ने वसुंधरा को बताया यशस्वी मुख्यमंत्री...राजे मुस्कराईं और कही ये बात

घोषणा को पूरा करने के लिए खेल: राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी ने आगामी दो वर्षों में प्रदेश में 4.88 लाख से ज्यादा नए व लम्बित कृषि कनेक्शन जारी करने की बजटीय घोषणा की थी. इसी क्रम में प्रदेश में पहली बार कृषि कनेक्शन देने का कार्य टर्नकी प्रोजेक्ट से हो रहा है. डिस्कॉम प्रबंधन निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए ज्यादा रेट पर वर्कऑर्डर देना चाहती है जबकि अभी मात्र 1.04 लाख बिजली कृषि कनेक्शन के लिए टेंडर निकाले गए हैं. शेष 3.85 लाख कनेक्शन के लिए अभी प्रक्रिया ही शुरू नहीं हुई. ऊर्जा विभाग में यह भ्रष्टाचार यूं ही जारी रहा तो डिस्कॉम्स को 6400 करोड़ का सीधा आर्थिक नुकसान होगा, जिसकी वसूली आम उपभोक्ताओं से टैरिफ बढ़ाकर वसूली जाएगी.

यशवंत सिन्हा का लिया नाम: राठौड़ ने कहा कि कृषि कनेक्शनों के टर्नकी प्रोजेक्ट के अलावा सौर ऊर्जा के सोलर पैनल उत्पादन निर्माता कंपनी को फायदा पहुंचाने का कुकृत्य कांग्रेस सरकार कर रही है. कांग्रेस समर्थित राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा पर भी हमला किया है (Rathore on Yashwant Sinha). उन्होंने कहा है कि सिन्हा के बेटे सुमंत सिन्हा की सोलर पैनल निर्माता कंपनी रिन्यू पावर को कांग्रेस सरकार फायदा पहुंचाना चाह रही है. इसके तहत उन्हें विशेष कस्टमाइज पैकेज दे रही है जिसमें 1 हजार करोड़ रुपये के निवेश पर दोगुने से ज्यादा यानी करीब 2020 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता राशि सरकार देगी जबकि पूरे प्लांट के रोबोटिक और ऑटोमेशन होने से 100 से भी कम लोगों को बमुश्किल से रोजगार मिलेगा.

जयपुर. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने बजट में बिजली कृषि कनेक्शन को लेकर किए गए एलान की याद दिलाई है (Rajendra Rathore On Krishi Connection). इस एलान को पूरा करने के लिए ऊर्जा विभाग की कोशिशों और बढ़ी लागत की ओर भी ध्यान खींचा है. राठौड़ ने कहा है कि 1.04 लाख बिजली कृषि कनेक्शन देने के टर्नकी प्रोजेक्ट में 1600 करोड़ का ऐसा गड़बड़झाला किया जा रहा है जिसकी वजह से अब 2300 करोड़ का काम 3900 करोड़ रुपये में होगा. जिसका भार प्रदेश के करोड़ों विद्युत उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा.

समझाया गणित: राठौड़ ने सोमवार शाम एक बयान जारी कर आरोप लगाया कि जयपुर, जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम ने मुख्यमंत्री की बजट घोषणा को पूरी करने के लिए 22 अप्रैल को 2300 करोड़ रुपये टेंडर निकाला था. टेंडर चहेती कंपनी को ही मिले. इसके लिए निविदा की शर्तों में 6 मई, 9 मई, 16 मई, 25 मई, 31 मई और 8 जून यानी कुल 6 बार मनमाने तरीके से संशोधन किया गया. इस संशोधन के कारण ज्वाइंट वेंचर और दूसरे राज्यों की कई बड़ी कंपनियां बाहर हो गईं. हर टेंडर में अधिकारियों की चहेती सिर्फ एक दो कंपनियां ही शामिल हो सकीं. फिर मनमर्जी करते हुए निविदा में 82 फीसदी ज्यादा रेट लगाया गया और अधिकारी भी इन्ही कंपनियों को वर्कऑर्डर देने के लिए आमादा हैं.

चहेती कम्पनियों को फायदा: राठौड़ ने अपने बयान में कहा कि टर्नकी प्रोजेक्ट के जरिए सरकारी अधिकारियों ने टेंडर करने के साथ ही अपनी खास और चहेती फर्मों को फायदा पहुंचाने के लिए नियम कायदे बदलने का खेल शुरू कर दिया है. इसके लिए सबसे पहले ज्वाइंट वेंचर की दोनों कंपनियों में से किसी एक के पास भी 50 प्रतिशत काम करने का अनुभव की शर्त रखी गई थी, जिसके बदलने से करीब 50 कंपनियां टेंडर से स्वतः ही बाहर हो गईं. इसके साथ ही दोनों पार्टनर का इलेक्ट्रिकल लाइसेंस अनिवार्य करने और टर्नकी में मेटेरियल संग मजदूर ठेकेदार द्वारा ही लाने जैसे टेंडर के नियमों में संशोधन/घपला करने से कई कंपनियां टेंडर में शामिल नहीं हो सकीं.

पढ़ें-सांसद-विधायकों की मौजूदगी में राठौड़ ने वसुंधरा को बताया यशस्वी मुख्यमंत्री...राजे मुस्कराईं और कही ये बात

घोषणा को पूरा करने के लिए खेल: राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी ने आगामी दो वर्षों में प्रदेश में 4.88 लाख से ज्यादा नए व लम्बित कृषि कनेक्शन जारी करने की बजटीय घोषणा की थी. इसी क्रम में प्रदेश में पहली बार कृषि कनेक्शन देने का कार्य टर्नकी प्रोजेक्ट से हो रहा है. डिस्कॉम प्रबंधन निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए ज्यादा रेट पर वर्कऑर्डर देना चाहती है जबकि अभी मात्र 1.04 लाख बिजली कृषि कनेक्शन के लिए टेंडर निकाले गए हैं. शेष 3.85 लाख कनेक्शन के लिए अभी प्रक्रिया ही शुरू नहीं हुई. ऊर्जा विभाग में यह भ्रष्टाचार यूं ही जारी रहा तो डिस्कॉम्स को 6400 करोड़ का सीधा आर्थिक नुकसान होगा, जिसकी वसूली आम उपभोक्ताओं से टैरिफ बढ़ाकर वसूली जाएगी.

यशवंत सिन्हा का लिया नाम: राठौड़ ने कहा कि कृषि कनेक्शनों के टर्नकी प्रोजेक्ट के अलावा सौर ऊर्जा के सोलर पैनल उत्पादन निर्माता कंपनी को फायदा पहुंचाने का कुकृत्य कांग्रेस सरकार कर रही है. कांग्रेस समर्थित राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा पर भी हमला किया है (Rathore on Yashwant Sinha). उन्होंने कहा है कि सिन्हा के बेटे सुमंत सिन्हा की सोलर पैनल निर्माता कंपनी रिन्यू पावर को कांग्रेस सरकार फायदा पहुंचाना चाह रही है. इसके तहत उन्हें विशेष कस्टमाइज पैकेज दे रही है जिसमें 1 हजार करोड़ रुपये के निवेश पर दोगुने से ज्यादा यानी करीब 2020 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता राशि सरकार देगी जबकि पूरे प्लांट के रोबोटिक और ऑटोमेशन होने से 100 से भी कम लोगों को बमुश्किल से रोजगार मिलेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.